बिहार बोर्ड ने शुरू किया चैटबोट- यह एआई आपके सभी प्रश्न का देगा जबाब:-बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB) ने शिक्षा व्यवस्था को और पारदर्शी, सुरक्षित और तकनीकी रूप से मजबूत बनाने के लिए दो बड़े फैसले लिए हैं।
- एआई चैटबोट की सुविधा शुरू
- फर्जी सर्टिफिकेट पकड़ने के लिए AI व डिजिटल सत्यापन सिस्टम लागू
इन दोनों बदलावों से लाखों छात्रों को फायदा मिलने वाला है, साथ ही फर्जीवाड़ा करने वालों पर भी बड़ी कार्रवाई की जाएगी।
बिहार-बोर्ड अब एआई से पकड़ेगा फर्जी सर्टिफिकेट
बिहार बोर्ड अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से फर्जी सर्टिफिकेट पकड़ेगा। जो विद्यार्थी नाम, पिता का नाम, जन्म तिथि या फोटो बदलकर एक से अधिक बार मैट्रिक या इंटर की परीक्षा दे चुके हैं, उन्हें एआई पकड़ेगा। बोर्ड फॉर्म भरने, परीक्षा आयोजन और रिजल्ट तैयार करने तक हर चरण में एआई का इस्तेमाल करेगा। यह सिस्टम 2026 की मैट्रिक-इंटर परीक्षा से पहले पूरी तरह चालू हो जाएगा।
बिहार-बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने कहा कि
एआई 1985-86 तक के पुराने फर्जी प्रमाण पत्र भी पकड़ लेगा। ऐसे सभी सर्टिफिकेट रद्द होंगे। अगर कोई व्यक्ति फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी कर रहा है और सत्यापन बोर्ड से हुआ, तो उसकी नौकरी खत्म हो सकती है।
सत्यापन, डेटा एंट्री या कोर्ट केस के दौरान पहले भी कई फर्जी सर्टिफिकेट उजागर हुए हैं। बोर्ड ने ऐसे सर्टिफिकेट रद्द भी किए थे। अब एआई नाम, पता, जन्मतिथि और फोटो स्कैन कर मिलान करेगा। इसलिए गड़बड़ी के बहुत अधिक मामले सामने आने की संभावना है।
जो आप जानना चाहते हैं…
- कार्रवाई सख्त होगी… संबंधित व्यक्ति के सर्टिफिकेट को तत्काल रद्द कर दिया जायेगा। उस आधार पर लिये गये दूसरे सर्टिफिकेट भी मान्य नहीं होंगे।
- संविदा पर नियुक्ति:- संविदा पर काम कर रहे लोगों पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा क्योंकि उनका सर्टिफिकेट सत्यापन नहीं होता है।
- प्रमाणपत्र पर भर्तीः- पुलिस, शिक्षक, राजस्व जैसे विभागों में फर्जी सर्टिफिकेट से नौकरी ली तो नियुक्ति अवैध घोषित होगी। सर्टिफिकेट अवैध हो जाएंगे।
- कैसे की जाएगी जांच.. एआई अभ्यर्थियों की फोटो, सिग्नेचर, आधार, सर्टिफिकेट्स में दर्ज नाम, पता, जन्म तिथि आदि से मिलान कर फर्जी सर्टिफिकेट्स को पकड़ेगा।
- कितने दायरे में… हर साल 13 लाख इंटर व 15 लाख मैट्रिक के छात्र-छात्राओं की सभी जानकारियों को एआई स्कैन करेगा। 1985-86 तक के फर्जी सर्टिफिकेट एआई के दायरे में आएंगे। अगर सर्टिफिकेट फर्जी मिला तो रद्द किया जाएगा।
- फर्जीवाड़े का इतिहास… विगत वर्षों में जब से सर्टिफिकेट्स को ऑनलाइन करने की प्रक्रिया शुरू हुई है, इस तरह के मामले बीच-बीच में पकड़ में आते रहे हैं। इस संबंध में शिकायतें भी आती रहती हैं। बोर्ड का कोई अधिकारिक डाटा नहीं है।
बोर्ड में एआई के इस्तेमाल की तैयारी पूरी
बिहार बोर्ड में एआई का इस्तेमाल करने की पूरी तैयारी है। इससे पुराने या नए सभी फर्जी सर्टिफिकेट की पहचान हो जाएगी। कोई छात्र नाम या जन्मतिथि बदलकर परीक्षा देगा तो तुरंत पता चलेगा। बोर्ड का काम पहले से तेज और सटीक होगा। छोटी-छोटी गलतियां भी पकड़ी जाएंगी। आनंद किशोर, अध्यक्ष, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति
7279 पदों पर स्पेशल टीचर की नियुक्ति के लिए 29 जनवरी को परीक्षा होगी
बीपीएससी की ओर से 7279 पदों पर स्पेशल टीचर की नियुक्ति के लिए 29 जनवरी को लिखित परीक्षा होगी। 7279 में से 5334 पदों पर 1 से 5वीं कक्षा तक के टीचरों की नियुक्ति होगी। जबकि, 1745 पदों पर 6वीं से 8वीं कक्षा के टीचर की नियुक्ति होगी। 1 से 5वीं कक्षा के लिए भाषा और सामान्य अध्ययन विषय की परीक्षा होगी। 6 से 8वीं कक्षा के लिए अंग्रेजी, हिंदी, उर्दू, बांग्ला सहित अन्य विषय की परीक्षा होगी।
एक ‘हैलो’ पर मिलेगी मदद, चैटबोट विद्यार्थियों का गाइड बनेगा
विहार विद्यालय परीक्षा समिति (बिहार बोर्ड) ने परीक्षा प्रणाली में कई सुधारों के बाद अब विद्यार्थियों के लिए एक नई सुविधा शुरू करने की तैयारी की है। इसके तहत समिति की वेबसाइट biharboard online. com पर जल्द ही बोर्ड परीक्षार्थियों के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस चैटबोट उपलब्ध कराया जाएगा।
बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले विद्यार्थियों को मिलेगी सुलम और विश्वसनीय जानकारी
चैटबोट पर ‘हैलो’ लिखते ही एआई उनका गाइड बनकर जानकारी देने लगेगा। विद्यार्थी जिस भाषा में प्रश्न पूछेंगे, एआई उसी भाषा में सटीक और त्वरित उत्तर देगा। इससे उन्हें परीक्षा संबंधी जानकारियां आसानी से मिल सकेंगी। बोर्ड की ओर से यह सुविधा पहली बार शुरू की जा रही है।
समिति की वेबसाइट पर जनवरी से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस चैटबोट की सुविधा मिलेगी
समिति के अनुसार जनवरी से यह चैटबोट वेबसाइट पर सक्रिय हो जाएगा। इसका सबसे अधिक लाभ 2026 की इंटर और मैट्रिक वार्षिक परीक्षा में शामिल होने वाले विद्यार्थियों को मिलेगा।
बोर्ड आगामी वर्ष से एआई तकनीक का इस्तेमाल करेगा
बिहार बोर्ड आगामी वर्ष से परीक्षा प्रणाली में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को शामिल करेगा। इसी कड़ी में विद्यार्थियों को चैटबोट की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। बोर्ड एआई का इस्तेमाल दो पहलुओं से करेगा। पहला परीक्षाओं में किसी तरह की धांधली रोकने के लिए किया जाएगा। इसमें नाम बदलकर फॉर्म भरने, फोटो या जन्मतिथि में गड़बड़ी करने जैसे मामलों में फर्जीवाड़े की पहचान एआई की मदद से की जा सकेगी। दूसरा उपयोग विद्यार्थियों को सहायता प्रदान करने के लिए होगा।
छात्रों को परीक्षा, परिणाम, तैयारी आदि से सम्बंधित जानकारी देगा चैटबोट
बोर्ड का उद्देश्य विद्यार्थियों को एक त्वरित और विश्वसनीय सूचना प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराना है। ताकि उन्हें अफवाहों या गलत सूचनाओं पर निर्भर न रहना पड़े। बोर्ड का मानना है कि इससे पारदर्शिता और दक्षता दोनों में वृद्धि होगी। परीक्षा फॉर्म भरने से लेकर सभी चीजों में एआई की मदद से जांच की जाएगी।
क्या है एआई चैटबोट
एआई चैटबोट एक कंप्यूटर प्रोग्राम है जो कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग कर बात चीत करता है। यह पूछे गए सवालों का त्वरित जवाब देता है। इन्हें ग्राहक सेवा, बिक्री और सूचना प्रदान करने जैसे कार्यों के लिए उपयोग किया जाता है
चैटबोट से ये लाभ होगा
- परीक्षा की तिथि, समय सारिणी, इससे संबंधित अन्य जानकारी
- ऑनलाइन आवेदन फॉर्म भरने की प्रक्रिया का चरणबद्ध मार्गदर्शन
- शुल्क संरचना और भुगतान करने के तरीके
- छात्रवृत्ति और बोर्ड से संबंधित अन्य जानकारियां
इस व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य
- बोर्ड रिकॉर्ड को 100% डिजिटल बनाना
- छात्रों को असली प्रमाणपत्र की सुरक्षा देना
- नौकरी में फर्जी प्रमाणपत्र के प्रयोग को खत्म करना
- भर्ती एजेंसियों के लिए तुरंत सत्यापन सुविधा देना
एआई चैटबोट क्यों जरूरी था?
- बोर्ड को लाखों बच्चों के प्रश्न रोजाना आते हैं
- बहुत से विद्यार्थी सही जानकारी न मिलने से गलतियाँ कर देते हैं
- वेबसाइट पर खोजने में समय लगता है
- चैटबोट तुरंत और सही जानकारी देगा
इससे छात्रों की परीक्षा तैयारी भी आसान होगी और उन्हें बिना भटके सटीक अपडेट मिलेंगे।
निष्कर्ष
बिहार बोर्ड के ये दोनों नए कदम शिक्षा व्यवस्था को पारदर्शी, सुरक्षित और तकनीकी रूप से उन्नत बनाने की दिशा में बहुत महत्वपूर्ण हैं।
- फर्जी सर्टिफिकेट अब बिल्कुल नहीं चल पाएंगे
- छात्रों को एक “हैलो” पर पूरी जानकारी मिल जाएगी
- बोर्ड की सेवाएँ और मजबूत व सरल बनेंगी
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