बड़ा बदलाव जल्द : नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत सरकार की तैयारी
साल में 2 बार होगा बोर्ड परीक्षा हुआ बड़ा बदलाव:–साल में दो बार बोर्ड परीक्षाएं. होंगी, अगले सत्र से नया पैटर्न,-
साल में एक बार होने वाली बोर्ड परीक्षाओं के पैटर्न में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर बुधवार को हुई एक अहम बैठक के बाद केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने बताया कि पूरे देश में बोर्ड परीक्षाएं अब साल में दो बार होंगी। इस कदम से छात्र-छात्राओं को अच्छे अंक हासिल करने का मौका मिलेगा।
जाने इस पोस्ट में क्या-क्या है?
- नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लाने वाले व्यक्ति का नाम क्या है?
- क्या पढ़ाई और किताब दोनों बदल जाएंगे?
- नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मुख्य उद्देश्य क्या है।
- दो बार क्यों….
- शिक्षा मंत्रालय ने स्कूली शिक्षा का नया राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचा तैयार किया
क्या पढ़ाई और किताब दोनों बदल जाएंगे?साल में 2 बार होगा बोर्ड परीक्षा हुआ
इस कदम से छात्र-छात्राओं को अच्छे अंक हासिल करने का मौका मिलेगा। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के मुताबिक नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत बोर्ड परीक्षाओं का नया ढांचा तैयार हो गया है और 2024 के शिक्षा सत्र में किताबें भी इसी के अनुरूप तैयार होंगी।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मुख्य उद्देश्य क्या है।साल में 2 बार होगा बोर्ड परीक्षा हुआ
- दो बार बोर्ड परीक्षाएं कराने का मुख्य उद्देश्य साल में एक बार होने वाले हाई प्रेशर को बढ़ाना है, ताकि बच्चों का फोकस विषयों पर बना रहे।
- प्रधान के इस बयान के बाद माना जा रहा है कि जल्द ही राज्यों के बोर्ड इस संबंध में निर्देश जारी कर सकते हैं।
- फिलहाल नई शिक्षा नीति में दो बार बोर्ड परीक्षाएं कराने की सिफारिश जोड़कर केंद्र सरकार को भेज दी गई है ।
- इस पर अंतिम फैसला होना बाकी है। प्रधान ने बताया कि नई शिक्षा नीति का कॅरिकुलम तैयार कर केंद्र सरकार को सौंप दिया है।
दो बार क्यों….साल में 2 बार होगा बोर्ड परीक्षा हुआ बड़ा बदलाव–
- दो बार बोर्ड परीक्षाओं को लेकर कुछ तर्क भी दिए गए हैं। इसके मुताबिक इससे बच्चे अपनी तैयारियों का मूल्यांकन खुद कर सकेंगे।
- उन्हें एक ही सब्जेक्ट या उससे जुड़े तथ्यों को सालभर याद रखने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसलिए किताबें भी तैयार कराई जा रही हैं।
- इससे महीनों तक कोचिंग लेने या याद रखने के बजाय समझ और योग्यता का मूल्यांकन करने की दक्षता बढ़ेगी। विषयों की गहरी समझ और उसका व्यवहारिक कौशल सशक्त होगा।
- छात्र तब तक उस विषय की परीक्षा दे सकेंगे, जिसमें वे अपना सर्वश्रेष्ठ नहीं दे पा रहे हैं। नए पैटर्न से उन्हें तैयारी के ज्यादा मौके मिलेंगे।
शिक्षा मंत्रालय ने स्कूली शिक्षा का नया राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचा तैयार किया
- 11वीं और 12वीं कक्षा के छात्र-छात्राओं को दो भाषाओं का अध्ययन करना होगा, इनमें से कम से कम एक भाषा भारतीय होनी चाहिए।
- एनसीएफ में कहा गया कि 9-10वीं कक्षा के लिए सात विषय अनिवार्य होंगे,
- 11वीं-12वीं के लिए छह विषय अनिवार्य होंगे।
- इसरो के पूर्व प्रमुख के. कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता वाली समिति द्वारा तैयार एनसीएफ के अनुसार स्कूल बोर्ड उचित समय में मांग के अनुसार परीक्षा लेने की क्षमता विकसित करेंगे। नए ‘करिकुलम फ्रेमवर्क’ के आधार पर 2024 सत्र के लिए पाठ्य पुस्तकें तैयार की जाएंगी।
महत्वपूर्ण बात
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Rahul Kumar
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