अपार आईडी कार्ड क्या है? अपार आईडी कार्ड से मिलेंगे ये ये फायदे | APAAR ID CARD

अपार आईडी कार्ड क्या है? अपार आईडी कार्ड से मिलेंगे ये ये फायदे | APAAR ID CARD

अपार आईडी कार्ड क्या है? अपार आईडी कार्ड से मिलेंगे ये ये फायदे | APAAR ID CARD:-पटना, दरंभगा, सारण, गया, बक्सर सहित 25 जिलों में छात्रों की यूनिक आईडी बनाने में लापरवाही बरती गई है। इसको देखते हुए राज्य परियोजना अधिकारी योगेंद्र सिंह ने 25 जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा है। 16 नवंबर को ही ऑटोमेटिक परमानेंट एकेडमिक एकाउंट रजिस्ट्री (अपार) आईडी बनाने का निर्देश दिया गया था। इसके बाद 15 दिनों में केवल 40% छात्रों का रजिस्ट्रेशन हुआ है। ऐसे में छात्रों को नए सत्र में सरकारी योजनाओं का लाभ मिलने में परेशानी होगी।

अपार आईडी वोटर कार्ड की तरह काम करेगी। एक बार छात्रों को यूनिक नंबर मिलने के बाद उसे बदला नहीं जाएगा। ये पूरे देश में मान्य होगा। इससे छात्रों का पूरा रिकॉर्ड शिक्षा विभाग में उपलब्ध रहेगा। यह कार्ड वन नेशन वन स्टूडेंट के तहत बनाया जा रहा है। इस कार्ड में नाम, पता, पैरेंट्स का नाम, फोटो के साथ- साथ छात्र-छात्राओं की एकेडमिक से लेकर स्पोर्ट्स एक्टिविटी तक की डिटेल होगी। साथ ही मार्कशीट, कैरेक्टर सर्टिफिकेट, स्कूल ट्रांसफर सर्टिफिकेट सहित अन्य दस्तावेज भी मौजूद होंगे।

शिक्षा विभाग ने पटना समेत राज्य के 25 जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियों (डीईओ) से ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री (अपार कार्ड) के निर्माण में शिथिलता बरतने पर जवाब- तलब किया है। विभाग ने अपार कार्ड की धीमी प्रक्रिया पर कड़ी आपत्ति जतायी है। डीईओ को निर्देश है कि तीन दिनों के अंदर आप बतायें कि क्यों न आपके खिलाफ इस सुस्त रवैये पर अनुशासनिक कार्रवाई की जाये।

इसको लेकर बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के निदेशक योगेंद्र सिंह की ओर से 25 जिलों के डीईओ को पत्र लिखा गया है। पत्र में कहा गया है कि अपार आईडी (कार्ड) का राज्य स्तर पर औसत निर्माण प्रतिशत 5.54 है। वहीं, आपके जिलों में इससे भी कम कार्ड बने हैं। अपार आईडी के निर्माण के लिए डीईओ को ही नोडल पदाधिकारी नामित किया गया है।

अपार आईडी निर्माण का निर्देश दिया गया था। इसके बावजूद भी कार्य की धीमी प्रगति से ऐसा लगता है कि आप इस कार्य में रुचि नहीं ले रहे हैं। 25 जिलों में पटना, सारण, बक्सर, गया, पूर्वी चंपारण, दरभंगा, कटिहार, किशनगंज, मधुबनी, सहरसा, जहानाबाद, शिवहर, सीतामढ़ी, भोजपुर, बेगूसराय, जमुई, गोपालगंज, लखीसराय, पश्चिम चंपारण, अररिया, अरवल, बांका, सीवान, मुजफ्फरपुर और मधेपुरा शामिल हैं।

अपार कार्ड में संबंधित छात्र-छात्रा को एक यूनिक नंबर मिलेगा। यह कार्ड प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक तक के छात्र-छात्राओं के लिए बनाया जाना है। यह एक तरह का डिजिटल आईडी कार्ड है, जिसकी मदद से विद्यार्थी आसानी से अपने शैक्षिक रिकॉर्ड, शैक्षिक उपलब्धियों और शिक्षा से संबंधित अन्य सारी जानकारी ऑनलाइन ही प्राप्त कर सकेंगे। यह पहल भारत सरकार की ओर से शुरू ‘एक देश, एक छात्र आईडी’ कार्यक्रम का हिस्सा है।

बिहारशरीफ। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकारण (यूआईडीएआई) के आदेश पर शिक्षा विभाग ने आधार ऑपरेटरों पर अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की है। छात्र-छात्राओं के आधार कार्ड बनाने में गड़बड़ी करने वाले सूबे के 2,215 ऑपरेटरों पर आठ करोड़ 12 लाख 93 हजार रुपये जुर्माना किया गया है।

30 से अधिक गलतियां करने वाले 273 ऑपरेटरों को एक साल के लिए हटाने का आदेश दिया गया है। शेष 1,942 ऑपरेटरों को ज्ञान की कमी बताते हुए उन्हें फिर से ट्रेनिंग देने की जरूरत बतायी है। इसकी सूचना सूबे के सभी डीईओ को पत्र के जरिये दे दी गयी है। कहा गया है कि इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के यूआईडीएआई के रांची स्थित क्षेत्रीय कार्यालय के उप निदेशक ने ऑपरेटरों की गलती पकड़ी है।

  • 16 नवंबर से अपार कार्ड बनाने के लिए चल रहा विशेष अभियान
  • विभाग ने कहा, क्यों न आपके खिलाफ कार्रवाई की जाये
  • अपार कार्ड बनाने का राज्य स्तर पर औसत 5.54 प्रतिशत
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