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बिहार में गाय पालन के लिए मिल रहा है पैसा | गाय पालने का सम्पूर्ण खर्चा सरकार दे रही है

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By arcarrierpoint

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बिहार में गाय पालन के लिए मिल रहा है पैसा | गाय पालने का सम्पूर्ण खर्चा सरकार दे रही है

बिहार में गाय पालन के लिए मिल रहा है पैसा | गाय पालने का सम्पूर्ण खर्चा सरकार दे रही है:-योजनाएं मेरे लिए समग्र गव्य विकास योजना

बिहार सरकार ग्रामीणों, किसानों और बेरोजगार युवाओं को डेयरी खोलने के लिए सब्सिडी देगी। इससे शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर बनेंगे। पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की समग्र गव्य विकास योजना का मकसद युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराना, दुग्ध उत्पादन व गाय-भैंस की संख्या में वृद्धि करना है। इसके लिए 25 जुलाई तक आवेदन किया जाएगा

समग्र गव्य विकास योजना के जरिए राज्य में स्वरोजगार के मौके बढ़ाने की तैयारी है। इसमें डेयरी खोलने के लिए राज्य सरकार सब्सिडी देगी। इससे ग्रामीण इलाकों में आर्थिक मजबूती भी आएगी। इस योजना के माध्यम से स्थानीय स्तर पर दूध, दही, मिठाई, पनीर, खोवा का मार्केट बनाने के साथ ही दूध योजनाओं में सहभागिता बढ़ाना है।

इस योजना के तहत 40 से 75% तक सब्सिडी मिलेगी। इसके साथ ही कम व्याज पर बैंक से लोन भी प्राप्त किया जा सकता है।

  • बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट dairy. bihar.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन प्रक्रिया के पूर्ण हो जाने पर योजना से संबंधित अधिकारियों द्वारा आपके स्थान एवं गाय की पुष्टि की जाएगी।
  • यदि आवेदकों द्वारा दी गई सभी जानकारी सही रहेगी तो योजना के माध्यम से मिलने वाली अनुदान राशि सीधे बैंक अकाउंट में ट्रांसफर की जाएगी।
  • आवेदकों के पास बैंक एकाउंट, पासपोर्ट फोटो, आधार कार्ड, पैन कार्ड, भूमि का प्रमाण, लगान रसीद, बैंक पासबुक या एफडी होनी चाहिए।
गाय/भैंस –अनुदान
2 से 4-50% सामान्य, 75% एससी-एसटी
15 से 2040% (सभी वर्ग के लिए)

बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने गाय पालन को प्रोत्साहित करने के लिए निम्नलिखित प्रमुख योजनाएँ शुरू की हैं:

  1. देसी गौपालन प्रोत्साहन योजना
    यह योजना विशेष रूप से देसी नस्ल की गायों जैसे साहिवाल, गिर, और थारपारकर के पालन को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई है। इसका उद्देश्य दूध उत्पादन को बढ़ाना और देसी गायों की संख्या में वृद्धि करना है, जो अपनी A2 दूध की गुणवत्ता के लिए प्रसिद्ध हैं।
  2. समग्र गव्य विकास योजना
    इस योजना के तहत डेयरी इकाइयों की स्थापना के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। इसमें 2, 4, 15, और 20 दुधारू मवेशियों की डेयरी इकाइयों के लिए ऋण और अनुदान की सुविधा उपलब्ध है।
  3. बिहार पशु शेड योजना
    पशुपालकों को अपने पशुओं के लिए उचित आवासीय व्यवस्था बनाने में मदद करने के लिए यह योजना शुरू की गई है। इसके तहत पशु शेड निर्माण के लिए 75,000 रुपये से 1,60,000 रुपये तक की वित्तीय सहायता दी जाती है।

गाय पालन शुरू करने के लिए निम्नलिखित प्रमुख खर्चे शामिल हैं:

  1. गायों की खरीद:
    • देसी नस्ल (साहिवाल, गिर, थारपारकर) की गाय की कीमत: 60,000 रुपये से 1,00,000 रुपये प्रति गाय
    • बीमा लागत: प्रति गाय 5,000 रुपये से 10,000 रुपये
  2. शेड निर्माण:
    • दो गायों के लिए: 30,000 रुपये
    • चार गायों के लिए: 96,400 रुपये
  3. चारा और खाद्य व्यवस्था:
    • प्रति गाय मासिक चारा लागत: 3,000 रुपये से 5,000 रुपये
  4. चिकित्सा और रखरखाव:
    • टीकाकरण और चिकित्सा: प्रति गाय 2,000 रुपये से 5,000 रुपये प्रति वर्ष
  5. अन्य खर्चे:
    • श्रम लागत, पानी, और बिजली: प्रति माह 2,000 रुपये से 5,000 रुपये
  • बिना अनुदान: 2,42,000 रुपये (खरीद और शेड) + 1,20,000 रुपये (वार्षिक चारा और रखरखाव) = 3,62,000 रुपये
  • अनुदान के बाद (SC/ST के लिए): 60,500 रुपये से 1,81,500 रुपये (75% अनुदान के साथ)
  • आवेदक बिहार का मूल निवासी होना चाहिए।
  • किसान, बेरोजगार युवा, या पशुपालक इस योजना का लाभ ले सकते हैं।
  • कुछ योजनाओं में दुग्ध सहकारी समिति का सदस्य होना या जीविका स्वयं सहायता समूह से जुड़ा होना प्राथमिकता देता है।
  • पशु शेड योजना के लिए आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग, SC/ST, और BPL धारकों को प्राथमिकता।
  • आवेदक का किसी अन्य बैंक से डिफॉल्टर न होना चाहिए।
  • आधार कार्ड
  • निवास प्रमाण पत्र
  • बैंक खाता विवरण
  • दुग्ध सहकारी समिति का सदस्यता प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)
  • जमीन का दस्तावेज (5-10 कट्ठा, डेयरी यूनिट के लिए)
  • जाति प्रमाण पत्र (SC/ST/EBC के लिए)
  1. ऑनलाइन आवेदन:
    • बिहार सरकार की आधिकारिक वेबसाइट dairy.bihar.gov.in पर जाएँ।
    • ‘देसी गौपालन प्रोत्साहन योजना’ या ‘समग्र गव्य विकास योजना’ के लिए लिंक पर क्लिक करें।
    • आवेदन पत्र भरें और आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें।
    • आवेदन जमा करें और रसीद डाउनलोड करें।
  2. ऑफलाइन आवेदन:
    • नजदीकी पशुपालन विभाग कार्यालय या पंचायत प्रतिनिधि से संपर्क करें।
    • आवेदन पत्र प्राप्त करें, इसे भरें, और दस्तावेजों के साथ जमा करें।
  3. आवेदन की अंतिम तिथि:
    • अधिकांश योजनाओं के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 25 जुलाई 2025 है।
  • आर्थिक सहायता: 50% से 75% तक की सब्सिडी से किसानों का वित्तीय बोझ कम होता है।
  • स्वरोजगार: बेरोजगार युवाओं को डेयरी व्यवसाय शुरू करने का अवसर।
  • दूध उत्पादन में वृद्धि: देसी गायों और उन्नत नस्लों से उच्च गुणवत्ता वाला दूध उत्पादन।
  • ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा: डेयरी उद्योग से स्थानीय स्तर पर रोजगार और आय में वृद्धि।
  • आपदा सहायता: प्राकृतिक आपदाओं में पशु हानि होने पर वित्तीय सहायता।
  • स्थानीय उपलब्धता: पहले लाभार्थियों को अन्य राज्यों से गाय खरीदनी पड़ती थी, लेकिन अब लखीसराय जैसे जिलों में स्थानीय पशु आपूर्तिकर्ताओं के माध्यम से गाय उपलब्ध कराई जा रही हैं।
  • प्रशिक्षण और उपकरण: समग्र गव्य विकास योजना के तहत पशु चिकित्सा, डेयरी उपकरण, और प्रशिक्षण की सुविधा भी प्रदान की जाती है।
  • महिलाओं की भागीदारी: कुल 6,321 आवेदनों में से 2,238 आवेदन महिलाओं द्वारा किए गए हैं, जो इस क्षेत्र में उनकी बढ़ती रुचि को दर्शाता है।
  • पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, बिहार
  • वेबसाइट: dairy.bihar.gov.in
  • नजदीकी जिला पशुपालन कार्यालय
dairy.bihar.gov.inआवश्यक दस्तावेजआवेदन प्रक्रियाइस योजना में कितनी सब्सिडी मिलेगीकितना अनुदान मिलेगाकुल अनुमानित लागत (दो गायों के लिए):गाय पालने का सम्पूर्ण खर्चा सरकार दे रही हैगायों की खरीदडेयरी खोलने के लिए 40 से 75% तक अनुदान मिलेगादेसी गौपालन प्रोत्साहन योजनापात्रतापात्रता और आवेदन प्रक्रियाबिहार पशु शेड योजनाबिहार में गाय पालन के लिए मिल रहा है पैसाबिहार में गाय पालन के लिए मिल रहा है पैसा | गाय पालने का सम्पूर्ण खर्चा सरकार दे रही हैबिहार सरकार की गाय पालन योजनाएँयह गौ पालन की क्या योजना है?योजना के लिए आवेदन की प्रक्रिया क्या है?योजनाओं के लाभविशेष बातेंसंपर्क और अधिक जानकारी के लिए:समग्र गव्य विकास योजनासम्पूर्ण खर्चे का विवरण
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