कक्षा 11वीं सितम्बर मासिक परीक्षा 2024- हिन्दी (Hindi) का प्रश्नपत्र उत्तर सहित – Class 11th Hindi September Monthly exam Exam 2024:- इस पोस्ट में बिहार बोर्ड से आयोजित मासिक परीक्षा 2024-26 का प्रश्न पत्र दिया गया है । यदि आप भी बिहार बोर्ड से इंटर बोर्ड परीक्षा 2026 में देंगे । तो आपके लिये स्कूल स्तर पर Monthly exam 2024-26 का आयोजन 23 सितंबर से 30 सितंबर तक हो रहा है । आपके मासिक परीक्षा के हिन्दी विषय का अरिजनल प्रश्न पत्र उत्तर के साथ दिया गया है । इस पोस्ट के माध्यम से बिहार बोर्ड 11th मासिक परीक्षा 2024-26 के हिन्दी विषय का प्रश्न पत्र उत्तर के साथ डाउनलोड कर सकते है ।
Bihar Board Class 11th September Monthly exam Hindi Question Paper With Answer
इस पोस्ट के माध्यम से मासिक परीक्षा के Hindi विषय के प्रश्न पत्र का PDF डाउनलोड कर सकते है । इसके साथ-साथ Objective और Subjective प्रश्नों का उत्तर भी डाउनलोड कर सकते है।
कक्षा 11वीं सितम्बर मासिक परीक्षा 2024- EXAM CENTRE
इस परीक्षा का आयोजन आपके विद्यालय के स्तर पर होगा। अर्थात की जिस भी विद्यालय में आपका नामांकन है। उसी में जाकर आपको परीक्षा देना पड़ेगा |
Admit Card Of 11th September Monthly exam 2024-26
इस परीक्षा के लिए बिहार बोर्ड के तरफ से कोई भी ऑफिशियल एडमिट कार्ड जारी नहीं किया जाएगा। क्योंकि यह आपके विद्यालय के स्तर पर आयोजित होने वाला एकमात्र आंतरिक जांच परीक्षा है।
कक्षा 11वीं सितम्बर मासिक परीक्षा 2024-प्रश्न पत्र कहां से आएगा ?
कक्षा इंटर के मासिक परीक्षा का प्रश्न पत्र बिहार विद्यालय परीक्षा समिति तैयार करके भेजेगा उसके साथ साथ उत्तर पुस्तिका भी बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ही तैयार करके भेजेगा।
कॉपी का जांच कहां होगा ?
कक्षा इंटर के मासिक परीक्षा के कॉपी का मूल्यांकन आपके विद्यालय के स्तर पर ही होगा।
11th September Monthly exam 2024 HINDI Question Paper
CLASS 11TH | Monthly exam |
SESSION | 2024-26 |
SUBJECT/CODE | Hindi-106-206-306 |
EXAM DATE | 01/10/2024 |
SITTING | 2nd SHIFT |
TIME | 12:45-02:15 PM |
BSEB Class 11th September Monthly exam Hindi Objective Answer Key –
Q.N. | ANS | Q.N. | ANS |
1. | B | 16. | D |
2. | C | 17. | B |
3. | B | 18. | A |
4. | C | 19. | C |
5. | D | 20. | B |
6. | A | 21. | D |
7. | B | 22. | A |
8. | C | 23. | C |
9. | C | 24. | D |
10. | C | 25. | C |
11. | C | 26. | A |
12. | D | 27. | C |
13. | B | 28. | D |
14. | A | 29. | A |
15. | C | 30. | C |
11th September Monthly exam Hindi Subjective Question Download Link –
नीचे दिए गए लिंक से आप सब्जेक्टिव प्रश्न का उत्तर पीडीएफ़ फॉर्मेट में डाउनलोड कर सकते है ।
नोट- यह प्रश्नपत्र और उत्तर 11th के कक्षा 11वीं सितम्बर मासिक परीक्षा 2024 का है । Hindi Question Paper
खण्ड – ब
विषयनिष्ठ प्रश्न
1. निम्नलिखित में से किन्हीं पाँच प्रश्नों के उत्तर दें :
(i) ‘पूस की रात’ शीर्षक कहानी में हल्कू खेत की उजड़ी दशा देख क्यों प्रसन्न है ?
उत्तर- पूस की रात नामक कहानी का नायक फसल के चर जाने के बाद इसलिए खुश होता है क्योंकि उसे खेत की रखवाली करने से छुट्टी मिल गयी है। उसे अब खेत की रखवाली नहीं करनी पड़ेगी।
(ii) ‘पूस की रात’ शीर्षक कहानी में मुन्नी, सहना को पैसे क्यों नहीं देना चाहती है ?
उत्तर- ‘पूस की रात’ कहानी में मुन्नी, सहना को पैसे इसलिए नहीं देना चाहती क्योंकि उसके पास सिर्फ़ तीन रुपये थे, जिन्हें उसने कंबल खरीदने के लिए बचाए थे. अगर वह ये पैसे सहना को दे देती, तो कंबल नहीं खरीद पाती और पूस की रात ठंड से नहीं बच पाती.
(iii) ‘कविता की परख’ शीर्षक निबंध के अनुसार एक कवि के लिए कल्पना का क्या महत्व है ?
उत्तर- एक कवि के लिए कल्पना का अत्याधिक महत्त्व है। बिना कल्पना शक्ति के कोई व्यक्ति कवि नहीं हो सकता। क्योंकि कल्पना के बल पर ही कवि रूप व्यापारादि की चित्रवत् योजना करता है। इसके अभाव में कविता में प्रभावोत्पादकता नहीं आ सकती, जो कवि का लक्ष्य होता है।
(iv) ‘कबिता की परख’ शीर्षक निबंध के अनुसार पात्र के मुख से भाव की व्यंजना कराने में कवि को किसका ध्यान रखना पड़ता है ?
उत्तर- ‘कविता की परख’ निबंध के मुताबिक, पात्र के मुख से भावों की व्यंजना कराने के लिए कवि को भावों की अभिव्यक्ति से जुड़े तत्वों का ध्यान रखना होता है. आचार्य रामचंद्र शुक्ल द्वारा लिखे गए इस विवेचनात्मक निबंध में कविता के कई पहलुओं पर चर्चा की गई है. पात्र के मुख से भाव की व्यंजना कराने में कवि में बड़ी निपुणता अपेक्षित होती है। पहले तो उसे मनुष्य की सामान्य प्रकृति का ध्या न रखना पड़ता है, फिर पात्र के विशेष ढंग के स्वभाव का। इसी से एक ही भाव की व्यंजना अनन्त प्रकार से हो सकती है।
(v) ‘कबिता की परख’ शीर्षक पाठ के अनुसार उपमा क्या है ?
उत्तर- किसी व्यक्ति या वस्तु जिसका वर्णन करना हो उसकी सुन्दरता, कोमलता, मधुरता, उग्रता, कठोरता, वीरता तथा कायरता इत्यादि की भावना की तुलना उस वस्तु के समान कुछ अन्य वस्तुओं से करना ही उपमा कहलाता है।
2.बड़े भाई की शादी में जाने हेतु चार दिनों की छुट्टी के लिए अपने प्रधानाध्यापक के पास एक आवेदन पत्र लिखें ।
उतर- सेवा में,
श्रीमान् प्रधानाध्यापक महोदय,
ए आर कैरियर पॉइंट , बेतिया ।
विषयः अवकाश प्राप्ति हेतू
आदरणीय महोदय,
सविनय नम्र निवेदन है कि मेरे बड़े भाई की शादी होने जा रही है। इस हेतु श्रीमान से प्रार्थना है कि शादी में शामिल होने के लिए मुझे पाँच दिन की छुट्टी चाहिए। मैं इन दिनों विद्यालय में उपस्थित नहीं हो सकूँगा।
अतः श्रीमान से प्रार्थना है कि मुझे पाँच दिनों की छुट्टी प्रदान करने की कृपा करें।
दिनांक: 01.10.2024
आपका आज्ञाकारी
छात्र सुमित कुमार
कक्षा-XI
3. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो के उत्तर दें :
(i) हल्कू और मुन्नी दोनों के चरित्र की विशेषताएँ बताएँ । आपको इन दोनों में अधिक महत्वपूर्ण कौन लगा ?
उत्तर- कथासम्राट प्रेमचंद की कहानी ‘पूस की रात’ में हल्कू और मुन्नी के चरित्र की कुछ खास बातें ये हैं हल्कू, एक औसत भारतीय किसान की तरह, हमेशा परिस्थितियों से समझौता करने के लिए तैयार रहता है और अपने दयनीय जीवन को भाग्य की विडंबना मानता है। लेकिन मुन्नी के किरदार में ऐसा नहीं है। उसके स्वभाव में अन्याय के प्रति विद्रोह की भावना है।
(iii) विद्यापति रचित द्वितीय पद का भावार्थ अपने शब्दों में लिखें ।
उत्तर- प्रसंग – प्रस्तुत पद हमारी पाठ्यपुस्तक ‘अंतरा भाग 2′ में संकलित विद्यापति के पदों से उद्धृत है। यह पद विद्यापति – पदावली’ से लिया गया है। इस पद में राधा की मनोदशा का वर्णन है. जिसमें राधा और उनकी सखियों के बीच हुई बातचीत और राधा – कृष्ण के प्रेम का वर्णन है।
व्याख्या – नायिका और नायक एक- दूसरे से लंबे समय से प्रेम करते हैं। नायिका और नायक के इस प्रेम को उसकी सखी भी जानती है। अपनी उत्सुकता शांत करने के लिए वह नायिका से इसका अनुभव पूछती है। तब नायिका अपनी इस सखी को अनुभव बताती है कि हे सखी! मुझसे काम – क्रीड़ा के अनुभव के विषय में क्या पूछती हो ? अर्थात् मैं इसके आनंद और स्वरूप का वर्णन नहीं कर सकती। जो क्षण-क्षण नवीन होती है, उसे ही प्रीति और अनुराग कहना चाहिए। मैं जन्मभर प्रिय का रूप निहारती रही, किंतु आँखें तृप्त नहीं हुईं।
उनके प्रिय शब्दों को कानों से सुनती रही, किंतु वे जैसे अच्छी तरह कर्णगोचर ही नहीं हुए। मधुर मिलन की कितनी रातें रति – क्रीड़ा में बिता दीं, फिर भी यह नहीं जान पाई कि काम – क्रीड़ा कैसी होती है ? चिरकाल तक उनके हृदय को अपने हृदय में रखा, फिर भी हदय नहीं जुड़ाया। मेरी बात ही क्या, कितने रसिक जनों ने इसका उपभोग किया, किंतु इसका पूर्ण अनुभव किसी को नहीं हुआ। विद्यापति कवि कहते हैं कि अब तुम्हारे प्राण अवश्य शीतल होंगे, क्योंकि लाखों में कृष्ण के समान एक भी रसिक नहीं मिला अर्थात् प्रेमानुभुति की जलन ज्यों-की- ज्यों बनी रही।
September Monthly exam | CLASS 11TH 2024-26 |
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