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75% से कम उपस्थिति वाले नहीं दे पाएंगे मैट्रिक इंटर की सेंट अप परीक्षा – लिस्ट जारी

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By arcarrierpoint

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75% से कम उपस्थिति वाले नहीं दे पाएंगे मैट्रिक इंटर की सेंट अप परीक्षा - लिस्ट जारी

75% से कम उपस्थिति वाले नहीं दे पाएंगे मैट्रिक इंटर की सेंट अप परीक्षा – लिस्ट जारी:-बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB) ने आगामी वर्ष 2026 की मैट्रिक और इंटर बोर्ड परीक्षा के लिए एक बड़ा निर्णय लेते हुए यह स्पष्ट कर दिया है कि जिन विद्यार्थियों की उपस्थिति 75 प्रतिशत से कम है, उन्हें सेंट-अप परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी। बोर्ड के इस सख्त कदम ने राज्यभर के हज़ारों छात्रों के सामने चुनौती खड़ी कर दी है। कई जिलों में 40–50 प्रतिशत विद्यार्थियों की उपस्थिति निर्धारित मानक से कम पाई गई है, और ऐसे छात्रों की सूची स्कूलों द्वारा तैयार की जा रही है।

बिहार बोर्ड ने हर वर्ष की तरह इस बार भी सेंट-अप परीक्षा को अनिवार्य किया है। यह परीक्षा इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि सेंट-अप पास किए बिना मुख्य वार्षिक परीक्षा के लिए एडमिट कार्ड जारी नहीं किया जाता। यानी जिन छात्रों की उपस्थिति 75% से कम है और वे सेंट-अप परीक्षा में बैठ नहीं पाएंगे, वे 2026 की मैट्रिक या इंटर वार्षिक परीक्षा में भी शामिल नहीं हो सकेंगे।

जिले में 17 हजार से अधिक विद्यार्थियों के इंटर परीक्षा में शामिल होने पर संकट है। इन परीक्षार्थियों की 75 फीसदी उपस्थिति नहीं है। जिले में इसबार 60 हजार से अधिक इंटर के विद्यार्थी हैं। बिहार बोर्ड के निर्देशानुसार सेंटअप परीक्षा में 75 फीसदी वाले बच्चों को ही शामिल करना है। जिले में हुई जांच में मुश्किल से 65 फीसदी बच्चे ही 75 फीसदी उपस्थिति पूरी कर पा रहे हैं। 19 नवंबर से इंटर की सेंटअप परीक्षा होनी है।

नियमित, स्वतंत्र और क्वालिफाइंग कोटि के विद्यार्थियों का भी सेंटअप परीक्षा में शामिल होना अनिवार्य है। पूर्ववर्ती, कंपार्टमेंटल वाले को सेंटअप परीक्षा में शामिल नहीं होना है। सेंटअप परीक्षा भी इंटर मुख्य परीक्षा की तर्ज पर हो, इसके लिए बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से ही प्रश्नपत्र उपलब्ध कराये जाएंगे। सेंटअप परीक्षा की कॉपीयों का मूल्यांकन निर्धारित स्कूलों व कॉलेजों में किया जाएगा।

सभी स्कूल अपने 75 फीसदी उपस्थिति वाले बच्चों की सूची डीईओ कार्यालय को सौंपेंगे ताकि पता चल सके कि कितने छात्र-छात्राओं के लिए प्रश्नपत्र उपलब्ध कराया जाना है।

प्लस टू स्कूलों में जांच के दौरान कहीं भी नामांकित बच्चों के अनुपात में 75 फीसदी बच्चे भी कक्षा में नहीं मिले। दर्जनों स्कूल ऐसे हैं, जहां इंटर में मुश्किल से 40-50 फीसदी बच्चे ही उपस्थित मिले। ऐसे में जिन बच्चों की 75 फीसदी उपस्थिति नहीं है, उनकी सूची बनाई जा रही है।

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने मैट्रिक व इंटरमीडिएट सेंटअप परीक्षा का कार्यक्रम जारी कर दिया है। दोनों ही परीक्षाएं इसी माह में आयोजित होंगी। मैट्रिक सेंटअप परीक्षा 19 से 24 नवंबर तक आयोजित होगी। वहीं इंटरमीडिएट सेंटअप परीक्षा भी 19 नवंबर से ही शुरू होगी। लेकिन इसका समापन 26 नवंबर को होगा। दोनों ही परीक्षाएं 2-2 पालियों में आयोजित की जाएगी।

मैट्रिक व इंटरमीडिएट सेंटअप परीक्षा बोर्ड परीक्षा पैटर्न पर आयोजित होगी। इसमें परीक्षार्थियों को निर्धारित समय के अतिरिक्त 15 मिनट का समय प्रश्नपत्र को पढ़ने व समझने के लिए दिए जाएंगे।

सेंटअप परीक्षा की सामग्री 10 से 15 नवंबर के बीच सभी जिलों को उपलब्ध करा दी जाएगी। ताकि समय से उसका वितरण स्कूलों के बीच किया जा सके। बिहार बोर्ड ने मान्यता निलंबित किए गए विद्यालयों के बच्चों को भी बड़ी राहत दी है। ऐसे विद्यालय जिनकी मान्यता मानक पूरा नहीं करने की वजह से फिलहाल निलंबित कर दी गई है। ऐसे स्कूलों के बच्चों की मैट्रिक व इंटरमीडिएट सेंटअप परीक्षा उनके विद्यालय के नजदीकी सरकारी विद्यालय में ली जाएगी। बोर्ड के इस निर्णय से ऐसे बच्चों की एक बड़ी समस्या का निराकरण हो गया है।

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने इंटर और मैट्रिक 2026 की वार्षिक परीक्षा में शामिल होने वाले विद्यार्थियों के लिए सेंटअप परीक्षा की तिथि जारी कर दी गयी है. इंटर की सैद्धांतिक विषयों की सेंटअप परीक्षा 19 नवंबर से शुरू होगी और 26 नवंबर तक चलेगी. वहीं, प्रायोगिक परीक्षाएं 27 से 29 नवंबर तक होंगी. मैट्रिक की सेंटअप परीक्षा 19 नवंबर से शुरू होकर 22 नवंबर तक चलेगी. मैट्रिक की प्रायोगिक परीक्षा 24 नवंबर को होगी.

वर्तमान सत्र 2024-26 के लिए मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थान में विधिवत नामांकित स्टूडेंट्स, जिनका ऑनलाइन आवेदन भरा गया है और किसी कारणवश उस शिक्षण संस्थान की मान्यता निलंबित, रद्द, वापस ली गयी हो तो उन संस्थान के स्टूडेंट्स को निकट के शिक्षण संस्थान के साथ संबद्ध कर सेंटअप परीक्षा में शामिल करायेंगे. इस संबध में स्पष्ट रूप से सभी प्लस टू विद्यालयों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से स्पष्ट रूप से निदेशित किया गया है.

सेंटअप परीक्षा में शामिल नहीं होने वाले या परीक्षा में असफल रहने वाले स्टूडेंट्स को मुख्य परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जायेगी. सेंटअप परीक्षा का उद्देश्य विद्यार्थियों की तैयारी का मूल्यांकन करना है.

बिहार बोर्ड ने जिलेवार टीमों को निर्देश दिया है कि परीक्षा के दौरान निरीक्षण किया जाये और रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी जाये. यदि किसी विद्यालय में परीक्षा आयोजित नहीं की जाती है या औपचारिक रूप से ली जाती है, तो संबंधित प्रधानाचार्य के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.

बिहार बोर्ड द्वारा लागू किया गया 75 प्रतिशत उपस्थिति का नियम भले ही कड़ा लगे, लेकिन इसका लक्ष्य तंत्र को मजबूत बनाना है। राज्य के हज़ारों छात्रों पर इसका सीधा प्रभाव पड़ेगा। ऐसे में विद्यार्थियों को चाहिए कि वे नियमित रूप से विद्यालय जाएँ और सेंट-अप तथा मुख्य परीक्षा की पूरी तैयारी के साथ शामिल हों।

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यह वेबसाइट Sumit Sir के निर्देशन में संचालित है। इस बेवसाइट पर सही और सटीक जानकारी सबसे पहले उपलब्ध कराया जाता है। सुमित सर के पास पिछले पांच साल से ऑनलाइन और ऑफलाइन पढाने का अनुभव है। धन्यवाद।

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