कक्षा 1 से 12वीं तक के विधार्थीयों को मिल रहा है फ्री बुक पेन कॉपी – जल्दी देखें:-सरकारी स्कूलों के बच्चे पाठ्यपुस्तक के अलावा देश-दुनिया में हो रही हलचल के बारे में जानें, बुनियादी सामान्य ज्ञान की जानकारी रखें, हर महीने की बड़ी घटनाओं से अवगत रहें इसके लिए बिहार शिक्षा परियोजना परिषद पहली बार नई पहल करने जा रही है।
कक्षा 01 से 12वीं तक के विधार्थीयों को प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी को मिलेगी शिक्षण सामग्री
सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले नौवीं से 12 वीं के बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए हर महीने स्टडी मेटेरियल दी जाएगी। नौवीं से 12वीं के बच्चों के लिए नीट, आईआईटी-जेईई, एनडीए, ओलंपियाड, एसएससी आदि लिए मेटेरियल तैयार कर उन्हें मुहैया कराया जाएगा। साथ ही बच्चों को अभ्यास कराने में शिक्षक भी योगदान देंगे।
कक्षा 01 से 12वीं तक के विधार्थीयों को बच्चों को क्या पढ़ना जरूरी है…
यह राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद तय करेगा। नौवीं से 12वीं के लिए जो शिक्षण सामग्री तैयार की जाएगी उसमें बूस्टर एमसीक्यू, मस्ट नो एनसीईआरटी प्वाइंट्स, स्टैटिक जीके, उन्नत भौतिकी रसायन विज्ञान/गणित/जीव विज्ञान की समस्याएं, खगोल विज्ञान और अंतरिक्ष विज्ञान, पुरस्कार और सम्मान, बिहार का इतिहास और संस्कृतिः अवश्य योग्य तथ्य आदि को शामिल किया जाएगा। प्रत्येक अंक एक केंद्रीय विषय (विश्व इतिहास, विश्व राजनीति, समसामयिक मामले और कॅरियर मार्गदर्शन) के इर्द-गिर्द रहेगा। शिक्षण सामग्री हर माह की 25 तारीख को स्कूलों में उपलब्ध|
पहली से आठवीं के बच्चों को भी मिलेगी शिक्षण सामग्री
पहली से आठवीं तक के बच्चों को भी शिक्षण सामग्री मिलेगी। इन कक्षाओं के बच्चों के लिए हर महीने शिक्षण सामग्री मिलेगी। इसमें बच्चों की कक्षा के अनुसार सामान्य ज्ञान, संचार कौशल विकसित करने के लिए तरह-तरह की कहानी आदि को शामिल किया जाएगा। पहली से पांचवीं कक्षा तक के बच्चों के लिए जो शिक्षण सामग्री तैयार की जाएगी उसमें महान वैज्ञानिकों के बचपन की कहानी आदि रहेगी।
- नौवीं से 12वीं तक के स्कूलों के बच्चों को मिलेगा लाभ
- हिन्दी और अंग्रेजी दोनों में हर माह मिलेगी शिक्षण सामग्री
- ओलंपियाड, एसएससी, एनडीए की कर सकेंगे तैयारी
आंगनबाड़ी केंद्रों के 91 लाख बच्चों को मिलेगी प्री स्कूल किट
आंगनबाड़ी केंद्र में प्ले स्कूल जैसा माहौल देने, बच्चों को खेल-खेल में सीखने की क्षमता विकसित करने के लिए अब प्री स्कूल किट देने की तैयारी चल रही है। समेकित बाल विकास सेवाएं (आईसीडीएस) निदेशालय ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। इसका लाभ राज्य के एक लाख 15 हजार छह सौ आंगनबाड़ी केंद्र में पंजीकृत तीन से छह साल तक के 91 लाख 59 हजार बच्चों को मिलेगा।
आईसीडीएस की ओर से आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों को प्री स्कूल किट दी जाएगी
आंगनबाड़ी केंद्र को बच्चों के अनुसार और खूबसूरत बनाया जाएगा। इससे बच्चों को आंगनबाड़ी
केंद्र के प्रति आर्कषण बढ़ेगा। इसके लिए आईसीडीएस ने प्री स्कूल किट को तैयार किया है। इस किट में 46 तरह की सामग्री होगी। किट को हर जिले के आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों को दिया जाएगा। इससे बच्चों को सामान की पहचान के साथ उसके इस्तेमाल करने के गुर सिखाये जाएंगे। बच्चों की समझ को बढ़ाने के लिए आंगनबाड़ी सेविकाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा।
एक लाख 15 हजार छह सौ आंगनबाड़ी में पंजीकृत तीन से छह साल तक के बच्चों को मिलेगी किट
यूनिसेफ के एक सर्वे रिपोर्ट की मानें तो एक साल से छह साल तक सबसे ज्यादा मानसिक विकास होता है। इस उम्र के बच्चे आंगनबाड़ी केंद्र में रहते हैं। इसे देखते हुए आईसीडीएस प्री स्कूल किट के माध्यम से बच्चों का मानसिक विकास करेगा।
प्री स्कूल किट में रहेगी यह सामग्री
- खिलौने डॉक्टर सेट, रंगीन मोम, पेंसिल, बड़ी गेंद, रस्सी, पतला धागा, मोती के साथ कई और खेल सामग्री
- शिक्षा संबंधित सामग्री झूले, पहेलियां, शैक्षिक नक्शे
- शैक्षिक सामग्री कहानी की किताबें, टेबल, कुर्सियां
- मेडिसिन किट प्राथमिक उपचार के लिए आवश्यक सामग्री
किट देने का यह है मकसद
- बच्चों को खेल-खेल में सीखने में मदद करना
- आंगनबाड़ी केंद्रों में प्ले स्कूल जैसा माहौल देना
- बच्चों की सीखने की क्षमता और समझ को बढ़ाना
- बच्चों को मनोरंजक तरीके से सीखने के अवसर देना
- बच्चों को स्कूल जाने के लिए तैयार करने में आसानी होगी
- आंगनबाड़ी सेविकाओं को बच्चों को सिखाने पर जोर देना
46 तरह की सामग्री होगी किट में, अगस्त या सितंबर तक बच्चों को उपलब्ध होगी
आंगनबाड़ी केंद्र के तीन से लिए प्री स्कूल किट तैयार की जा रही है। सभी बच्चों को स्कूल जाने के पहले खेल-खेल में सीखने की प्रवृति को विकसित किया जाएगा। इससे बच्चों की पढ़ाई में रूचि होगी और उन्हें शिक्षा से जोड़ा जा सकेगा। अमित कुमार पांडेय, निदेशक, आईसीडीएस
बच्चों के सीखने की समझ और क्षमता बढ़ेगी
प्री स्कूल किट के माध्यम से बच्चों को मनोरंजक तरीके से सीखने की क्षमता को बढ़ाया जाएगा। आईसीडीएस द्वारा इसके लिए टेंडर निकाला जाएगा। टेंडर के माध्यम से प्री स्कूल किट तैयार करने की जिम्मेदारी एजेंसी को दी जाएगी। एजेंसी को एक समय सीमा दी जाएगी। अगस्त या सितंबर तक बच्चों को प्री स्कूल किट उपलब्ध
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