इलेक्ट्रिक गाड़ी खरिदते समय इन बातों का रखें ध्यान- नहीं तो रोना पडेगा:-भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) की मांग लगातार बढ़ रही है। बढ़ते पेट्रोल-डीजल के दाम, सरकार की EV नीतियां, और बेहतर माइलेज के कारण लोग अब इलेक्ट्रिक कार खरीदने की ओर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। लेकिन अगर आप पहली बार इलेक्ट्रिक गाड़ी खरीद रहे हैं, तो बिना जानकारी के खरीदारी करना भारी नुकसान करा सकता है।
इसलिए आज हम आपको बताएंगे – इलेक्ट्रिक कार खरीदने से पहले किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है, ताकि आप गलत गाड़ी न चुनें और बाद में पछताना न पड़े।
यह इतिहास है कि जब प्रदूषण बढ़ा, तब दुनिया में ई-वाहनों की जरूरत बढ़ी। इन दिनों जब भारत के अनेक शहरों में प्रदूषण चरम पर है, तब निस्संदेह ई-वाहनों की जरूरत और ज्यादा बढ़ गई है। बचाव चाहिए, तो हमें इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाना होगा। ई-वाहनों को सरकार की ओर से भी प्रोत्साहन मिल रहा है। फिर भी, ज्यादा कीमतें, चार्जिंग, रखरखाव और रेंज जैसे मुद्दे इलेक्ट्रिक वाहनों की लोकप्रियता पर असर डाल रहे हैं। आइए जानते हैं ई-वाहनों से जुड़े कुछ तथ्य
ई-वाहन खरीदने का क्या यह सही वक्त
पयर्यावरण के अनुकूल विकास और साल 2070 तक कार्बन उत्सर्जन को जीरो करने के लक्ष्य को प्राप्त करने में इलेक्ट्रिक वाहन अहम भूमिका निभा सकते हैं। ये वाहन प्रदूषण घटाने, तेल आयात कम करने और देश को ग्रीन मोबिलिटी की ओर ले जाने में भविष्य में निर्णायक भूमिका निभाएंगे। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, भारत के इलेक्ट्रिक वाहन बाजार में अक्तूबर 2025 में तेजी देखने को मिली। भारत सरकार ने भी 2030 तक कुल वाहन चिक्री में ईवी की हिस्सेदारी 30 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा है।
इन आशाजनक आंकड़ों के बावजूद ईबी अभी भारत में वह लोकप्रियता हास्तिन नहीं कर पाई है, जिसकी कल्पना की गई थी। इसके पीछे महंगे दाम, कम रेंज और चार्जिंग की आधी-अधूरी व्यवस्थाएं जिम्मेदार हैं। इन मुदी काल तलाशने के लिए अब ई-वाहनों की दुनिया में धीरे-धीरे बदलाव आ रहे हैं।
बढ़ती कीमत पर नियंत्रण
अब ईबी के दामों को बाजार में मिल रही प्रतियोगिता के अनुसार नियंत्रित करने पर जोर दिया जा रहा है और साथ ही ई-वाहन को उपयोग के लिए ज्यादा व्यावहारिक बनाकर पेश किया जा रहा है। अनुमान यह भी है कि विभिन्न नई सरकारी नीतियों के कारण आने वाले चार से छह महीनों में इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी की कीमत में कमी आएगी। इसकी वजह से ईयों की कीमत पेट्रोल-डीजल वाहनों के बराबर हो जाएगी।
लंबे समय में आर्थिक लाभ
ईवी में बिजली की खपत पर होने वाला खर्च पेट्रोल-डीजल पर होने वाले खर्च कव चहुत ही छोटा हिस्सा होता है। हालांकि, छोटी आईसीई कारों पर जीएसटी की दरों में हुई कटौती के कारण बचत का अंतर कुछ कम भी हुआ है, लेकिन इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए अनुकूल जीएसटी संरचना, राज्य स्तरीय सब्सिडी और इलेक्ट्रिक चाहनों के लिए ऋण पर कर छूट के कारण इलेक्ट्रिक कहनों को लाभ मिला है।
विशेष रूप से पांच सालों में आने वाली टोटल कॉस्ट ऑफ ओनरशिप के संदर्भ में यह बात और सटीक बैठती है। इलेक्ट्रिक वाहनों का खरीद मूल्य भले ही ज्यादा हो, लेकिन ये सस्ती चार्जिंग और कम रख-रखाव के कारण लंबी अवधि में पैसे बचाते हैं। यानी शुरुआती कीमत ज्यादा होने के बावजूद, ईवी लंबे समय में आर्थिक रूप से फायदेमंद साबित होते हैं
रेंज की चिंता भी हुई कम
लंबे समय से ईवी से मिलने वाली रेज पर सवाल उठ रहे हैं। इस समस्या को अब व्यवस्थित तरीके से दूर किया जा रहा है। न केवल महानगरों में, बल्कि महत्वपूर्ण राष्ट्रीय राजमार्गों पर भी चार्जिंग सुविधाओं को रणनीतिक शुरुआत की जा रही है। कारों के मॉडल में एक चार्जिग पर ज्यादा से ज्यादा रेंज देने पर काम किया जा रहा है।
एमनी कॉनट ईबी और टाटा टियागो ईबी जैसे मॉडल सीमित रेंज के साथ शारी यात्रा के लिए उपयुक्त हैं, वहीं कई नए मॉडल और बैटरी तकनीक अच्छी रेंज की गारंटी देते है, जिससे लंबी यात्राएं भी संभव होती हैं। ई-विटारा लॉन्च के साथ मारुति सुजुकी, बीई और एक्सईवी नई के साथ महिंद्रा, केटा ईबी के साथ हुंडई और टाटा मोटर्स जैसी बड़ी कंपनियों के आने से खरीदारों को बेहतर विकल्प मिल रहे हैं|
खरीदारी का यही सही समय
तो, क्या यह ईवी की खरीदारी का सही समय है? इस सवाल का जवाब ‘हां’ है। शहरी और अर्थ शारी खरीदारों के लिए यह उपयुक्त वाहन साबित होंगे। अगर आपके पास घर पर चार्जिंग के साथ नियत पार्किंग है, कार का उपयोग मुख्यतः शहरी इलाकों में है और आप लंबी अवधि में कार से बचत की तलाश में हैं, तो ईवी को खरीदारी का इससे बेहतर समय पहले कभी नहीं रहा। जो लोग कार से लंबी चात्रा करते हैं, उन्हें छह महीने इंतजार करना होगा। इस दौरान कार निमर्माता कुछ अच्छे उत्पाद पेश कर सकते हैं।
ईवी से जुड़े कुछ मिथक
आज के माहौल में इंदी ज्यादा स्वच्छ, सुरक्षित और व्यावहारिक बनते जा रहे है। यहां हम उनसे जुड़े कुछ आम मिचकों का सही पक्ष बता रहे हैं।
मिथकः ईयी चार्ज करने में समय लगता है और झंझट होता है।
सही: अब नहीं। ईवी फास्ट चार्जिंग से लगभग एक घंटे में 80 प्रतिशत तक चार्ज हो जाते हैं। रोजमर्रा में अधिकतर लोग अपनी कारों को घरेलू चार्जर से रात भर चार्ज करते हैं. शहरों व हाईवे पर बढ़ते चार्जिग नेटवर्क से सुविधा और बढ़ गई है।
निधकः इलेक्ट्रिक वाहनों की रेंज सीमित है।
सही अब ऐसा नहीं है। बैटरी परफॉर्मेंस में सुधार के कारण अब्ज भारत में बिकने वाले कई इलेक्ट्रिक वाहन एक बार चार्ज करने पर 300 किलोमीटर से ज्यादा दूरी तय कर सकते हैं। लंबी दूरी की यात्राओं में राजमार्गों पर फास्ट चार्जर भी मिलने लगे है, जिससे इलेक्ट्रिक वाहनों से दो शहर के बीच की यात्रा के जोखिम भी कम हो रहे है
मिथकः ईयी भारी बारिश या जलभराव वाले इलाकों में बलाने के लिए उपयुक्त नहीं है।
सही इलेक्ट्रिक वाहन किसी भी मौसम में सुरक्षित चलाने के लिए बनाए जाते हैं। उनकी बैटरी आईपी 67-रेटेड होती है, जो 30 मिनट तक पानी में डूबे रहने पर भी सुरक्षित रहती है। इससे शॉर्ट सर्किट से बचाव होता है और बारिश के मौसम में भी गाड़ी आसानी से चलती है।
मिथकः भारत कर चार्जिग इंफ्रास्ट्रक्चर अभी भी अपर्याप्त है।
सही भारत में अब 26,000 से ज्यादा सार्वजनिक स्टेशन और कई हाउसिंग सोसाइटी एवं कार्यस्थलों पर निजी चार्जर उपलब्ध है। राजमार्गों पर हर कुछ किलोमीटर की दूरी पर चार्जर लगाने पर जोर दिया जा रहा है। हालांकि, सभी चार्जर ठीक से काम नहीं करते। बढ़ती मांग को देखते हुए और चार्जर लगाने की जरूरत है।।
मिथकः अगर ईवी चार्जिंग के लिए बिजली कोयले से आती है, तब भी ईवी को प्रदूषणवारी नहीं कहा जा सकता?
सही हालांकि भारत का ग्रिड अभी भी जीवाश्म ईंधन पर निर्भर है, लेकिन उच्च ऊर्जा दक्षता के आधार पर इलेक्ट्रिक वाहन स्वच्छ बने हुए है। ईवी को बनाने, चलाने आदि में पैदा होने वाली कुल ग्रीनहाउस गैसें पारंपरिक (पेट्रोल / डीजल) कारी की तुलना में कम होती है। देश का ऊर्जा मिश्रण भी बदल रहा है, सौर और पवन जैसे ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों की हिस्सेदारी लगातार बढ़ रही है। चार्जिग के लिए सौर पैनलों का उपयोग करने वाले लोग अपने कार्बन फुटप्रिंट को और भी कम कर सकते हैं।
मिथकः क्या लिथियम बैटरी और इलेक्ट्रिक वाहन को मूल रूप से खतरनाक ही माना जाना चाहिए?
सही इलेक्ट्रिक वाहन उन्नत बैटरी प्रबंधन और धर्मल सुरक्षा प्रणालियों के साथ बनाए जाते हैं, जो जोखिमों को काफी कम कर देते हैं। वैश्विक और भारतीय नियमों में अब बैटरी की ओवरहीटिंग और ई-वाहन में शॉर्ट सर्किट को रोकने के लिए कठोर परीक्षण और प्रमाणन अनिवार्य किये गए हैं। वाहन की कंपनी की ओर से बताए गए चार्जिंग और रख-रखाव नियमों का पालन करने से इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग सुविधाजनक और सुरक्षित रहता है।
मिथकः क्या इलेक्ट्रिक वाहन वास्तव में समग्रा प्रदूषण को कम करते हैं?
सही अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के आंकड़ों के अनुसार, बिजली उत्पादन और बैटरी निमांग को शामिल कर लें, तो भी ई-वाहन अपने पूरे जीवनकाल में पेट्रोल या डीजल वाहनों की तुलना में 25 से 40 प्रतिशत कम कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जित करते हैं। जैसे-जैसे भारत का ग्रिड हरित होता जाएगा, यह अंतर और भी बढ़ता जाएगा।
अब कम बजट में भी मिल रही बड़ी कारें
आजकल सात सीटर कारों की मांग तेजी से बढ़ रही है। बड़े परिवार और आरामदायक सफर पसंद करने वाले लोग बजट में फिट, ज्यादा जगह और आधुनिक फीचर्स वाली कारें ढूंढ रहे हैं। ये कारें लंबी ट्रिप के साथ रोजमर्रा की ड्राइव के लिए भी उपयुक्त हैं। आइए जानें, कुछ ऐसी ही किफायती सात सीटर कारों के बारे मेंः
रेनो ट्राइबर : सबसे किफायती
यह बेहद किफायती सात सीटर कार है, जिसकी कीमत मात्र 5.76 लाख से शुरु होकर 8.60 लाख रुपये (एक्स-शोरूम) तक है। सिर्फ 4 मीटर लंबी होने के बावजूद इसमें तीसरी पंक्ति की सीटें भी हैं, जिससे बड़े परिवार के लिए पर्याप्त जगह मिलती है। बीच की सीटें आगे-पीछे होने और झुकने योग्य हैं, जो सफर को और भी आरामदायक बनाते हैं। कार में 1.0 लीटर का पेट्रोल इंजन है, जो 72 हॉर्स पावर की शक्ति देता है और शहर व हाइवे दोनों ड्राइव के लिए उपयुक्त है।
महिंद्रा बोलेरा : रफ एंड टफ
यह खासकर उबड़-खाबड़ रास्तों के लिए मजबूत और भरोसेमंद एसयूवी है। बोलेरो कीकीमत 7.99 से 9.69 लाख रुपये तक जाती है। इसमें 1.5 लीटर का डीजल इंजन 76 पीएस की शक्ति देता है। बोलेरो नियो की कीमत 8.49 से 10.49 लाख रुपये है, जबकि बोलेरो नियो प्लस 10.77 से 11.80 लाख रुपये में मिलती है। नियो प्लस में 9 लोग आसानी से बैठ सकते हैं और इसकी पावर भी 120 पीएस है। मजबूत बनावट और सख्त रास्तों पर चलने की क्षमता इसे कठिन रास्तों के लिए उपयुक्त बनाती है।
एयरक्रॉस : कॉम्पैक्ट एसयूवी
एक सस्ती सात सीटर कार है। इसकी कीमत 8.29 लाख से 13.69 लाख रुपये के बीच है। इसमें 1.2 लीटर का टर्बो पेट्रोल इंजन है, 110 पीएस और अच्छा माइलेज देता है। टर्बो इंजन होने की वजह से यह आरामदायक और बेहतर ड्राइविंग अनुभव देता है। इसमें सबसे पीछे वाली सीटों को हटाकर बूट स्पेस बढ़ाया जा सकता है।
न्यू एयरक्रॉस एक्स वर्जन में ज्यादा फीचर्स और नया डैशबोर्ड है। इसकी रियर पार्सल ट्रे काफी सॉलिड है, जिससे आप इसमें छोटे बैग रख सकते हैं। अगर आप चाहते हैं कि कार एसयूवी जैसी दिखे और साथ ही परिवार के लिए पर्याप्त जगह भी मिले, तो यह एक बढ़िया विकल्प है।
इलेक्ट्रिक कार खरीदने के फायदे
- पेट्रोल-डीजल की तुलना में खर्च बहुत कम
- मेंटेनेंस सस्ता
- शांत और स्मूद ड्राइव
- तेजी से पिक-अप
- पर्यावरण-अनुकूल
- कम कंपन (Vibration)
- लंबे समय में आर्थिक बचत
इलेक्ट्रिक कार खरीदने के नुकसान
- चार्जिंग स्टेशन की कमी
- रेंज कम होने से चिंता
- बैटरी बदलना महंगा
- लंबी यात्राओं के लिए अभी पूरी तरह विश्वसनीय नहीं
- चार्जिंग में समय लगता है (नॉर्मल चार्जिंग)
निष्कर्ष — क्या अभी इलेक्ट्रिक कार खरीदना सही है?
अगर आप शहर में रोज 30–80 KM चलाते हैं, और आपके घर में चार्जिंग पॉइंट है →
EV खरीदना बहुत फायदेमंद है।
अगर आप:-
- लंबी हाईवे यात्रा ज्यादा करते हैं
- आपके शहर में चार्जिंग स्टेशन कम हैं
तो अभी EV आपके लिए सही विकल्प नहीं है।
IMPORTANT LINK
| ARATTAI CHANNEL | CLICK HERE |
| WHATSAPP CHANNEL | CLICK HERE |
| TELEGRAM CHANNEL | JOIN |
| YOU TUBE CHANNEL | SUBSCRIBE |
BSEB Update
- बीबॉस 12वीं 10वीं बोर्ड परीक्षा का रूटिन जारी – जल्दी देखें
- सभी स्कूल में ऑनलाइन हाजरी बनना शुरू – शिक्षक और विधार्थी दोनों का
- मैट्रिक इंटर सेंट अप परीक्षा 2026 – प्रश्नपत्र आ गया
- इंटर परीक्षा 2025 का मूल प्रमाण पत्र जारी- यहाँ से प्राप्त करें
- स्कूल में मोबाइल ले जाने पर होगी करवाइ – मोबाइल होगा जब्त – बडा़ बदलाव
- सरकारी स्कूलों में अब टैबलेट से बनेगी हाजरी – ऑनलाइन हाजरी ऐसे बनेगा
- इंटर और मैट्रिक का परीक्षा फॉर्म 2026 अब 18 नंवबर तक भरें
- मैट्रिक इंटर परीक्षा 2027 के रजिस्ट्रेशन फॉर्म अब 23 नवम्बर तक भरें
- Bihar Board Matric Exam Form 2026 – Download Link
- Bihar Board inter Exam Form 2026 – Download Link
Scholarship
- स्नातक पास प्रोत्साहन राशि के लिए आवेदन शुरू | ₹50 हजार के लिए यहाँ से करें आवेदन
- बिहार बोर्ड इंटर पास प्रोत्साहन राशि ₹25 हजार आना शुरू – यहाँ से चेक करें
- बिहार बोर्ड मैट्रिक पास प्रोत्साहन राशि ₹10 हजार आना शुरू – यहाँ से चेक करें
- मैट्रिक इंटर और स्नातक पास प्रोत्साहन राशि का बकाया पैसा इस दिन आएगा
- बिहार पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप 2025-26 के लिए आवेदन शुरू – जल्दी करें आवेदन
- साइकिल पोशाक छात्रवृत्ति का पैसा सिधे खाते में भेजा गया – यहाँ से देखें
- मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना का बकाया ₹10 हजार आना शुरू
- इंटर और स्नातक पास विधार्थीयों को मिल रहा है हर माह ₹1000 – जल्दी करें आवेदन
- Bihar board Matric Pass Protsahan Rashi 2025- Apply Online
- Bihar board inter Pass Protsahan Rashi 2025- Apply Online
Latest Jobs
- Up police में होमगार्ड के 41424 पद पर आवेदन शुरू- मैट्रिक पास करें आवेदन
- IB MTS Recruitment 2025 – आईबी में मैट्रिक पास के लिए बहाली
- RRB NTPC Graduate Level recruitment 2025 | रेलवे में ग्रेजुएट पास के लिए आवेदन शुरू
- UP Home guard online form 2025 – होम गार्ड के 45000 पोस्ट पर आवेदन
- NABARD Grade A Assistant Manager Recruitment 2025 – Apply Now
- Bssc Stenographer recruitment 2025 | स्टेनोग्राफर के पद पर बम्पर बहाली
- RRB NTPC 10+2 Under Graduate level Recruitment 2025 | इंटर पास के लिए आवेदन शुरू
- BSSC 2nd inter Level Recruitment | बिहार एसएससी इंटर लेवल के लिए आवेदन शुरू
- BSSC Office Attendant Recruitment 2025 | बिहार एसएससी में मैट्रिक पास के लिए बम्पर बहाली- यहाँ से करें आवेदन
- Bssc 4th Graduate level Recruitment 2025 | BSSC ग्रेजुएट लेवल के लिए बम्पर बहाली
University Update
- स्नातक पास प्रोत्साहन राशि का बकाया पैसा फिर से आना शुरू- जल्दी देखें
- पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय का परीक्षा कैलेंडर जारी- यहाँ से करें डाउनलोड
- बिहार यूनिवर्सिटी में सभी काम अब ऑनलाइन होगा – समर्थ पोर्टल से
- नामांकन वापस लेने पर नामांकन शुल्क और डॉक्यूमेंटस वापस मिलेगा
- स्नातक पीजी में अब ऑनलाइन परीक्षा शुल्क जमा करना होगा – बड़ा बदलाव
- स्नातक सत्र 2023 से 27 का फोर्थ सेमेस्टर का परीक्षा फॉर्म 20 तक भरें
- पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय का परीक्षा कैलेंडर जारी- सभी परीक्षाओं की तिथि देखें
- Bihar university exam calendar 2026 | सभी परीक्षाओं की तिथि जारी
- एडमिशन लेकर छोडने पर कॉलेज को देनी पड़ेगी फी और मूल प्रमाण पत्र- बड़ा बदलाव
- विश्वविद्यालय में 2026 में 59 दिन की छुट्टी – बिहार के सभी यूनिवर्सिटी का छुट्टी कैलेंडर जारी



