सरकारी स्कूल के बच्चों को मिल रहा है फ्री किताबें- राज्य के सरकारी स्कूलों में छात्रों को किताबों का वितरण सोमवार से शुरू हो गया है। कक्षा 1 से 8वीं तक के 1.87 करोड़ बच्चों को किताबें मिलेंगी। इसके लिए 71 हजार स्कूलों में 2 मई तक कैंप लगेगा। पुस्तक का वितरण शिक्षक क्लास के मुताबिक करेंगे। हर कक्षा के क्लास टीचर पुस्तक वितरण करेंगे। इसमें छात्रों के माता-पिता, स्थानीय जनप्रतिनिधि, संबंधित अधिकारी सहित अन्य लोग शामिल होंगे।
सरकारी स्कूलों में बच्चों को किताबों का वितरण शुरू
पुस्तक की क्वालिटी की तत्काल जांच होगी। इस दौरान यदि खराब पुस्तक स्कूल तक पहुंचेगी तो उसे तत्काल बदल दिया जाएगा। अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने कहा कि सभी सरकारी स्कूलों में पुस्तक वितरण की जिम्मेदारी जिला शिक्षा अधिकारी को दी गई है। पुस्तक वितरण का डॉक्यूमेंटेशन किया जाएगा। डीईओ के माध्यम से पुस्तक बीईओ तक पहुंचेगी।
हर कक्षा के क्लास टीचर पुस्तक वितरण करेंगे इसका डॉक्यूमेंटेशन किया जाएगा
पुस्तक वितरण की तस्वीर ली जाएगी, जो डॉक्यूमेंटेशन स्कूली बच्चों को किताब देने के लिए 12 करोड़ से अधिक पुस्तकों की छपाई की गई है। प्रिटिंग सितंबर से शुरू होकर फरवरी के अंतिम सप्ताह तक चली। इन पुस्तकों को मार्च के अंतिम सप्ताह में सभी जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय तक पहुंचाया गया। वहां से 15 अप्रैल तक सभी प्रखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय तक पहुंचा है।
राज्य के 71 हजार स्कूलों के 1.87 करोड़ छात्रों को पुस्तकें मिलेंगी
हर कक्षा के लिए अलग-अलग सेट तैयार किए गए हैं। इससे पुस्तक के वितरण में परेशानी नहीं होगी। वहीं, शिक्षा विभाग में सोमवार को बैठक हुई। इसमें शिक्षकों के रिक्त पद, पुस्तक वितरण की स्थिति, कोर्ट केस की स्थिति, लोक सूचना से जुड़े मामलों की स्थिति, आरटीई के तहत नामांकित बच्चों की रिपोर्ट भी मांगी गई।
कक्षा 1 से 5वीं के छात्रों को अभ्यास पुस्तिका मिलेगी
बिहार में पहली बार कक्षा 1 से 5वीं तक के छात्रों को किताब के साथ ही अभ्यास पुस्तिका भी दी जाएगी। इसमें कलर, हिंदी, अग्रेजी, गणित लिखा होगा। जिसमें छात्रों को उत्तर देना होगा। साथ ही वर्ग 6 से 8वीं तक के छात्रों को कंप्यूटर किताब दी जाएगी। जिसमें कंप्यूटर चलाने के साथ ही उसके बारे में बारीक जानकारी होगी। इस बार किताबों में सड़क सुरक्षा, स्वच्छता, स्वास्थ्य आदि के बारे में बताया जाएगा।
2 मई तक स्कूल में कैंप लगा
बिहार के सरकारी स्कूलों में छात्रों को नए सत्र में पहले दिन ही पुस्तक उपलब्ध कराई जा रहा है। इसके लिए 2 मई तक स्कूल में कैंप लगा कर पुस्तक वितरित की जाएगी।
75 फीसदी से कम बच्चों की अपार आइडी बनाने वाले स्कूल के प्रधानाध्यापक हटेंगे
जिले के सभी सरकारी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों की बैठक सोमवार को सिन्हा लाइब्रेरी सभागार में आयोजित की गयी. बैठक की अध्यक्षता जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने की. बैठक में शामिल प्रधानाध्यापकों को सभी एनरोल्ड बच्चों की ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक एकाउंड रजिस्ट्री (अपार आइडी) बनाने पर जोर दिया गया.
सरकारी स्कूलों के 52% बच्चों के ही बन पायी अपार आइडी
इस दौरान जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि जिले के सरकारी स्कूलों में सिर्फ 52 प्रतिशत बच्चों की ही अपार आइडी बन पायी है. यह चिंता का विषय है कि अब भी 48 प्रतिशत बच्चों की अपार आइडी नहीं बन पायी है. उन्होंने कहा कि जिन स्कूलों में 75 प्रतिशत से कम बच्चों की अपार आइडी बनी है, वहां के प्रधानाध्यापकों को हटाया जायेगा और इनके स्थान पर दूसरे शिक्षकों को मौका दिया जायेगा.
डीइओ की बैठक
इसके साथ ही बैठक में इस बात पर गहरी चिंता जाहिर की गयी कि कुछ स्कूलों में नामांकन के नाम पर अभिभावकों से पैसे की डिमांड की जाती है. जिला शिक्षा पदाधिकारी ने सभी प्रधानाध्यापकों को कक्षा एक से नौ में नामांकन में पारदर्शिता और ईमानदारी बरतने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि अभिभावकों की ओर से ऐसी शिकायत अगर दोबारा मिलती है, तो वहां के प्रधानाध्यापकों पर सख्त कार्रवाई की जायेगी.
पंचायत बदलने के लिए बीइओ से लेनी होगी अनुमति
बैठक में प्रधानाध्यापकों को यह बताया गया कि अगर किसी विद्यार्थी ने कक्षा आठ तक अपनी पंचायत में पढ़ाई की है और कक्षा नौ में दूसरी पंचायत में पढ़ाई करना चाहता है, तो इसके लिए प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी से अनुमति लेनी होगी. इसके अलावा अगर कोई विद्यार्थी दूसरे जिले के स्कूल में पढ़ाई करना चाहता है, तो इसके लिए उस जिला शिक्षा पदाधिकारी से अनुमति लेनी होगी. जो विद्यार्थी लगातार 15 दिनों से स्कूल नहीं आते हैं, उनका नामांकन रद्द किया जायेगा.
स्कूल कैंपस साफ रखने के लिए किया जागरूक
स्कूल कैंपस को साफ-सुथरा रखने और बच्चों में अनुशासन डेवलप करने को लेकर भी जिला शिक्षा पदाधिकारी ने सभी प्रधानाध्यापकों को जागरूक करते हुए दिशा-निर्देश दिये. कहा कि स्कूल के निरीक्षण के दौरान विभिन्न स्कूल में गंदगी देखने को मिलती है. उन्होंने कहा कि प्रत्येक वर्ग कक्ष के बार दो डस्टबिन रखें. बच्चों को बताएं कि स्कूल परिसर को गंदा नहीं रखना है. प्रधानाध्यापकों व शिक्षकों को प्रतिदिन स्कूल में प्रवेश करने से पहले धरती छू कर प्रणाम करने को कहा गया, ताकि बच्चों में भी संस्कार बढ़े और वह घर के बड़े-बुजुर्गों को भी सम्मान दें.
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