बिहार के सभी यूनिवर्सिटी में स्नातक में बिना अप्लाई के डायरेक्ट नामांकन शुरू

बिहार के सभी यूनिवर्सिटी में स्नातक में बिना अप्लाई के डायरेक्ट नामांकन शुरू

बिहार के सभी यूनिवर्सिटी में स्नातक में बिना अप्लाई के डायरेक्ट नामांकन शुरू:-पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय में स्नातक (सत्र 2024-28) में स्पॉट राउंड नामांकन के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया 13 जुलाई से प्रारंभ होगी। जो छात्र-छात्राएं अबतक किसी कारणवश नामांकन नहीं ले सके हैं, वे 13 और 14 जुलाई को आवेदन कर सकते हैं। ऐसे कई छात्र हैं जिनका किसी त्रुटि की वजह से नामांकन नहीं हो सका था या नामांकन रद्द हो गया था, वे सीधे रजिस्ट्रेशन कराकर नया आवेदन करते हुए स्पॉट राउंड के लिए ऑफर लेटर डाउनलोड कर नामांकन ले सकते हैं। कॉलेजों द्वारा आरक्षण नियमों का पालन करते हुए है। इसके मेधा सूची जारी करने की अंतिम तिथि 16 जुलाई है। आधार पर नामांकन लेने की तिथि 19 और 20 जुलाई है। 21 जुलाई तक विवि नामांकन को वैलिडेट करेंगे।

नामांकन लेने वाले छात्र ऑफर लेटर डाउनलोड कर 15 जुलाई शाम पांच बजे तक हर हाल में संबंधित कॉलेजों में जाकर जमा करेंगे, जहां सीटें खाली हैं। छात्र विषय और नामांकन संबंधी सारी जानकारी सही-सही भरेंगे। ब्लैंक ऑफर लेटर दो भागों में उपलब्ध रहेगा। ऊपर वाला भाग छात्रों के लिए और दूसरा भाग छात्र कॉलेज के लिए रहेगा। कॉलेज छात्रों को दूसरे भाग पर आवेदन की प्राप्ति रसीद अवश्य देंगे। कॉलेजों को निर्देश दिया गया है कि जब तक छात्र स्वयं उपस्थित होकर अपने मूल अंक पत्र और प्रमाणपत्रों का सत्यापन नहीं करवा लेते हैं, तब तक उनके नामांकन का वैलिडेशन नहीं करेंगे।

इसके बाद भी अगर सीटें नहीं भरती हैं तो सेकेंड राउंड स्पॉट नामांकन 22 जुलाई से होगा। कॉलेज में नामांकन वैलिडेशन की अंतिम तिथि 23 जुलाई है। कॉलेजों को हर स्तर पर मेधा सूची और नामांकन में पारदर्शिता बनाए रखने को कहा गया है। स्टूडेंट्स वेलफेयर डीन प्रो एके नाग ने कहा कि स्पॉट राउंड में जो गलत तरीके से नामांकन लेंगे वैसे कॉलेजों पर कार्रवाई की जाएगी। हर स्तर पर कॉलेज मेधा सूची और नामांकन में पारदर्शिता रखेंगे।

आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय में सत्र 2024- 26 के लिए पीजी और अन्य पाठ्यक्रम में अब 31 अगस्त तक मेरिट बेस्ड स्पॉट एडमिशन होगा। विश्वविद्यालय और कई अन्य शिक्षण संस्थानों में स्नातक फाइनल सेमेस्टर की परीक्षा का रिजल्ट अभी नहीं निकलने के कारण तिथि बढ़ाई गई है। स्पॉट एडमिशन की प्रक्रिया पूरी तरह ऑफलाइन तरीके से हो रही है। इच्छुक विद्यार्थी 31 अगस्त तक मूल प्रमाणपत्र के साथ विश्वविद्यालय के विभिन्न केंद्रों में सुबह 10:30 से शाम 5 बजे तक किसी भी कार्य दिवस को उपस्थित होकर एडमिशन की प्रक्रिया में भाग ले सकते हैं।

संबंधित कोर्स के लिए योग्यता और मूल प्रमाणपत्र की जांच के बाद विद्यार्थी नामांकन प्राप्त कर सकते हैं। कुलपति डॉ. शरद कुमार यादव के मुताबिक, शिक्षकों की कमी को जल्द दूर कर लिया जाएगा। कुलसचिव ई. रामजी सिंह ने कहा कि आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय तेजी से शोध और शैक्षणिक पाठ्यक्रमों के विकास पर काम कर रहा है। बिहार सरकार ने सभी स्कूलों को सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस की तरह स्थापित किया है और इसके तहत विभिन्न रोजगारपरक शैक्षणिक पाठ्यक्रमों को संचालित करने की पहल की है, जिसका लाभ बिहार के विद्यार्थी उठा सकते हैं। पीजी में नामांकन के लिए इच्छुक विद्यार्थियों के लिए स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना की सुविधा उपलब्ध है। आने वाले सत्रों में और भी विभाग संचालित होने वाले हैं जो बिहार में उत्कृष्ट शिक्षा के लिए अपने आप में एक विशेष पहल होगी।

राज्य के विश्वविद्यालयों में स्नातक की सीटें नहीं भर पा रही हैं। नियमित सत्र नहीं। समय पर परीक्षा और रिजल्ट नहीं। शिक्षकों का टोटा समेत कई कारणों से स्नातक की सीटें रिक्त रह जा रही हैं।

ललित नारायण मिथिल विवि (एलएनएमयू) में स्नातक में साढ़े तीन लाख सीटें हैं। यहां मात्र एक लाख 75 हजार आवेदन आए हैं। अब तक एक लाख नौ हजार सीटें पर नामांकन हुआ है। यहां दो लाख सीटें खाली रहने की आशंका है। पिछले साल भी एक लाख से अधिक सीटें खाली रह गई थीं।

पाटलिपुत्रा विवि में चार राउंड के बाद भी 60 हजार सीटें खाली हैं। यहां एक लाख 20 हजार सीटें हैं। अब इन्हें स्पॉट राउंड से भरने की तैयारी है। पिछले वर्ष 90 हजार तो इस साल 63 हजार नामांकन हुए हैं। पटना विवि में भी तीन राउंड के बाद लगभग एक हजार सीटें रिक्त हैं। आर्यभट्ट ज्ञान विवि की स्थिति तो पिछले तीन भी खराब है।

मगध विवि में 50 हजार से अधिक सीटें रिक्त रह सकती हैं। यहां पिछले साल भी 70 हजार सीटें रिक्त थीं। मुंगेर विवि के 30 अंगीभूत तथा संबंद्ध कॉलेज में स्नातक पार्ट वन में कुल 86038 सीटें हैं। यहां अभी 50% सीटें बची हुई हैं। तिलका मांझी विवि में 50% से अधिक सीटों पर दाखिला नहीं होता है। स्पॉट राउंड के बाद 60% तक नामांकन होता है। वीर कुंवर सिंह विवि में आरा में करीब 90 हजार सीटें हैं, जबकि नामांकन 50 हजार हुआ है। अभी नामांकन प्रक्रिया जारी है।

अधिकतर विवि की ओर से अब तक दो से तीन मेधा सूची जारी हो चुकी है। अब तो स्पॉट एडमिशन में भी विद्यार्थी नहीं आ रहे हैं। पहली, दूसरी और तीसरी सूची की नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद बड़ी संख्या में सीटें खाली रह गई। बाद में कॉलेज चुनने का विकल्प भी दिया गया मगर अपेक्षा के अनुसार छात्र नहीं पहुंच रहे। विवि प्रबंधन के साथ कॉलेज संचालकों की परेशानी भी बढ़ती जा रही है। कला में इतिहास छोड़ अधिकतर विषयों में छात्रों की कमी है। भाषा में हिन्दी और अंग्रेजी के अलावा कई क्षेत्रीय भाषाओं में नामांकन कम है। यही हाल विज्ञान में गणित, रसायन, जन्तु विज्ञान और भौतिकी को छोड़ अन्य विषयों का है।

सीट रिक्ति पर सार्थक पहल नहीं हो रही। उदासीनता से सीटें खाली रह जा रही हैं। समय पर न दाखिला नहीं। परीक्षा और रिजल्ट में भी कई तरह की गड़बड़ी होती है। संबंद्धता वाले कॉलेजों को इतनी सीटें उपलब्ध करा दी जाती है कि भरना मुश्किल है। थोक भाव से विवि की ओर से संबंद्धता दी गई है। ऐसी स्थिति में सीटें भरना मुश्किल है।

बीआरए बिहार विवि में अलगे वर्ष से स्नातक में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा पास करनी होगी। विवि प्रशासन इसकी योजना तैयार कर रहा है। यह प्रवेश परीक्षा सीयूईटी की तर्ज पर ली जाएगी। विवि के डीएसडब्ल्यू प्रो. आलोक प्रताप का कहना है कि अभी इसका प्रस्ताव तैयार हो रहा है। अंतिम फैसला कुलपति और विवि के सभी निकाय लेंगे।

विवि के सूत्रों के अनुसार, प्रवेश परीक्षा में छात्रों से बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे जाएंगे। इस परीक्षा में आए अंकों के आधार पर ही छात्रों को कॉलेज आवंटित किया जाएगा। बीआरएबीयू में अभी इंटर आए अंकों के आधार पर मेरिट लिस्ट निकाली जाती है। राजभवन ने भी पिछले वर्ष स्नातक में दाखिले के लिए मेरिट लिस्ट या प्रवेश परीक्षा का विकल्प विश्वविद्यालयों को दिया था। यूजीसी ने भी पिछले वर्ष प्रस्ताव दिया था।

बीआरएबीयू में स्नातक में इस वर्ष अब तक एक लाख नौ हजार 784 छात्रों का दाखिला हो चुका है। विवि के कॉलेजों में अभी ऑनस्पाट नामांकन की प्रक्रिया चल रही है। स्नातक में दाखिले के लिए विवि के पोर्टल पर एक लाख 62 हजार छात्रों ने आवेदन किया था। इसके बाद विवि ने नामांकन के लिए तीन मेरिट लिस्ट जारी की। तीनों मेरिट लिस्ट के आधार पर 90 हजार छात्रों ने विवि से जुड़े विभिन्न कॉलेजों में दाखिला लिया है। तीनों मेरिट लिस्ट में चयनित होने के बाद भी हजारों छात्रों ने स्नातक में दाखिला नहीं लिया।

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