नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति: 9वीं से 12वीं तक अगले सत्र से साल में 2 परीक्षाएं. विकल्प में 150 विषय :- राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के हिसाब से कक्षा 3 से 12वीं तक के लिए नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (एनसीएफ) तैयार हो गया है। इसके प्रकाशन की तैयारी चल रही है। एनईपी – 2020 घोषित होने की तीसरी वर्षगांठ 29 जुलाई या उससे पहले एनसीएफ सामने आ सकता है।
नई किताबें तैयार करने के लिए भी विषय विशेषज्ञों की पहचान
एनसीएफ के घोषित होते ही किताबें तैयार करने की कमेटियां गठित होंगी। कक्षा 3 से 12 तक के लिए स्कूली शिक्षा में अब करीब 150 विषयों की किताबें बनाई जाएंगी। तैयारी है। कि शैक्षणिक सत्र 2024-25 के शुरुआती महीनों में नए एनईपी के हिसाब से कक्षा – 3, 6 और 9 की पहली किताबें सामने आ जाएं।
पिछली नीति की तुलना में पांच गुना तेजी से काम
पिछली नीति 1986 में आई, किताबें 2008 तक आई। इस बार 22020 में नीति, 2 साल में प्री स्कूल की बुक्स, 12 वीं तक का कोर्स पूरा
नीति दस्तावेज ‘सार्थक’ में 297 टॉस्क लिस्ट हैं। इसमें से एक-तिहाई पूर्ण, अगले एक तिहाई अंतिम चरण में, शेष दो साल में पूरे हो जाएंगे।
फाउंडेशन स्टेज (3 से 8 साल): किसी भी प्रकार की परीक्षा नहीं
फाउंडेशन स्टेज की नये नियम
बाल वाटिका / प्री-स्कूल में बच्चों को जादुई पिटारे (53 किस्म के खेल-खिलौने, पोस्टर, बोर्ड, बिल्डिंग ब्लॉक, प्लेइंग कार्ड) से पढ़ाई होगी।
स्कूल बैग नहीं होगा।
सभी सेंट्रल स्कूल में बाल वाटिका खोलीं गईं हैं।
जादुई पिटारा फरवरी में जारी हो चुका है।
प्राइवेट स्कूलों में ही प्ले ग्रुप और नर्सरी की क्लासेस चलती हैं।
एनईपी में शुरुआती तीन साल सरकारी स्कूलों में भी पढ़ाए जाएंगे।
6 से 8 सालः प्री-स्कूलिंग कर चुके छह साल के बच्चे को पहली कक्षा में दाखिला मिलेगा।
इसमें केवल दो किताबें होंगी भाषा और गणित।
दूसरी कक्षा के बाद फाउंडेशन लेवल पूरा होगा।
फाउंडेशन लेवल में कोई परीक्षा नहीं होगी।
जन्म से 3 साल तकः माता-पिता के लिए भी पहली बार अर्ली चाइल्डकेयर एजुकेशन सिलेबस
पालन-पोषण में क्या ध्यान रखें, क्या करें) तैयार हो चुका है
ये सिलेबस जल्दी ही जारी किया जाएगा।
प्रीप्रेटरी स्टेज (8 से 11 साल)
3 भाषाएं और गणित की पढ़ाई
कक्षा 3 में आठ साल के बच्चे को दाखिला मिलेगा।
5 वीं कक्षा तक पढ़ाई मातृभाषा या स्थानीय भाषा में होगी।
कक्षा 3 में पहली बार बच्चे का मूल्यांकन होगा।
कक्षा-5 के आखिर में दूसरी बार मूल्यांकन होगा।
मिडिल स्टेज (11 से 14 साल)
वोकेशनल एक्सपोजर शुरू होगा
कक्षा 6 में 11 साल के बच्चे को दाखिला मिलेगा।
8वीं कक्षा तक बच्चों को वोकेशनल एक्सपोजर कराया जाएगा.
इसका मूल्यांकन नहीं होगा ।
भाषा और विज्ञान के अलावा मानविकी, विज्ञान, कला और सामाजिक विज्ञान की बेसिक पढ़ाई करेंगे।
8वीं कक्षा की पढ़ाई पूरी होने पर तीसरा मूल्यांकन होगा।
कक्षा 3, 5 और 8 में होने वाले मूल्यांकन बोर्ड परीक्षा की तरह नहीं होंगे।
छात्रों- पैरेंट्स की नियमित काउंसलिंग होगी।
वोकेशनल एजुकेशन का मूल्यांकन 9वीं कक्षा से होगा।
सेकंडरी स्टेज (14 से 18 साल):- नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति
9वीं का रिजल्ट 10 वीं में भी जुड़ेगा कक्षा 9 से 12 तक सेमेस्टर सिस्टम से पढ़ाई होगी।
सेमेस्टर अगले सत्र से शुरू होने की संभावना है। साल में बोर्ड परीक्षा के दो मौके मिलेंगे।
9वीं – 10वीं और 11वीं-12वीं में कुल 16-16 पेपर (कोर्स) देने होंगे यानी एक साल में कम से कम 8 पेपर होंगे।
9वीं का रिजल्ट 10वीं के फाइनल सर्टिफिकेट में जुड़ेगा, इसी तरह 11वीं के अंक 12वीं के रिजल्ट में जुड़कर सर्टिफिकेट मिलेगा।
9 वीं व 10 वीं में आठ स्ट्रीम होंगे- मानविकी भाषा, मैथमेटिक्स, वोकेशनल एजुकेशन, फिजिकल एजुकेशन, आर्ट्स, सोशल साइंस, साइंस और इंटरडिसिप्लीनरी ग्रुप |
इन 8 ग्रुप में हर से दो-दो यानी 16 पेपर चुनने होंगे।
इन्हीं आठ समूहों में से न्यूनतम तीन समूहों से चार विषय चुनने होंगे। हर विषय के चार- चार पेपर होंगे। चुनने के 150 विकल्प मिलेंगे।
अभी तक 11 वीं व 12 वीं के स्तर पर साइंस, कॉमर्स व आर्ट्स संकाय हैं। लेकिन, अब संकाय का विभाजन नहीं होगा।
यहां तक कि संगीत, खेल व क्राफ्ट गतिविधियों को आर्ट्स एजुकेशन, फिजिकल एजुकेशन व वोकेशनल एजुकेशन का दर्जा मैथमेटिक्स, साइंस, मानविकी, भाषा व सामाजिक विज्ञान के बराबर होगा।