कक्षा 10वीं जीव विज्ञान – जीव जनन कैसे करते हैं पाठ का PDF नोट्स

 कक्षा 10वीं जीव विज्ञान – जीव जनन कैसे करते हैं  पाठ का PDF नोट्स

 कक्षा 10वीं जीव विज्ञान – जीव जनन कैसे करते हैं  पाठ का PDF नोट्स:–जीवों के लिए जनन क्यों अनिवार्य- जनन जीवों का एक अति महत्त्वपूर्ण लक्षण है। यह एक अति आवश्यक जैविक प्रक्रिया है। जिसके द्वारा न सिर्फ जीवों की उत्तरजीविता में मदद मिलती है बल्कि इससे जीव-जाति की निरन्तरता भी बनी रहती है। जनन जीवों के अमरत्व में भी सहायक होता है।

जनन क्या है?

जनन-जीवों में अपने जैसे जीवों को उत्पन्न करने की प्रक्रिया को जनन कहते हैं। जनन प्रक्रिया पर वृद्धि, परिपक्वता और पर्यावरण कारक का प्रभाव पड़ता है।

अलैंगिक जनन क्या है?

अलैंगिक जनन – अलैंगिक जनन में संतति केवल एक ही जनक से पैदा होती है। जैसे- स्पंजों और हाइड्रा में पाया जाता है।

लैंगिक जनन क्या है?

लैंगिक जनन – इस प्रकार के जनन में दो भिन्न-भिन्न लिंग वाले जीवों – एक नर और एक मादा हिस्सा लेते हैं।

उभयलिंगता क्या है?

उभयलिंगता जिन प्रणियों में नर तथा मादा दोनों ही जननांग एक ही शरीर में विद्यमान होते हैं, ऐसे प्राणियों को उभयलिंगता कहते हैं। जैसे – केंचुआ ।

द्विरूपता लैंगिक क्या है?

द्विरूपता कशेरुकी प्राणियों में जिनमें नर तथा मादा संरचनात्मक रूप से अलग होते हैं। ऐसे प्राणियों को द्विरूपता लैंगिक कहा जाता है।

विखंडन क्या है?

विखंडन इस विधि में एककोशिक जीव दो संतति कोशिकाओं में विभाजित होता है और तब इनमें से प्रत्येक एक व्यस्क जीव में वृद्धि करता है। जैसे- ह – हाइड्रा ।

बहु-विखंडन क्या है?

बहु-विखंडन – इस प्रकार के विखंडन जहाँ दो नहीं अपितु कई बहु-1 व्यष्टि उत्पन्न होते हैं। ऐसे विखंडन को बहु-विखंडन कहते हैं। जैसे – मलेरिया परजीवी ।

जनन  क्या है?

मुकुलन क्या है?

मुकुलन — बहुकोशिक जीवों में बार-बार विभाजन होने से एक उभार बन जाता है। इस पार्श्व उभार को मुकुल कहते हैं। यह मुकुल बड़ा होकर एक नए जीव में बन जाता है। इस सम्पूर्ण क्रिया को मुकुलन कहते हैं।

पुनर्जनन क्या है?

पुनर्जनन — खंडित शारीरिक भागों को पुनः प्राप्त करने की जीव की क्षमता पुनर्जनन है।

युग्मकं जनन किसे कहते हैं?

युग्मकं जनन – वह प्रक्रिया जिसके द्वारा अंडाणु और शुक्राणु मिलकर युग्मक बनाते हैं, युग्मक जनन कहलाती है। ये युग्मक निषेचन नामक प्रक्रिया द्वारा परस्पर जुड़ जाते हैं।

अंड प्रजक क्या है?

अंड प्रजक – जिन जंतुओं में बाह्य परिवर्धन होता है उसे अंड प्रजक कहते हैं। जैसे-कीट, मछलियाँ।

सजीव प्रजक क्या है?

सजीव प्रजक – जिन जंतुओं में आंतरिक परिवर्धन होता है और जो बच्चे पैदा करते हैं वे सजीव प्रजक कहलाते हैं। जैसे-स्तनधारी प्राणी ।

अनिषेक जनन किसे कहते हैं?

. अनिषेके जनन– अनिषेक जनन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें व्यक्ति जीव एक अनिषेचित अंडे से उत्पन्न होता है। कुछ कीटों में शुक्राणुओं द्वारा निषेचित न होने वाले अंडाणुओं से नर उत्पन्न होते हैं जो अगुणित होते हैं।

स्पोर क्या है?

स्पोर – बहुखंडन के मामले में प्रत्येक संतति कोशिका को स्पोर कहते हैं।

कायिक जनन क्या है?

कायिक जनन- – इस विधि में जड़ें, तना, पत्तियाँ या अन्य विशिष्ट भाग जनक पौधे से अलग होकर नए पौधों का रूप ले लेता है। जैसे शकरकंद, शल्ककंद ।

सूक्ष्म प्रवर्धन क्या है?

सूक्ष्म प्रवर्धन – पौधों की कोशिकाओं, ऊत्तकों और किसी अंग का संवर्धन करके पौधों के लिए इस्तेमाल किया जाता है तो सूक्ष्म प्रवर्धन कहलाता है।

राजोनिवृत्ति क्या है?

रजोनिवृत्ति – रजो चक्र के समापन को राजोनिवृत्ति कहते हैं।

कृत्रिम गर्भाधान क्या है?

कृत्रिम गर्भाधान – किन्हीं अन्य तरीकों से गर्भाधान को कृत्रिम गर्भाधान कहते हैं।

अवार्तन क्या है?

अवार्तन अवार्तन असामान्य हॉर्मोनी नियमन के कारण रजोस्राव के न होने को अवार्तन कहते हैं।

टयूबेक्टोमी क्या है?

टयूबेक्टोमी – गर्भाधारण को रोकने के लिए अंडवाहिनी के एक भाग को काटकर अलग करने की शल्य क्रिया को टयूबेक्टोमी कहते हैं।

नर गैमिट क्या है ?

नर गैमिट — ये स्त्रीकेसर के ही एक भाग परागकोष के अंदर बनते हैं। परागकोष के भीतर माइक्रोस्पोरैजिया होते हैं। माइक्रोस्पोर कोशिकाओं में मीओसिस होता है तथा चार-चार अगुणित माइक्रोस्पोर बनते हैं।

मादा गैमिट क्या है?

मादा गैमिट —ये अंडाशय के भीतर बीजांड के अंदर बनते हैं। सिनर्जिड कोशिकाएँ निषेचन की क्रिया में सहायता करती हैं जिसमें ये परागनली को अंडकोशिका की ओर निर्दिष्ट कर देते हैं। परागकणों का उसी स्पीशीज़ या किसी अन्य स्पीशीज के किसी फूल के वर्तिकाग्र पर पहुँचना परागण कहलाता है। आ पहुँचे, तब ये निषेचन कराने में अक्षम होते हैं। इसे स्व-बंध्यता कहते हैं।

परागण क्या है?

परागण — परागकणों के परागकोष से वर्तिकाग्र में स्थानांतरण को परागण कहते हैं।

अंडोत्सर्ग क्या है?

अंडोत्सर्गअंडाशय में से अंडे का निकलना अंडोत्सर्ग कहलाता है।

कोर्म क्या है?

कोर्म — प्रकंद की एक संघनित नस्त को कोर्म कोलो कैशिया ऐमोर्फोफैलस (Corm Colocasia Amorphophallus ) जिमीकंद भी कहते हैं।

कलम क्या है?

कलम — इस पद्धति में एक छोटी-सी शाखा को जमीन में उग रहे पौधों में धँसा दिया जाता है। जमीन में उगा हुआ पौधा एक स्टॉक के रूप में कार्य करता है और रोगों के लिए प्रतिरोधी होता है। इस स्टॉक को ही कलम (Scion या graft) कहते हैं।

कॅलस किसे कहते हैं?

कॅलस -सूक्ष्म प्रवर्धन तकनीक में किसी पौधे में से ऊतक का एक छोटा-सा टुकड़ा, अंग अथवा एक एकल कोशिका निकालकर उसे पोषक माध्यम से भरे एक निर्जलीकृत पात्र में रख दिया जाता हैं। ऊतक बहुत तीव्रता के साथ वृद्धि करके एक असंगठित संवृति बना देता है, जिसे कैलस कहते हैं।

निषेचन किसे कहते हैं?

निषेचनवह प्रक्रिया जब शुक्राणु तथा अंडे की कोशिकाओं का उनके केंद्रकों सहित समेकन होकर युग्मनज बनता है, उसे निषेचन कहते हैं।

विदलन किसे कहते हैं?

विदलन —ऐसी प्रक्रिया जब युग्मनज में बार-बार कोशिकाओं का विभाजन होकर बहुसंख्यक सभाजन कोशिकाएँ बनती हैं। कशेरुकी जनन प्रक्रिया कशेरुकी प्राणी केवल लैंगिक रूप से ही जनन कर सकते हैं। कशेरुकी प्राणियों में लैंगिक द्विरूपता है।

युग्मक जनन किसे कहते हैं?

युग्मक एक प्रक्रिया द्वारा बनते हैं, जिसे युग्मक जनन कहते हैं। नर के वृषण में होने वाले शुक्राणु जनन से शुक्राणु बनते हैं और मादा के अंडाशय में होने वाले अंड जनन से अंडाणु बनते हैं। युग्मक (शुक्राणु और अंडाणु) निषेचन नामक प्रक्रिया द्वारा परस्पर जुड़ जाते हैं। यह कार्य मैथुन के द्वारा होता है।सजीव प्रजक ऐसे जंतु जिनमें आंतरिक निषेचन होता है और जिनमें बच्चे पैदा होते हैं सजीव प्रजक कहते हैं। जैसे-स्तनधारी प्राणी ।

अंड प्रजक किसे कहते हैं?

अंड प्रजक – जिन जंतुओं में बाह्य निषेचन होता है और जो जंतु अंडे देते हैं अंड प्रजक कहलाते हैं। जैसे-कीट, मछलियाँ।

गुप्त वृषणता किसे कहते हैं?

गुप्त वृषणता – वृषणों के वृषणकोश में न उतरने के कारण बंध्यता आ जाती है। क्योंकि उदरीय गुहा के उच्चतर तापमान पर शुक्राणु जनन की प्रक्रिया नहीं हो पाती। इस स्थिति को गुप्त वृषणता कहते हैं।

शिश्न किसे कहते हैं?

शिश्न—शिश्न नर का बाह्य जनन अंग होता है। शिश्न का शीर्ष अत्यधिक संवेदनशील होता है। मैथुन के समय वीर्य इसमें से निकलता है।

प्रॉस्टेट ग्रंथि क्या है किसे कहते हैं?

प्रॉस्टेट ग्रंथि – प्रॉस्टेट ग्रंथि एक क्षारीय स्राव छोड़ती है, जो शुक्राणुओं को पोषण प्रदान करता है और मूत्र की अम्लता को उदासीन कर देता है।

वार्थोलिन ग्रंथियाँ क्या है किसे कहते हैं?

वार्थोलिन ग्रंथियाँ-वार्थोलिन ग्रंथियाँ मैथुन और प्रसव के समय श्लेष्मा का स्राव करती है ताकि योनि ( मादा जननांग ) चिकनी बनी रहे ।

स्वपरागण क्या है किसे कहते हैं?

स्व-परागण – किसी पुष्प परागकोष से उसी पुष्प के अथवा उस पौधे के अन्य पुष्प के वर्तिकाग्र तक, परागकण का स्थानांतरण स्वपरागण कहलाता है|

परागण क्या है किसे कहते हैं?

परपरागण – एक पुष्प के परागकोष से उसी जाति के दूसरे पौधों के पुष्प के वर्तिकाग्र तक परागकण का स्थानांतरण पर परागण कहलाता है।

परागनलिका क्या है किसे कहते हैं

परागनलिका — पौधों में परागण के बाद निषेचन की क्रिया होती है। जब परागकण वर्तिकाग्र पर एकत्रित हो जाते हैं, तब उनका अंकुरण हो तो और उनमें से एक नली को जो वर्तिका में प्रवेश करती है, परागनलिका कहते हैं।

युग्मक संलयन किसे कहते हैं?

युग्मक संलयन-नर तथा मादा युग्मकों का संलयन युग्मक संलयन कहलाता है और इससे युग्मनज बनता है। त्रिसंलयन इस संलयन क्रिया में तीन केंद्रक होते हैं। एक युग्मक तथा दो ध्रुवीय केंद्रक । अतः प्रत्येक भ्रूणकोष में दो संलयन, युग्मक-संलयन तथा त्रिसंलयन होने की क्रियाविधि को दोहरा निषेचन भी कहते हैं।

वृषणकोष किसे कहते हैं?

वृषणकोष -वृषण उदर गुहा के बाहर छोटे आशयनुमा माँसल संरचना में रहते हैं, जिसे वृषणकोष कहते हैं।

शुक्रवाहिनी किसे कहते हैं?

शुक्रवाहिनी – पुरुषों के संपूर्ण जनन काल में वृषण से शुक्राणु उत्पन्न होते रहते हैं। दोनों वृषणों में एक लंबी नली निकलती है जिसे शुक्रवाहिनी कहते हैं।

मूत्रमार्ग किसे कहते हैं?

मूत्रमार्ग — यह मूत्राशय से आने वाली नली से जुड़कर एक उभय नली बनाती है, जिसे मूत्रमार्ग कहते हैं।

डिंबवाहिनी किसे कहते हैं?

डिंबवाहिनी नली — अंडाशय के पश्च भाग के समीप एक कीप के समान संरचना होती है, जो आगे जाकर लंबी कुंडलित नलिकाबनाती है, इसे डिंबवाहिनी कहते हैं।

ऋतुस्राव रजोधर्म किसे कहते हैं?

ऋतुस्राव रजोधर्म — स्त्रियों में निषेचन न होने की अवस्था में गर्भाशय की आंतरिक मोटी भित्ति रक्त वाहिनियों के साथ टूटकर रक्तस्राव के रूप में योनिमार्ग से बाहर आती है। इस प्रक्रिया को ऋतुस्राव रजोधर्म कहते हैं।

रजोदर्शन किसे कहते हैं?

आर्त्तव चक्र स्त्रियों में प्रत्येक 28 दिन बाद अंडाशय तथा गर्भाशय होने वाली घटना ऋतुस्राव द्वारा चिह्नित होती है। इसे ही आर्त्तव चक्र या स्त्रियों का लैंगिक चक्र कहते हैं। यौवनारंभ के समय रजोध र्म के प्रारंभ को रजोदर्शन कहते हैं।

रोपण किसे कहते हैं?

रोपण-भ्रूण तथा गर्भाशय के निकट संलग्नता को रोपण कहते हैं।

अपरा किसे कहते हैं?

अपरा—रोपण की क्रिया के बाद गर्भाशय की दीवार तथा भ्रूण के बीच एक विशेष ऊतक विकसित होता है जिसे अपरा कहते हैं। भ्रूण के विकास के लिए सभी प्रक्रिया अपरा द्वारा होती है।

लैंगिक संचारित रोग किसे कहते हैं?

लैंगिक संचारित रोग (Sexually Transmitted Diseases “STD”) ऐसे संक्रामक रोग जो लैंगिक संसर्ग द्वारा एक संक्रमित व्यक्ति से स्वस्थ व्यक्ति तक फैल जाते हैं। ऐसे रोगों को लैंगिक संचारित रोग कहते हैं। जैसे-सुजाक, आतशक, ट्रायकोमोनसता तथा AIDS.

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