20 दिनों में स्कूलों से 13.87 13.87 लाख बच्चों के नाम काटे गए
बिहार के सरकारी स्कूल से 14 लाख बच्चों का नाम कटा :-पिछले 20 दिनों में यानी 22 सितंबर से 11 अक्टूबर तक विभिन्न जिलों के स्कूलों से 13 लाख 87 हजार बच्चों का नामांकन रद्द किया गया है। बिना सूचना दिए लगातार 15 दिनों तक स्कूल नहीं आने छात्र- छात्राओं का नामांकन रद्द किया जा रहा है। अनुपस्थित रहने वाले 15 लाख 96 हजार 817 बच्चों का अब तक नामांकन रद्द हुआ है|
जिनके नाम काटे गए हैं उनको,पोशाक, छात्रवृत्ति व साइकिल आदि योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा….
पटना जिले में 83799 बच्चों का नाम कटा है। एक साथ सरकारी और निजी विद्यालयों में नामांकित रहने के कारण बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ाई के लिए नहीं आते हैं। योजनाओं का लाभ लेने के लिए दोनों जगह नाम लिखाते हैं। इस कारण यह कार्रवाई की गई है। इस संबंध में जिलों से शिक्षा विभाग को रिपोर्ट मिली है। जिनके नाम काटे गए हैं उनको पोशाक, छात्रवृत्ति व साइकिल आदि योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा। पांचवीं में सबसे अधिक 1 लाख 86 हजार नाम कटे हैं|
एक साथ सरकारी व निजी स्कूल में नाम लिखा रहे…..
कक्षा 12 में सबसे कम 11207 नाम कटे है….
कक्षा 12 में सबसे कम 11207 नाम कटे हैं। गौरतलब है कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने जिलों को निर्देश दिया था कि लगातार 15 दिनों तक स्कूल में अनुपस्थित रहने पर छात्र का नामांकन रद्द कर दें। यह भी कहा था कि चेक करें कि बच्चे का नाम एक साथ दो विद्यालयों में नामांकित तो नहीं है।
जिन बच्चों के नाम कटे, अभिभावक शपथ पत्र देकर दोबारा नाम लिखवा सकते है।
15 दिनों तक लगातार स्कूल नहीं आने वाले बच्चों के नाम काटे गए हैं। लेकिन इन्हें दोबारा स्कूल में नामांकन लेने से नहीं रोका गया है। दोबारा नामांकन कराने के लिए अभिभावक को शपथ पत्र देना होगा। अभिभावक को बताना होगा कि आगे बच्चे नियमित स्कूल आएंगे। सख्ती इसलिए है। कि स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति बढ़े। अभिभावक जागरूक हों। हालांकि, यह भी चेक करना चाहिए कि आखिर बच्चे स्कूल क्यों नहीं आ रहे। नाम काटने का पहले भी प्रावधान था।
लगातार 15 दिनों से स्कूल से अनुपस्थित थे
बच्चों को स्कूल लाने के लिए कार्यक्रम चलाया जाता था। लगातार तीन दिनों तक स्कूल नहीं आने बच्चों को बुलाने के लिए उनके घर स्कूल के ही बच्चों को भेजा जाता था। 7 दिनों तक नहीं आने पर शिक्षक व 15 दिनों तक नहीं आने पर हेडमास्टर बच्चों के अभिभावक से मिलते थे। लगातार 30 दिनों तक स्कूल नहीं आने वाले बच्चों का नाम काट दिया जाता था ।
पू. चंपारण में अधिक नाम कटे
- पूर्वी चंपारण में सबसे अधिक 108486 बच्चों के नाम कटे|
- कक्षा 5 में सबसे अधिक 1.86 लाख बच्चों का नामांकन रद्द किया गया है।
- पटना जिले में 83799 बच्चों का नाम काटा गया है|
- साइकिल, छात्रवृत्ति सहित योजनाओं के लाभ से होंगे वंचित|
कक्षावार नामांकन रद्द की स्थिति
कक्षा 1 | 107836 |
कक्षा 2 | 148289 |
कक्षा 3 | 174803 |
कक्षा 4 | 186106 |
कक्षा 5 | 186937 |
कक्षा 6 | 162896 |
कक्षा 7 | 158831 |
कक्षा 8 | 141648 |
कक्षा 9 | 39250 |
कक्षा 10 | 26930 |
कक्षा 11 | 26831 |
कक्षा 12 | 11207 |
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