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सरकारी स्कूल से बच्चों का नाम कटना शुरू-75% उपस्थिति पुरा नही

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By arcarrierpoint

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16 सितंबर को विभाग के अपर मुख्य सचिव देखेंगे निरीक्षण रिपोर्ट

सरकारी स्कूल से बच्चों का नाम कटना शुरू-75% उपस्थिति पुरा नही:- सरकारी स्कूलों में कक्षाओं से लंबे समय में गायब रहने वाले छात्र – छात्राओं का नाम काटना शुरू कर दिया गया है। पिछले चार दिनों में जिले के 16 प्रखंडों में 4382 स्टूडेंट्स का नाम नामांकन पंजी से हटाया गया है। सभी प्रखंडों की ओर से बुधवार को जिला शिक्षा विभाग को भेजी गई रिपोर्ट के आधार पर इसका खुलासा हुआ है। हर रोज से सभी बीईओ को नामांकन पंजी से नाम हटाए जाने वाले छात्र छात्राओं की सूची जिला कार्यालय को उपलब्ध करानी है।

  • बच्चों का नाम कटना शुरू
  • सर्किट हाउस पहुंचे शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव
  • कॉलेज व स्कूलों के निरीक्षण में सुस्ती बरतने वाले अफसर नपेंगे
  • 16 सितंबर को विभाग के अपर मुख्य सचिव देखेंगे निरीक्षण रिपोर्ट
  • 44 अधिकारियों को अलग-अलग जिले की जिम्मेदारी दी गई
  • इन अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई
  • विद्यालय परिसर की साफ सफाई पर विशेष ध्यान देंगे

बच्चों का नाम कटना शुरू-सरकारी स्कूल

अब तक सबसे अधिक कुढ़नी में 820 स्टूडेंट्स का नामांकन रद्द किया गया है। वहीं अब तक गायघाट, साहेबगंज और कांटी में एक भी छात्र छात्रा का नाम स्कूल से नहीं काटा गया है डीईओ अजय कुमार सिंह ने बताया कि निदेशालय के निर्देश पर सभी स्कूलों में कार्रवाई की प्रक्रिया चल रही है।

वहीं पीओ सुजीत कुमार दास ने बताया कि पिछले चार दिनों में मुशहरी में 247, बोचहां में 533, गायघाट में 0, कटरा में 64, औराई में 105, बंदरा में 563, मुरौल में 106, सकरा में 41, कुढ़नी में 820, मड़वन में 98, सरैया में 300, पारू में 226, साहेबगंज में 0, मोतीपुर में 565, कांटी में 0 और मीनापुर में 793 बच्चों का नामांकन अब तक रद्द किया जा चुका है। उल्लेखनीय है कि लंबे समय से स्कूल में अनुपस्थित बच्चों पर कार्रवाई का निर्देश निदेशालय की ओर से दिया गया है। विभाग को पिछले दिनों सूचना मिली थी कि बच्चों का नामांकन तो सरकारी स्कूल में है लेकिन वे निजी स्कूलों में पढ़ाई करते हैं। केवल लाभुक योजनाओं के लिए ही वे लंबे अंतराल के बाद कभी-कभी स्कूल में पहुंचते हैं।

सर्किट हाउस पहुंचे शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव-सरकारी स्कूल

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक बुधवार की शाम सर्किट हाउस पहुंचे। यहां डीएम प्रणव कुमार, डीईओ अजय कुमार सिंह समेत अन्य अधिकारी भी पहुंचे। पूर्णिया जाने के क्रम में वे सर्किट हाउस में थोड़ी देर रुके। उन्होंने डीएम और डीईओ से जिलों में स्कूलों की स्थिति और निरीक्षण से लेकर गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई समेत अन्य बिंदुओं की जानकारी ली। बुधवार की सुबह से अपर मुख्य सचिव के जिले में पहुंचने की खबर से स्कूलों से लेकर शिक्षा विभाग के कार्यालयों में शिक्षक-कर्मचारी अलर्ट मोड में रहे।

कॉलेज व स्कूलों के निरीक्षण में सुस्ती बरतने वाले अफसर नपेंगे-सरकारी स्कूल

राज्य के कॉलेजों और स्कूलों के निरीक्षण में सुस्ती बरतने वाले पदाधिकारियों पर कार्रवाई होगी। ऐसे पदाधिकारियों को शिक्षा विभाग ने आगाह भी किया है। विभाग ने जारी आदेश में मुख्यालय पदाधिकारियों पर नाराजगी व्यक्त की है कि कइयों के द्वारा निर्देशानुसार निरीक्षण कार्य की रिपोर्ट नहीं आ रही है।

कॉलेज व स्कूलों के निरीक्षण में सुस्ती बरतने वाले अफसर नपेंगे-सरकारी स्कूल

16 सितंबर को विभाग के अपर मुख्य सचिव देखेंगे निरीक्षण रिपोर्ट

इसको देखते हुए विभाग में उप निदेशक, निदेशक से सचिव स्तर के पदाधिकारियों को जिला आवंटित करते हुए सख्त आदेश दिया गया है कि स्कूल- कॉलेज का निरीक्षण कर फोटो के साथ रिपोर्ट दें। विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक खुद सभी पदाधिकारियों की निरीक्षण रिपोर्ट पर 16 सितंबर को पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन देखेंगे।

44 अधिकारियों को अलग-अलग जिले की जिम्मेदारी दी गई

शिक्षा विभाग के मुख्यालय में पदस्थापित आईएएस बीपीएस सहित बिहार शिक्षा सेवा के 44 अधिकारियों को अलग-अलग जिले की जिम्मेदारी दी गई है। कई पदाधिकारी बुधवार को जिलों के लिए रवाना भी हो गये हैं। केके पाठक स्वयं भी निरीक्षण कर रहे हैं। पदाधिकारियों को निर्देश है कि जिलों में स्कूलों और कॉलेजों में पठन-पाठन, शिक्षकों और बच्चों की उपस्थिति समेत विभिन्न बिंदुओं पर रिपोर्ट देंगे। निरीक्षण के दौरान पदाधिकारी यह भी जानकारी लेंगे कि स्कूलों के कितने प्रकार के खाते हैं और उनमें कितनी राशि जमा है। इसके अलावा बच्चों की मासिक परीक्षा, साप्ताहिक मूल्यांकन और प्रतिदिन दिये जाने वाले होमवर्क की स्थिति को भी पदाधिकारी देखेंगे। मालूम हो कि एक जुलाई से स्कूलों-कॉलेजों का नियमित निरीक्षण जिलों में कार्यरत पदाधिकारी और कर्मचारी कर रहे हैं।

इन अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई

शिक्षा विभाग के सचिव बैद्यनाथ यादव को गया, बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना निदेशक बी. कार्तिकेय धनजी को सीवान, विशेष सचिव सतीशचंद्र झा को दरभंगा, उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. रेखा कुमारी को नालंदा, माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव को औरंगाबाद, प्राथमिक शिक्षा निदेशक पंकज कुमार को बेगूसराय, मध्याहन भोजन निदेशक मिथिलेश मिश्रा को लखीसराय, शोध एवं प्रशिक्षण निदेशक सज्जन आर को भोजपुर, निदेशक (प्रशासन) सुबोध कुमार चौधरी को पटना, संयुक्त सचिव संजय कुमार को अरवल, संयुक्त सचिव सुनील कुमार को जमुई तथा उप निर्देशक (प्रशासन) उपेंद्र प्रसाद सिंह को जहानाबाद जिले की जिम्मेदारी दी गई है।

विद्यालय परिसर की साफ सफाई पर विशेष ध्यान देंगे

विद्यालय परिसर, शौचालय, कमरे आदि की साफ-सफाई ठीक से हो रही है या नहीं, इस पर विशेष ध्यान देने को कहा गया है। निरीक्षण रिपोर्ट में इसका जिक्र विशेष रूप से होगा। स्कूल में लैब या पुस्तकालय कार्यरत है या नहीं। सरकार की ओर से भेज गए विभिन्न उपकरण, किट, एफएलएन किट एनसीईआरटी किट और खेल के लिए भेजी गई सामग्री का प्रतिदिन इस्तेमाल हो रहा है या नहीं। यह भी जांच करनी है।

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यह वेबसाइट Sumit Sir के निर्देशन में संचालित है। इस बेवसाइट पर सही और सटीक जानकारी सबसे पहले उपलब्ध कराया जाता है। सुमित सर के पास पिछले पांच साल से ऑनलाइन और ऑफलाइन पढाने का अनुभव है। धन्यवाद।

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