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बिहार बोर्ड मैट्रिक इंटर परीक्षा 2026 | परीक्षा पैटर्न और सिलेबस में बडा़ बदलाव

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By arcarrierpoint

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बिहार बोर्ड मैट्रिक इंटर परीक्षा 2026

बिहार बोर्ड मैट्रिक इंटर परीक्षा 2026 परीक्षा पैटर्न और सिलेबस में बडा़ बदलाव:-बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड (BSEB) ने 2026 के लिए मैट्रिक (कक्षा 10) और इंटर (कक्षा 12) परीक्षाओं के पैटर्न में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। ये बदलाव छात्रों की समझ, अनुप्रयोग और समस्या-समाधान कौशल को बेहतर ढंग से मूल्यांकन करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं, जो आधुनिक शिक्षा मानकों के अनुरूप हैं। यह लेख 2026 की मैट्रिक और इंटर परीक्षाओं के नए पैटर्न, सिलेबस और तैयारी के टिप्स पर विस्तृत जानकारी प्रदान करता है।

बिहार बोर्ड ने 2026 की मैट्रिक परीक्षा के लिए निम्नलिखित बदलाव लागू किए हैं:

  • योग्यता-आधारित प्रश्नों का समावेश: परीक्षा में अब योग्यता-आधारित प्रश्न शामिल होंगे, जो छात्रों की गहरी समझ, अवधारणाओं के अनुप्रयोग और समस्या-समाधान क्षमता का मूल्यांकन करेंगे। यह बदलाव रटने की बजाय वैचारिक समझ को प्रोत्साहित करता है।
  • प्रश्नपत्र का प्रारूप:
    • 50% बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs): ये प्रश्न त्वरित स्मरण और बुनियादी समझ का मूल्यांकन करेंगे।
    • 50% व्यक्तिपरक प्रश्न: इसमें छोटे और लंबे उत्तर वाले प्रश्न शामिल होंगे, जो गहन समझ और विश्लेषणात्मक कौशल का मूल्यांकन करेंगे।
  • प्रायोगिक परीक्षा वाले विषय: जिन विषयों में प्रायोगिक परीक्षाएं शामिल हैं, उनके सिद्धांत प्रश्नपत्र में 35 MCQs होंगे, जो एक संतुलित मूल्यांकन सुनिश्चित करता है।
  • परीक्षा की अवधि: प्रत्येक सिद्धांत प्रश्नपत्र की अवधि 3 घंटे 15 मिनट होगी, जिसमें 15 मिनट प्रश्नपत्र पढ़ने के लिए दिए जाएंगे।
  • दोहरी परीक्षा प्रणाली की अनुपस्थिति: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 2026 में कक्षा 10 के लिए दोहरी बोर्ड परीक्षा प्रणाली शुरू करने की घोषणा की है, लेकिन बिहार बोर्ड के लिए ऐसी कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है। इसलिए, छात्रों को केवल एक बार मैट्रिक परीक्षा देनी होगी।

कक्षा 12 की परीक्षा के लिए भी बिहार बोर्ड ने निम्नलिखित बदलाव लागू किए हैं:

  • प्रश्नपत्र का प्रारूप:
    • 50% बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs): ये त्वरित स्मरण और बुनियादी समझ का मूल्यांकन करेंगे।
    • 50% व्यक्तिपरक प्रश्न: इसमें छोटे और लंबे उत्तर वाले प्रश्न शामिल होंगे, जो गहरी समझ और अनुप्रयोग का मूल्यांकन करेंगे।
  • सिद्धांत और प्रायोगिक अंक:
    • अधिकांश विषयों के लिए सिद्धांत परीक्षा 70 अंकों की होगी (उदाहरण के लिए, उद्यमिता को छोड़कर, जो अलग-अलग अंक वितरण हो सकता है)।
    • भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान जैसे विषयों में प्रायोगिक परीक्षाएं शामिल हैं, जो कुल अंकों में योगदान देती हैं।
  • कुल अंक और उत्तीर्ण मानदंड:
    • प्रत्येक विषय 100 अंकों का होगा।
    • न्यूनतम उत्तीर्ण अंक 30% (30 अंक) हैं, सिवाय भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के, जहां यह 33 अंक है।
  • परीक्षा की अवधि: प्रत्येक सिद्धांत परीक्षा की अवधि 3 घंटे 15 मिनट होगी, जिसमें 15 मिनट प्रश्नपत्र पढ़ने के लिए होंगे।
  • विषयों की संख्या: छात्रों को 7 विषयों की परीक्षा देनी होगी, जिसमें अंग्रेजी, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, गणित, दूसरी भाषा, हिंदी और वैकल्पिक विषय शामिल हैं।
  • कक्षा 10 और 12 का सिलेबस: 2025-26 का सिलेबस पहले ही BSEB द्वारा जारी किया जा चुका है और यह CBSE पैटर्न पर आधारित है। यह राष्ट्रीय शिक्षा मानकों के साथ संरेखित है।
  • सिलेबस डाउनलोड: छात्र आधिकारिक वेबसाइट biharboardonline.bihar.gov.in से विषय-विशिष्ट सिलेबस डाउनलोड कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, कक्षा 10 के संस्कृत सिलेबस में पाठ्यपुस्तक अध्याय (44 अंक), व्याकरण (24 अंक) और रचनात्मक लेखन (15 अंक) शामिल हैं।
  • महत्वपूर्ण टिप: छात्रों को अपने स्कूलों से पूर्ण सिलेबस प्राप्त करना चाहिए और उच्च-भार वाले विषयों पर ध्यान देना चाहिए।
  • नए पैटर्न को समझें: 50-50 MCQs और व्यक्तिपरक प्रश्नों के प्रारूप को समझें। दोनों प्रकार के प्रश्नों का अभ्यास करें।
  • योग्यता-आधारित प्रश्नों पर ध्यान: कक्षा 10 के लिए, अनुप्रयोग और समस्या-समाधान पर आधारित प्रश्नों पर विशेष ध्यान दें। कक्षा 12 के लिए, सैद्धांतिक और प्रायोगिक दोनों पहलुओं पर मजबूत पकड़ बनाएं।
  • मॉडल प्रश्नपत्रों का अभ्यास: BSEB नवंबर/दिसंबर 2025 में 2026 के लिए मॉडल प्रश्नपत्र जारी करेगा। इनका समयबद्ध अभ्यास करें।
  • MCQs का अभ्यास: चूंकि MCQs अब प्रश्नपत्र का आधा हिस्सा हैं, पिछले वर्षों के प्रश्नपत्रों और नमूना पत्रों से नियमित अभ्यास करें।
  • सिलेबस को समय पर पूरा करें: सिलेबस को जल्दी पूरा करें और उच्च-भार वाले विषयों पर ध्यान दें। उदाहरण के लिए, संस्कृत में पाठ्यपुस्तक प्रश्नों, संधि-समास और निबंध/पत्र प्रारूपों पर ध्यान दें।
  • समय प्रबंधन: 3 घंटे 15 मिनट की अवधि के साथ, समयबद्ध अभ्यास करें ताकि गति और सटीकता में सुधार हो।

बिहार बोर्ड मैट्रिक और इंटर परीक्षा 2026 के लिए किए गए बदलाव छात्रों की क्षमताओं का समग्र मूल्यांकन करने की दिशा में एक कदम हैं। योग्यता-आधारित प्रश्नों और MCQs-व्यक्तिपरक प्रश्नों के संतुलित वितरण का उद्देश्य उच्च शिक्षा और वास्तविक दुनिया की चुनौतियों के लिए छात्रों को तैयार करना है। छात्रों को सलाह दी जाती है कि वे BSEB की आधिकारिक अधिसूचनाओं पर नजर रखें और नए प्रारूप के अनुसार अपनी तैयारी की रणनीति बनाएं। नियमित अभ्यास, मॉडल प्रश्नपत्रों का उपयोग और अवधारणाओं की गहरी समझ के साथ, छात्र 2026 की बोर्ड परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकते हैं।

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