कक्षा 10वीं सितम्बर मासिक परीक्षा 2024 – हिन्दी विषय का प्रश्नपत्र उत्तर सहित – 10th monthly exam September 2024- Hindi question paper with answer:-इस पोस्ट में बिहार बोर्ड से आयोजित मासिक परीक्षा (सितम्बर) 2024 का प्रश्न पत्र दिया गया है । यदि आप भी बिहार बोर्ड से मैट्रिक बोर्ड परीक्षा 2025 में देंगे । तो आपके लिये स्कूल स्तर पर monthly exam September 2024 का आयोजन 22 सितम्बर से 24 सितम्बर तक हो रहा है । आपके मासिक परीक्षा (सितम्बर) के हिन्दी विषय का अरिजनल प्रश्न पत्र उत्तर के साथ दिया गया है । इस पोस्ट के माध्यम से बिहार बोर्ड 10th मासिक परीक्षा (सितम्बर) 2024 के हिन्दी विषय का प्रश्न पत्र उत्तर के साथ डाउनलोड कर सकते है ।
Bihar Board Class 10 Monthly Exam September Hindi Question Paper With Answer
इस पोस्ट के माध्यम से मासिक परीक्षा (सितम्बर) के Hindi विषय के प्रश्न पत्र का PDF डाउनलोड कर सकते है । इसके साथ-साथ Objective और Subjective प्रश्नों का उत्तर भी डाउनलोड कर सकते है ।
10th Monthly Exam September 2024- EXAM CENTER
इस परीक्षा का आयोजन आपके विद्यालय के स्तर पर होगा। अर्थात की जिस भी विद्यालय में आपका नामांकन है। उसी में जाकर आपको परीक्षा देना पड़ेगा ।
Admit Card Of 10th Monthly Exam September 2024
इस परीक्षा के लिए बिहार बोर्ड के तरफ से कोई भी ऑफिशियल एडमिट कार्ड जारी नहीं किया जाएगा। क्योंकि यह आपके विद्यालय के स्तर पर आयोजित होने वाला एकमात्र आंतरिक जांच परीक्षा है।
प्रश्न पत्र कहां से आएगा ?
कक्षा 10th के मासिक परीक्षा (सितम्बर) 2024 का प्रश्न पत्र आपके विद्यालय में सितम्बर माह तक पढ़ाए गए पाठ से प्रश्न आएगा
कॉपी का जांच कहां होगा ?
कक्षा 10th के मासिक परीक्षा के कॉपी का मूल्यांकन आपके विद्यालय के स्तर पर ही होगा।
CLASS 10 Monthly Exam September 2024 Hindi Question Paper
CLASS 10th | Monthly Exam September 2024 |
SESSION | 2024-25 |
SUBJECT/CODE | HINDI-101 |
EXAM DATE | 23/09/2024 |
SITTING | 1ST SHIFT |
TIME | 10.00 AM-11.30 AM |
BSEB Class 10 Monthly Exam September 2024 Hindi Objective Answer Key –
Q.N. | ANS | Q.N. | ANS |
1. | B | 16. | B |
2. | D | 17. | C |
3. | A | 18. | C |
4. | A | 19. | A |
5. | B | 20. | A |
6. | C | 21. | C |
7. | B | 22. | B |
8. | C | 23. | B |
9. | B | 24. | D |
10. | C | 25. | A |
11. | A | 26. | B |
12. | D | 27. | D |
13. | B | 28. | C |
14. | D | 29. | D |
15. | A | 30. | A |
10th Monthly Exam September Hindi Subjective Question Download Link –
नीचे दिए गए लिंक से आप सब्जेक्टिव प्रश्न का उत्तर पीडीएफ़ फॉर्मेट में डाउनलोड कर सकते है ।
नोट- यह प्रश्नपत्र और उत्तर 10thके मासिक परीक्षा (सितम्बर) 2024 का है । Hindi Question Paper
विषयनिठ प्रश्न
लघु उत्तरीय प्रश्न
1.निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं पाँच के उत्तर दें |
(i) मंगम्मा का अपनी बहू के साथ किस बात को लेकर विवाद था ?
उत्तर- मंगम्मा का अपनी बहू के साथ अधिकारों को लेकर विवाद था, मंगम्मा अपने बेटे और पोते पर अपना अधिकार बनाए रखना चाहती थीं, जबकि बहू यह मानने को तैयार नहीं थीं. बहू अपने पति पर अपना अधिकार समझती थीं
(ii) बहादुर ने लेखक का घर क्यों छोड़ दिया ?
उत्तर- बहादुर एक नेपाली बालक था जो लेखक के घर में नौकर के रूप में काम करता था। उसके पिता युद्ध में मारे गए थे और उसकी माँ ने उसे पाला था। बहादुर ईमानदार, मेहनती और कर्मठ था, लेकिन घर में उसके साथ दुर्व्यवहार किया जाता था। उसे मार-पीट और झूठे आरोपों का सामना करना पड़ा, जिसके कारण अंततः वह घर छोड़कर भाग गया।
(iii) कवि रामधारी सिंह दिनकर की दृष्टि में आज के देवता कौन हैं ?
उत्तर- कवि रामधारी सिंह दिनकर की दृष्टि में जनता ही आज का देवता है। क्योंकि वहीं खून-पसीना बहाकर देश-सेवा करती है। कवि कहता है कि मन्दिरों और मस्जिदों में देवता का वास नहीं है। खेत- खतिहानों, कारखानों आदि में काम करने वाले ही आज के देवता हैं।
(iv) कवि ‘प्रेमघन’ ने ‘डफाली किसे कहा है और क्यों ?
उत्तर- कवि बदरी नारायण प्रेमधन ने विदेशी रीति-नीति, खान-पान, वेशभूषा, भाषा-शैली को अपनाने वाले को डफाली कहा है । वैसे लोगों में क्षय वृत्ति बढ़ी हुई है । पाश्चात्य सभ्यता-संस्कृति को अपनाने वाले तथा अपनी सभ्यता-संस्कृति को हेय दृष्टि से देखने वाले को डफालो कहा है।
(v) देवनागरी लिपि में कौन-कौन सी भाषाएँ लिखी जाती हैं ?
उत्तर- संस्कृत, पालि, हिन्दी, मराठी, कोंकणी, सिन्धी, कश्मीरी, हरियाणवी, नेपाल भाषा, तमांग भाषा, गढ़वाली, बोडो, अंगिका, मगही, भोजपुरी, नागपुरी, मैथिली, संताली, राजस्थानी भाषा, बघेली आदि सैकड़ों भाषाएँ और स्थानीय बोलियाँ भी देवनागरी में लिखी जाती हैं।
(दीर्घ उत्तरीय प्रश्न )
2. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर दें। प्रत्येक प्रश्न 5 अंक का है।
(i) ‘बहादुर’ शीर्षक कहानी के एक प्रमुख पात्र कथावाचक का चरित्र-चित्रण करें।
उत्तर- अमरकंत की कहानी बहादुर में कथावाचक का चरित्र चित्रण इस प्रकार है: कथावाचक कहानी का लेखक है. उन्होंने स्वयं को कहानी का पात्र बनाया है. कहानी की आत्म कथात्मक रूप में रचना की है.. कहानी को आगे बढ़ाने में कथावाचक के अलावा निर्मता और किशोर जैसे अन्य पात्र भी सहायक होते हैं. कहानी में बहादुर के बारे में कुछ और खास बातें: बहादुर एक नेपाली तड़का था. वह लेखक के यहां नौकर था. बहादुर एक सीधा साधा, भोता, और ईमानदार लड़का था. वह बहुत परिश्रमी था और घर के सभी काम करता था. वह हमेशा खुश रहता था और हंसता रहता था. वह व्यवहार कुरात था और घर के सभी सदस्यों को प्रभावित करता था. वह मातृ पितृभक्त था और माता पिता के प्रति अपने फ़र्ज़ को
समझता था.
(ii) ‘विष के दाँत’ शीर्षक कहानी के शीर्षक की सार्थकता स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर- विष के दाँत’ कहानी का शीर्षक इसलिए सार्थक है क्योंकि इसमें अमीरों के दिखावे और गरीबों पर उनके अत्याचार को उजागर किया गया है. इस कहानी में अमीरों के दिखावे की विष के दाँतों के समान बताया गया है, जो गरीबों के शोषण का कारण बनता है. कहानी में खोखा के दाँत टूट जाते हैं, जो अमीरों की प्रदर्शन प्रियता और गरीबों पर उनके अत्याचार के विरुद्ध एक चेतावनी है गरीबों के प्रतीक खोखा ने मदन के दाँत तोड़कर गरीबों पर हुए अत्याचार का विरोध किया, जो इस कहानी के शीर्षक की सार्थकता को स्पष्ट करता है ‘दिए के दाँत कहानी आचार्य नलिन विलोचन शर्मा द्वारा लिखी गई है. यह एक मनोवैज्ञानिक कहानी है. इसमें मध्य वर्ग के जीवन के कई अंतर्विरोधी पहलुओं को दिखाया गया है. इस कहानी में मध्य वर्ग की आर्थिक स्थिति का सफल चित्रण किया गया है.
(iii) माँ शीर्षक कहानी में मंगु को जिस अस्पताल में भर्ती की जाती है, उस अस्पताल के कर्मचारी व्यवहारकुशल हैं या संवेदनशील ? विचार करें।
उत्तर- हाँ, माँ कहानी में मंगु को जिस अस्पताल में भर्ती कराया गया था, वहां के कर्मचारी व्यवहारकुशत और संवेदनशील थे. मंग की मां को अस्पताल के कर्मचारियों पर विश्वास नहीं था और उसे लगता था कि अस्पताल में मंगु की अच्छी देखभाल नहीं हो पाएगी. हालांकि, अस्पताल के कर्मचारियों ने मंगू की मां को आश्वस्त किया कि मंगु को तकलीफ़ नहीं होगी और उसे घर भेज दिया गया. अस्पताल के कर्मचारियों के व्यवहार से जुड़ी कुछ और बातें एक अधेड़ उम्र की परिचारिका ने मंगू को अपनी बेटी की तरह माना डॉक्टर, मैट्रने, और अटेंडेंट का दिल भर आया जब उन्होंने मां का रोना देखा वे मन ही मन सोचने लगे कि किसी पागल का ऐसा रिश्तेदार किसी ने नहीं देखा.
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Niraj Kumar yadav