अब छात्रों के फेस रीडिंग से बनेगा ऑनलाइन हाज़िरी | लाखों छात्रों को नहीं मिलेगा पैसा

अब छात्रों के फेस रीडिंग से बनेगा ऑनलाइन हाज़िरी | लाखों छात्रों को नहीं मिलेगा पैसा

अपर मुख्य सचिव ने बताया कि शुरुआती दौर में खासतौर पर कक्षा एक में बिहार की स्थानीय भाषाओं मसलन मगही, भोजपुरी, अंगिका और मैथिली में पढ़ाई करायी जायेगी, ताकि बच्चा अपनी बोलचाल की भाषा में सीख सके. आगे की कक्षा 9, 10, 11 और 12वीं में हिंदी के साथ अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई को प्रमोट किया जायेगा. दोनों माध्यमों में किताबें छपवायी जायेंगी. अंग्रेजी माध्यम की किताबें स्कूलों की लाइब्रेरी में रखी जायेंगी. बच्चा वहां पढ़ सकेगा. टीचर से भी कहा जायेगा कि वह क्लास में हिंदी के बाद अंग्रेजी में भी समझाएं.

अपर मुख्य सचिव डॉ एस सिद्धार्थ ने बताया कि शिक्षा विभाग बहुत जल्दी कक्षा आठ से गणित और विज्ञान में ओलिंपियाड आयोजित करेगा. इसका मकसद प्रतिभा खोज करना होगा. बताया कि शिक्षा विभाग टीचर की ट्रेनिंग जिलों में ही करायेगा. स्कूलों में अतिरिक्त वर्ग कक्ष का निर्माण कार्य मार्च 2025 तक हर हाल में पूरा कर लिया जायेगा.

तब तक टाइम मैनेज मेंट के जरिए पढ़ाई सुनिश्चित करायी जायेगी. अपर मुख्य सचिव ने बताया कि मिडिल और प्लस टू स्कूलों में शिक्षक गैर शैक्षणिक कार्य नहीं करेंगे. वे पढ़ाने पर ही फोकस करेंगे. इन कार्यों के लिए लिपिक या समकक्ष विद्यालय सहायक नियुक्त किये जा रहे हैं. 6200 की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होने वाली है.

इंटर और मैट्रिक परीक्षा के लिए डमी रजिस्ट्रेशन कार्ड में अंकित डिटेल में यदि कोई त्रुटि है, तो बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (बिहार बोर्ड) ने सुधार का मौका दिया है. इसके लिए शिक्षण संस्थान के प्रधान द्वारा 10 नवंबर तक सुधार करवा सकेंगे. इसके तहत डमी रजिस्ट्रेशन कार्ड में विद्यार्थियों के नाम या उनके माता-पिता के नाम में मात्र लघु स्पेलिंग की त्रुटि अथवा उनके फोटो, जन्म तिथि, जाति, धर्म, राष्ट्रीयता, लिंग, विषय आदि से संबंधित त्रुटि का ही सुधार किया जायेगा.

उक्त प्रक्रिया में किसी प्रकार की असुविधा होने पर इंटरमीडिएट के विद्यार्थियों के लिए हेल्पलाइन नंबर-0612- 2230039 और मैट्रिक के लिए हेल्पलाइन नंबर 0612-2232074 पर सूचित कर समस्या का समाधान प्राप्त किया जा सकता है

बिहार के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 5.75 लाख से अधिक छात्रों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा। इसकी वजह, यहां पढ़ने वाले 5.75 लाख से अधिक छात्रों के आधार कार्ड का रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है। शिक्षा विभाग ने 5 महीने पहले ही प्रधानाध्यापक को छात्रों के आधार का कार्ड का रजिस्ट्रेशन करने का निर्देश दिया था। 5 महीने में 6 बार से अधिक रिमाइंडर भेजा था। लेकिन प्रधानाध्यापकों ने इस पर ध्यान नहीं दिया। प्रधानाध्यापक की गलती की सजा छात्रों को मिलेगी। जिन स्कूलों के छात्रों के आधार कार्ड का रजिस्ट्रेशन हो रहा है। वहां रफ्तार सुस्त है। अब कक्षा के हिसाब से छात्रों का आधार कार्ड पंजीकृत किया जा रहा है।

शिक्षा विभाग ने सरकारी के साथ ही निजी स्कूलों में भी आधार कार्ड के रजिस्ट्रेशन का निर्देश दिया है। निजी स्कूल के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया तेज है। जबकि, सरकारी स्कूलों में छात्रों के रजिस्ट्रेशन की रफ्तार सुस्त है। बिहार के 75 हजार स्कूलों में पढ़ने के लिए 1.65 करोड़ छात्रों के रजिस्ट्रेशन के लिए 1068 रजिस्ट्रेशन केंद्र बनाए गए हैं। प्रत्येक प्रखंड में दो रजिस्ट्रेशन केंद्र हैं। जहां पर छात्रों को मुफ्त में रजिस्ट्रेशन हो रहा है। पटना में आधार कार्ड बनाने के लिए 44 केंद्र स्थापित किए हैं।

आधार कार्ड का रजिस्ट्रेशन नहीं होने पर छात्रों का नाम छात्रवृत्ति, किताब, ड्रेस, साइकिल, मोबाइल, लैपटॉप सहित अन्य योजनाओं की लिस्ट से कट जाएगा। शिक्षा विभाग ने सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियों को बगैर आधार कार्ड रजिस्ट्रेशन वाले छात्रों की लिस्ट तैयार करने को कहा है। लिस्टिंग के बाद कार्रवाई होगी।

  • 1. दोहरे नामांकन पर रोक लगेगी। सीधा लाभ मिलेगा। सरकार द्वारा चलाई जाने
  • 2. वाली योजनाओं का पैसा, सीधे छात्रों के बैंक एकाउंट में जमा हो जाएगा। आधार कार्ड का रजिस्ट्रेशन
  • 3. होने से निजी स्कूलों में शिक्षा के अधिकार के तहत एडमिशन की संख्या के बारे में पता चलेगा। आधार कार्ड बनने के बाद,
  • 4. सभी बच्चों को ई-शिक्षा कोर्स से जोड़ा जाएगा।
  • 5. जन्म, निवास, आर्थिक स्थिति, माता-पिता के नाम सहित अन्य जानकारियां ऑनलाइन उपलब्ध रहेंगी।
  • 6 बिहार छात्रों के शैक्षिक स्तर का पता चलेगा। इसके मुताबिक भविष्य में नौकरियों की व्यवस्था की जाएगी।

बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के सचिव आनंद मिश्रा ने कहा कि योजनाओं का लाभ नहीं मिलने से गरीब छात्रों की पढ़ाई छूट जाएगी। कहा कि बिहार के सरकारी स्कूलों में 98 प्रतिशत गरीब छात्र पढ़ते हैं। कई ऐसे छात्र पढ़ते हैं, जिनके माता-पिता की आर्थिक स्थिति काफी खराब है। योजनाओं का लाभ नहीं मिला, तो ऐसे छात्र स्कूल आना छोड़ देंगे।

माध्यमिक शिक्षा निदेशक योगेंद्र सिंह ने बताया कि आधार कार्ड के रजिस्ट्रेशन के बाद ही सरकारी योजनाओं का लाभ सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को मिलेगा। रजिस्ट्रेशन के लिए 25 नवंबर तक का समय दिया गया है। जिला शिक्षा पदाधिकारी, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी और प्रधानाध्यापक को कहा गया है कि वे रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी करें।

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