कक्षा 10वीं इतिहास नोट्स- अध्याय-1 यूरोप में राष्ट्रवाद,कक्षा 10वीं इतिहास नोट्स यहां से करें डाउनलोड
राष्ट्रवाद
राष्ट्रवाद,आधुनिक युग की राजनैतिक चेतना का परिणाम है जो एक विशेष भौगोलिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक परिवेश में विकसित होती है। यूरोप में राष्ट्रवादी चेतना की शुरूआत फ्रांस से होती है।
राष्ट्रवाद के विकास में सहायक तत्व
- पुनर्जागरण के परिणामस्वरूप उत्पन्न परिस्थितियाँ
- फ्रांसीसी कांति के आदर्श
- नेपोलियन का सैन्य अभियान एवं प्रशासनिक व्यवस्था
- मध्यम वर्ग का उदय एवं उदारवादी सोच
- तत्कालीन सामाजिक एवं सांस्कृतिक परिवेश
- मेटरनिख की प्रतिक्रियावादी नीति ।
राष्ट्रवादी चेतना का परिणाम
क्रांति | कारण | परिणाम |
1830 की जुलाई क्रांति | मेटरनिख की प्रतिकियावादी नीति चार्ल्स दशम् एवं पोलिग्नेक का निरंकुश शासन उदारवादियों द्वारा अभिजात्यवर्गीय व्यवस्था का विरोध | लुई फिलिप शासक बना और चार्ल्स-X इंगलैंड पलायन किया। उदारवादी एवं संवैधानिक राजतंत्र की स्थापना। मेटरनिख व्यवस्था को चुनौती राजशाही एवं चर्च के प्रभाव को चुनौती । |
1848 की क्रांति | लूई फिलिप की कमजोर एवं उदारवादी नीति असफल वैदेशिक नीति | पुरातन व्यवस्था का अंत एवं द्वितीय गणराज्य की स्थापना नेपोलियन III फांस का सम्राट |
इटली का एकीकरण
एकीकरण का बाधक तत्व
- विषम भौगोलिक परिस्थिति
- पड़ोसी देशों का हस्तक्षेप (ऑस्ट्रिया, फांस आदि)
- पोप का प्रभाव
एकीकरण में सहायक तत्व
- फांस की घटनाओं का प्रभाव
- नेपोलियन का सैन्य अभियान
- मेटरनिख की प्रतिक्रियावादी सोच एवं नागरिक आन्दोलन
- मेजनी, काउण्ट काबूर और गैरीवाल्डी का योगदान
एकीकरण की प्रक्रिया
मेजिनी का योगदान
- यंग इटली (1831) की स्थापना
- यंग यूरोप (1834) की स्थापना
- 1848 की कांति के बाद पुनः वापसी एवं जनवादी आन्दोलन की शुरूआत
- ऑस्ट्रिया द्वारा सार्जीनिया पिडमौण्ड के शासक एलवर्ट की पराजय के बाद पुनः पलायन
काउण्ट काबूर
- विक्टर इमैनुएल का प्रधानमंत्री बना
- 1853-54 के किमिया युद्ध में फांस का कुटनीतिक रूप से सहयोग नीस और सेवाय को नेपोलियन III को देने का वादा किया
- 1859-60 में लोम्बार्डी पर अधिकार लेकिन फास के विरोध के कारण वेनेसिया अॅस्ट्रिया के ही कब्जे में
- 1860-61 में परमा, मोडेना, टस्कनी पर अधिकार
गैरीवाल्डी
पेशे से नाविक और मेजिनी के विचारों का समर्थक आगे चलकर काबूर के प्रभाव में संवैधानिक राजतंत्र का पक्षधर बना।
- सिसली और नेपल्स पर अधिकार किया और विक्टर इमैनुएल द्वितीय का प्रतिनिधि शासक बना।
- 1862 में रोम पर आक्रमण की योजना बनाई लेकिन काबूर से मुलाकात के बाद योजना का परित्याग ।
- इटली के दक्षिण क्षेत्र के शासक बनने का प्रस्ताव खारिज किया एवं अपनी संपत्ति राष्ट्र को समर्पित कर साधारण किसान का जीवन व्यतीत किया।
एकीकरण का अंतिम चरण
1862 में काबूर की मृत्यु के बाद रोम और वेनिशिया पर विक्टर इमैनुएल ने स्वयं अधिकार किया। 1870-71 के फांस और प्रशा के बीच युद्ध से उपजी अनुकूल परिस्थिति के कारण पोप बेटिकन सिटी के राजमहल में सिमट गया और संपूर्ण रोम पर इटली का अधिकार हो गया । इस तरह इटली का एकीकरण पूरा हुआ।
जर्मनी का एकीकरण
एकीकरण का बाधक तत्व
- भौगोलिक रूप से लगभग 300 ईकाईयों में विभाजित
- उत्तरी जर्मनी प्रोटेस्टेट एवं दक्षिणी जर्मनी कैथोलिक बाहुल्य
- राष्ट्रवाद के प्रारंभिक भावना का अभाव
एकीकरण में सहायक तत्व
- नेपोलियन का सैन्य अभियान एवं राइन राज्य संघ की स्थापना
- बुद्धिजीवियों यथा-हीगेल, काण्ट, हम्बोल्ट आदि की राष्ट्रवाद-विचार धारा का प्रभाव
- शिक्षक-छात्र संगठन ब्रूशन शैफ्ट, मेटरनिख का दमनकारी कानून-कार्ल्सवाद एवं व्यापारियों की संस्था जालवेरिन का योगदान
- विलियम एवं बिस्मार्क का अविर्भाव
बिस्मार्क एवं जर्मनी का एकीकरण
- जर्मन डायट में प्रशा का प्रतिनिधि एवं निरकुश राजतंत्र का समर्थक।
- सैन्य शक्ति के महत्व को समझते हुए ‘लौह एवं रक्त की नीति को अपनाया।
- 1864 में ऑस्ट्रिया के साथ मिलकर डेनमार्क को पराजित किया।
- श्लेशविग पर जर्मन अधिकार एवं जर्मन बाहुल्य होलस्टिन पर ऑस्ट्रिया का प्रभुत्व माना। यह उसकी कुटनीतिक चाल रही।
- होलस्टिन की जर्मन आबादी को भड़का कर ऑस्ट्रिया के विरूद्ध युद्ध के माहौल का निर्माण किया।
- 1866 के सेडोवा के युद्ध में आस्ट्रिया की पराजय तथा प्रशा से ऑस्ट्रिया का प्रभुत्व। समाप्त। दक्षिण जर्मन राज्यों में हस्तक्षेप एवं स्पेन की राजगद्दी के सवाल पर फांस से युद्ध के माहौल का निर्माण।
- नेपोलियन ।। द्वारा 19 जून 1870 को प्रशा पर आकमण लेकिन सेडान के युद्ध में फांस की पराजय ।
- 18 मई 1871 को फांस के साथ फ्रैंकफर्ट’ की संधि के बाद जर्मनी के एकीकरण का कार्य पूर्ण।
अन्य देशों में राष्ट्रीय आन्दोलन
यूनान
तुर्की प्रभुत्व के विरूद्ध राष्ट्रवाद_भावना के उदय एवं इंगलैण्ड, फांस एवं रूस के सहयोग से 1832 में यूनान का स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में उदय। (एड्रियानोपल की संधि-1829) ।
हंगरी
ऑस्ट्रिया के प्रभाव के विरूद्ध कोसुथ और फॅसिस डिक नामक कांतिकारियों द्वारा लोकतांत्रिक आन्दोलन । 1846 को ऑस्ट्रिया की सरकार द्वारा हंगरी में स्वतंत्र मंत्री परिषद की मांग स्वीकार्य। प्रतिनिधि सभा का राजधानी बुडापेस्ट में प्रतिवर्ष सम्मेलन को मान्यता एवं हंगरी के राष्ट्रीय स्मिता को महत्व।
पोलैंड
पोलैंड में राष्ट्रवादआन्दोलन को रूस के द्वारा दमन कर दिया गया।
बोहेमिया
बोहेमिया में राष्ट्रवादआन्दोलन को आस्ट्रिया के द्वारा दमन कर दिया गया।
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