कक्षा 1 से 12वीं पास तक के विधार्थीयों को सरकार से मिला नया साल का तोहफा:-नई पहल
यूजी-पीजी दोनों कोर्स को पहले से अधिक लचीला बनाया गया|
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति : पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड पीजी कोर्स होगा, 12वीं के बाद होगा नामांकन
छात्र-छात्राएं नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड पीजी कोर्स भी कर सकेंगे। 12वीं के बाद ही इसमें नामांकन ले सकेंगे। नई शिक्षा नीति के करत राज्य के विश्वविद्यालयों में चार वर्षीय स्नातक कोर्स लागू कर दिया गया है। जल्द ही पीजी में भी नई शिक्षा नीति के तहत रेगुलेशन और ऑर्डिनेंस तैयार कर लागू किया जाएगा।
नई शिक्षा नीति के तहत यूजी-पीजी दोनों ही कोर्स को पहले से अधिक लचीला बनाया गया है।
पहले की तरह दो वर्षीय पीजी कोर्स तो रहेगा ही, अब चार वर्षीय स्नातक के बाद एक वर्षीय पीजी कोर्स कराने का प्रावधान है। इसके अतिरिक्त पांच वर्षीय यूजी-पीजी इंटीग्रेटेड यूजी पीजी कोर्स कराने का भी प्रावधान है। इसमें 12वीं के बाद सीधा एक बार में पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड यूजी-पीजी कोर्स में छात्र-छात्राओं को नामांकन लेना होगा।
प्रमुख इंटीग्रेटेड कोर्स
- एमएससी-इंटीग्रेटेड
- एमटेक इंटीग्रेटेड
- एमए-इंटीग्रेटेड
- एमकॉम इंटीग्रेटेड
- एमबीए इंटीग्रेटेड
- एमफार्मा-इंटीग्रेटेड
- एमएससी
- (इंजीनियरिंग)-इंटीग्रेटेड
- एमडी इंटीग्रेटेड
- एमएससी (कृषि)-
- इंटीग्रेटेड
- एमएससी (विज्ञान)-
- इंटीग्रेटेड
- एमएड इंटीग्रेटेड
स्नातक के बाद सीधे पीएचडी
नई शिक्षा नीति में अब स्नातक के बाद सीधे पीएचडी करने का भी प्रावधान किया गया है। इसको देखते हुए नेट-जेआरएफ की परीक्षा में इसकी शुरुआत भी कर दी गई है। देश में जहां नई शिक्षा नीति पहले ही लागू हो गई थी और जो छात्र अपीयरिंग में स्नातक चौथे वर्ष के छात्र हैं, उसके लिए यूजीसी ने नेट-जेआरएफ परीक्षा देने की छूट दे दी है। अब नेट की परीक्षा में ऐसे छात्र भी शामिल हो सकते हैं,
जिन्होंने चार वर्षीय स्नातक कोर्स किया है।
वहीं पीएचडी के लिए नेट या जेआरएफ करना अनिवार्य है। इसलिए छात्र जो स्नातक चार वर्षीय कोर्स कर रहे हैं, वे सीधे नेट परीक्षा उत्तीर्ण कर देश के किसी भी विवि से पीएचडी कर सकते हैं। दो वर्षीय पीजी कोर्स करने वाले भी पहले की तरह पीएचडी करते रहेंगे उसमें रोक नहीं रहेगी। एमफिल पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। एमफिल कोर्स भी बंद कर दिया जाएगा और जो पहले से एमफिल हैं, वे नई शिक्षा नीति के तहत अब पीएचडी नहीं कर सकेंगे।
बिहार की सभी पंचायतों में प्लस टू स्कूल बनेगा
बिहार की सभी पंचायतों में प्लस टू स्कूल बनेगा। इसके लिए शिक्षा विभाग द्वारा सभी डीईओ से ऐसे पंचायतों की लिस्ट मांगी गई है, जहां पर प्लस टू स्कूल नहीं है। माध्यमिक शिक्षा के संयुक्त निदेशक सुनील दत्त त्रिपाठी ने सभी जिलों के डीईओ और डीपीओ को पत्र लिखा है। इसके मुताबिक सीएम नीतीश कुमार के प्रगति यात्रा के दौरान ऐसे पंचायतों की लिस्ट मांगी गई है, जहां पर प्लस टू स्कूल नहीं है। इसके लिए सभी डीईओ को एक प्रोफॉर्मा भेजा गया है, जिसमें जिले में स्थित पंचायतों की संख्या, पंचायत का नाम, प्लस टू स्कूल की संख्या के बारे में जानकारी देनी होगी।
सरकारी स्कूल की आठवीं में विशेष परीक्षा में भी फेल होने वाले छात्र नहीं होंगे प्रोमोट
सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा आठवीं की विशेष परीक्षा में भी किसी बच्चे को अगर ई-ग्रेड मिलता है तो उन्हें आगे की कक्षा में प्रोमोट नहीं किया जाएगा। सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा पांचवीं से आठवीं के बच्चों के शैक्षणिक रिजल्ट बेहतर करने के उद्देश्य से वार्षिक परीक्षा में कम ग्रेड पाने वाले बच्चों को प्रोमोट नहीं किया जाएगा। कक्षा पांचवीं से आठवीं के बच्चों को खराब वार्षिक रिजल्ट आने पर भी बच्चों को अगली कक्षा में प्रोमोट कर दिया जाता था। इसका असर आगे की कक्षा में बच्चों की खराब रिजल्ट पर पड़ रहा था।
ई ग्रेड प्राप्त करने वाले छात्रों को एक माह के बाद विशेष परीक्षा आयोजित की जाएगी:-
जिले के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले वैसे बच्चे जिन्हें कक्षा आठवीं की वार्षिक परीक्षा में ई ग्रेड प्राप्त होगा उनके लिए एक माह के बाद विशेष परीक्षा आयोजित की जाएगी। शिक्षा मंत्रालय के नए आदेश के अनुसार अब कक्षा आठवीं की वार्षिक परीक्षा में ई ग्रेड पाने वाले बच्चों को आगे की कक्षा में प्रोमोट नहीं किया जाएगा।
जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि
खराब ग्रेड मिलने के बाद भी बच्चों को आगे क्लास में प्रोमोट करने की वजह से आगे की कक्षा में उन्हें पढ़ाई में कठिनाई होती है और रिजल्ट भी बेहतर नहीं हो पाता है। उन्होंने कहा कि स्कूलों में आयोजित होने वाली वार्षिक परीक्षा में ई ग्रेड प्राप्त करने वाले बच्चों की विशेष परीक्षा आयोजित की जाएगी। इस विशेष परीक्षा के लिए कम ग्रेड पाने वाले बच्चों की बेहतर तैयारी के लिये प्रत्येक स्कूल के चयनित शिक्षकों को जिम्मेदारी दी जाएगी ताकि अधिक से अधिक बच्चे विशेष परीक्षा में पास कर सकें।
पिछले वर्ष कक्षा छठी से आठवीं में 3404 बच्चों को मिला था ई ग्रेड
वर्ष 2023-24 में जिले के सरकारी स्कूलों में आयोजित हुई वार्षिक परीक्षा में कुल 56743 विद्यार्थियों ने भाग लिया था। इनमें से छह प्रतिशत बच्चों को वार्षिक परीक्षा में ई-ग्रेड प्राप्त हुआ था। वार्षिक परीक्षा में 3404 विद्यार्थियों को ई-ग्रेड प्राप्त हुआ था जिनकी विशेष परीक्षा भी आयोजित की गयी थी। इन बच्चों की विशेष परीक्षा स्कूल स्तर पर आयोजित कर उन्हें आगे की कक्षा में प्रोमोट कर दिया गया था। इस वर्ष वार्षिक परीक्षा के बाद विशेष परीक्षा में भी ई-ग्रेड पाने वाले बच्चों को आगे की कक्षा में प्रोमोट नहीं किया जाएगा।
गेट-2025 परीक्षा का शेड्यूल आजीला एक से 16 फरवरी तक होगी
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की ने गेट-2025 परीक्षा का शेड्यूल जारी कर दिया है। उम्मीदवार पात्रता मानदंड, आवेदन पत्र, पाठ्यक्रम और प्रवेश परीक्षा की जानकारी gate2025. iitr.ac.in पर जारी कर दिए हैं। परीक्षा का आयोजन 1, 2. 15 और 16 फरवरी, 2025 को कई सत्रों के माध्यम से देशभर के विभिन्न शहरों में किया जाएगा। यह परीक्षा 30 विषयों के लिए होने जा रही है। इस परीक्षा के प्रश्नपत्र में बहुविकल्पीय, बहुविकल्पीय और संख्यात्मक उत्तर प्रकार के प्रश्न शामिल होते हैं। परीक्षा 3 घंटे की अवधि के लिए आयोजित की जाएगी। गेट परीक्षा 2025 के लिए एडमिट कार्ड 2 जनवरी, 2025 को जारी किया जाएगा।
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