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अगर आप भी बनना चाहते हैं बिजनेस मैन | तो इन कंपनियों की कहानियाँ आपको बना देगी अरबपति

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By arcarrierpoint

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अगर आप भी बनना चाहते हैं बिजनेस मैन | तो इन कंपनियों की कहानियाँ आपको बना देगी अरबपति

अगर आप भी बनना चाहते हैं बिजनेस मैन | तो इन कंपनियों की कहानियाँ आपको बना देगी अरबपति:-आज के समय में हर कोई बिजनेस मैन बनना चाहता है। नौकरी से मिलने वाली सैलरी आपको सिर्फ सीमित सुविधाएँ देती है, लेकिन बिजनेस आपको अमीर से अमीर बना सकता है। भारत हो या विदेश, दुनिया के ज्यादातर अरबपति (Billionaires) अपनी मेहनत, सोच और आइडिया से ही यहाँ तक पहुँचे हैं। उन्होंने छोटे से काम की शुरुआत की और आज पूरी दुनिया उनकी कंपनियों के नाम से जानती है।

इस आर्टिकल में हम आपको उन कंपनियों और बिजनेस आइडियाज की प्रेरणादायक कहानियाँ बताएँगे, जिन्हें पढ़कर आपके अंदर भी बिजनेस करने की चाह और जुनून पैदा होगा।

1981 की एक सुबह, विस्कॉन्सिन के मिल्वॉकी में हार्ले डेविडसन के मुख्यालय में मैनेजमेंट की मीटिंग चल रही थी। सीईओ वॉन विल्डे ने कहा, ‘हमारे पास सिर्फ 6 महीने का समय है, कंपनी दिवालिया होने की कगार पर है।’ कभी अमेरिकी सड़कों पर राज करने वाली हार्ले डेविडसन घुटनों पर आ चुकी थी। जापानी मोटरसाइकिल कंपनियों ने सस्ती और बेहतर क्वालिटी वाली बाइक्स से बाजार छीन लिया था।

हार्ले की बाजार हिस्सेदारी 20% रह गई थी, जो कभी 70% से अधिक थी। कर्ज का बोझ 20 करोड़ डॉलर से ऊपर था। ग्राहक दूर जा रहे थे। ऐसा क्या हुआ कि कभी अमेरिकी मोटरसाइकिल ब्रांड में शीर्ष पर रहने वाली कंपनी दिवालिया होने की कगार पर पहुंच गई। दरअसल कर्ज में डूबी हार्ले डेविडसन को अमेरिकन मशीन एंड फाउंड्री यानी एएमएफ ने खरीद लिया।

कैसे एक आइकॉनिक ब्रांड गलत फैसलों से डूबने की कगार पर पहुंच सकता है। हालांकि समय पर सही साझेदारी, टेक्नोलॉजी में बदलाव और खुद को दोबारा खड़ा करने की जिद ने हालें को न केवल डूबने से बचाया बल्कि फिर बुलंदियों पर पहुंचाया। आज ब्रांड से सबक में जानिए हार्ले डेविडसन की कहानी को।

वर्तमान में हार्ले डेविडसन कंपनी का बाजार मूल्य करीब 35 हजार करोड़ रुपए है। अमेरिका के घरेलू हैवीवेट मोटरसाइकिल मार्केट में इसकी बाजार फिलहाल हिस्सेदारी करीब 37 प्रतिशत है। कंपनी 100 से अधिक देशों में डीलरशिप के साथ व्यापार कर रही है। हाल ही में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कंपनी ने स्प्रिंट जैसे मॉडल्स को कम कीमत पर लॉन्च करने का काम शुरू किया है, जिससे युवाओं के बीच और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विस्तार संभव हो पा रहा है।

  • 12% तक के निचले स्तर पर पहुंच गई थी हार्ले डेविडसन की बाजार हिस्सेदारी यूएस में 1983 में।
  • 70% तक बाजार हिस्सेदारी थी यूएस में एक समय मोटरसाइकिल सेगमेंट में हार्ले डेविडसन की
  • हार्ले डेविडसन की पहली मोटरसाइकिल दरअसल एक साइकिल थी, जिसमें इंजन लगाया गया था। विलियम हार्ले के भाई वाल्टर इस बाइक के शुरुआती रेसर थे।
  • जापानी प्रतिस्पर्धा का दबाव –70 के दशक में होंडा, सुजुकी, यामाहा जैसे जापानी ब्रांड्स ने सस्ती और बेहतर क्वालिटी की बाइक्स लॉन्च कीं, जो हार्ले के महंगे व कम किफायती मॉडल्स पर भारी पड़ीं।
  • गुणवत्ता की कमी- हार्ले की बाइक्स में इंजन लीकेज और ब्रेकडाउन की शिकायतें बढ़ीं, जो 1970 के एएमएफ मर्जर के बाद उत्पादन में कटौती से हुई। ग्राहक असंतुष्ट हो गए। 1981 में बिक्री गिरकर 40,000 यूनिट्स तक रह गई।
  • धीमी, भारी बाइक- हार्ले की बाइक्स भारी और धीमी थीं। वे युवा राइडर्स के लिए हल्की, तेज और किफायती बाइक्स नहीं पेश कर पा रहे थे, जिससे युवा इससे दूर होने लगे।
  • निवेश की कमी, कर्ज- एएमएफ के साथ मर्जर से 1980 में कंपनी पर करीब 20 करोड़ डॉलर का कर्ज हो गया। निवेश कम होने से नवाचार रुका।
  • कर्मचारियों ने कंपनी खरीदी 1981 में 13 कर्मचारियों ने अपनी सैलरी काटकर एएमएफ से कंपनी खरीदी। वापस उसे बाजार की मांग के अनुसार शुरू किया, जो मुनाफे का आधार बना।
  • मोटरसाइकिल पोर्टफोलिया में बदलाव-कंपनी ने पैन अमेरिका (एडवेंचर बाइक) जैसे नए मॉडल एवं छोटी बाइक के अलावा लाइव वायर जैसे इलेक्ट्रिक मॉडल विकसित किए, जिससे नए ग्राहक और युवा राइडर इसकी तरफ आकर्षित हुए।
  • आर्थिक मजबूती के लिए साझेदारी- हार्ले डेविडसन फाइनेंशियल सर्विसेज ने प्राइवेट इक्विटी फर्म केकेआर और पीआईएमसीओ से साझेदारी की। इससे उसे 125 करोड़ डॉलर की राशि मिली।
  • अंतरराष्ट्रीय विस्तार- यूरोप, लैटिन अमेरिका व एशिया-प्रशांत जैसे क्षेत्रों में पहुंच बढ़ाई। स्थानीय उत्पादन शुरू किया, इससे अंतरराष्ट्रीय बिक्री सुधरी।

हार्ले डेविडसन की शुरुआत 1903 में मिलीवॉकी, विस्कॉन्सिन यूएसए में विलियम एस. हालें और आर्थर डेविडसन ने मिलकर की थी। उन्होंने गैरेज में एक छोटे-से मोटर पर काम शुरू किया और जल्द ही विश्वभर में प्रसिद्ध क्रूजर और टूरिंग बाइकें बनाई। कंपनी की पहचान मजबूत निर्माण, अमेरिकी स्वतंत्रता और बाइक संस्कृति के प्रतीक के तौर पर विकसित हुई।

ऐसे पड़ा नाम: हार्ले डेविडसन नाम इसके सस्थापकों- विलियम एस हार्ले और ऑर्थर डेविडसन के नामों को जोड़कर बनाया गया था।

एएमएफ ने हार्ले का अधिग्रहण करने के बाद उत्पादन लागत कम करने के लिए गुणवत्ता से समझौता किया, जिससे ग्राहक नाखुश हो गए। इसी दौरान जापानी कंपनियां सस्ती और तकनीकी रूप से अधिक उन्नत तकनीक की बाइकें लाने लगीं, जो अमेरिकी बाजार में जर्बदस्त लोकप्रिय हुई। इससे हार्ले का मार्केट शेयर गिरा और वह दिवालियेपन की कगार पर पहुंच गई।

सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी : सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी अमेरिकी मोटरसाइकिल कंपनी इंडियन मोटरसाइकिल्स और जापानी कंपनियां होंडा, सुजुकी, यामाहा थे।

महीने की उम्र में मां ने छोड़ा, कभी कोई डिग्री पूरी नहीं की, लेकिन 81 वर्ष की उम्र में दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति बने। यह कहानी है अमेरिकी व्यवसायी, निवेशक और ओरेकल कॉर्पोरेशन के सह-संस्थापक लैरी एलिसन की। पिछले दो दिन से लैरी चर्चा में हैं क्योंकि 10 सितंबर को उनकी संपत्ति करीब 8 लाख करोड़ रुपए बढ़ गई। इलॉन मस्क को पीछे छोड़कर कुछ समय के लिए वे दुनिया के सबसे अमीर शख्स रहे।

दिग्गज टेक कंपनी एपल संस्थापकों में शामिल रहे स्टीव जॉब्स से लैरी की बहुत गहरी दोस्ती थी। जब स्टीव को एपल से बाहर कर दिया गया था तब लैरी ने कहा था कि वे एपल कंपनी को खरीद सकते है बशर्ते स्टीव कंपनी के सीईओ बनें। वॉल्टर आइजैक्सन की लिखित बायोग्राफी ‘स्टीव जॉब्स’ के अनुसार 1995 में एलिसन ने जॉब्स से कहा था कि ‘मैं एपल कंपनी को खरीदने के लिए 300 करोड़ डॉलर जुटा सकता हूं। तुम इसके सीईओ बन जाना। इससे तुम्हें 25% हिस्सा मिल जाएगा।’ हालांकि जॉब्स ने इससे इनकार कर दिया था।

लैरी को नौकायन और टेनिस का शौक है। 2009 में अमेरिका का कैलिफोर्निया स्थित इंडियन वेल्स टेनिस गार्डन स्टेडियम और यहां होने वाला टूर्नामेंट बीएनपी परिबास ओपन जब आर्थिक संकट के कारण बंद होने की कगार पर था तब लैरी ने न केवल इसे खरीदा बल्कि इस टूर्नामेंट को और भव्य बनाया। कैलिफोर्निया में उनकी जापानी शैली की हवेली है, जिसकी वर्तमान कीमत करीब 1,600 करोड़ रुपए है। इसके अलावा कई प्राइवेट जेट और यॉट हैं। लैरी सुबह 6 बजे उठ जाते हैं। नियमित रूप से योग करते हैं।

करीब 22 लाख करोड़ रु. मार्केट कैप बढ़ गया ओरेकल कंपनी का बुधवार को।

  • जन्म : 17 अगस्त 1944 (81) साल), न्यूयॉर्क सिटी
  • शिक्षा : यूनिवर्सिटी ड्रॉप आउट
  • परिवार : चार शादियां, दो
  • बच्चे-डेविड व मेगन एलिसन ।
  • संपत्ति : करीब 34 लाख करोड़ रुपए (मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार)

लैरी का जन्म न्यूयॉर्क में हुआ था। उनकी मां, फ्लोरेंस स्पेलमैन 19 वर्षीय अविवाहित यहूदी महिला थीं। कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण मात्र 9 महीने की उम्र में फ्लोरेंस ने लैरी को भाई लुईस एलिसन को गोद दे दिया। उनकी शुरुआती शिक्षा सामान्य स्कूलों में हुई। बाद में इलिनॉय और शिकागो यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया, लेकिन बीच में पढ़ाई छोड़ दी।

फिलहाल नए रिश्ते में लैरी ने पहली शादी 1997 में ऐड्डा क्विन से की, यह 7 साल चली। दूसरी 1977 में नैंसी व्हीलर जेनकिंस से की, जो एक साल चली। 1983 में तीसरी शादी बारबरा बूथ से की, जिनसे दो बच्चे हुए। 1986 में तलाक। 2003 में चौथी शादी मेलनी क्राफ्ट से की जो 2010 तक चली। इसके बाद निकिता कहन से संबंध रहे। फिलहाल वे जोलिन झू के साथ हैं।

दूसरी बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी है। 1977 में लैरी ने एक रिलेशनल डेटाबेस बनाने की योजना बनाई। यानी डेटा को आसानी से मैनेज करना, तेज बनाना, जिसे दोस्त बाँब माइनर और एड ओट्स के साथ साझा किया। इसके बाद तीनों ने मिलकर करीब 2000 डॉलर से सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट लेबोरेटरीज (एसडीएल) शुरू की। यही बाद में ओरेकल बनी, जो आज दुनिया की

  • फिल्म आयरन मैन-2 में मेहमान भूमिका निभा चुके हैं। आयरन मैन का किरदार आंशिक रूप से उनसे प्रेरित माना जाता है।
  • 2012 में करीब 30 करोड़ डॉलर में हवाई का लनाई द्वीप खरीदा था।
  • लैरी करीब 37 साल तक ओरेकल के सीईओ रहे, जो सबसे लंबे कार्यकालों में से एक है
  • फोब्र्स द्वारा जारी दुनिया के सबसे अमीरों की सूची में कई बार टॉप-10 में शामिल रह चुके हैं।
  • 10 सितंबर को दुनिया के सबसे अमीर शख्स इलॉन मस्क को पीछे छोड़कर कर कुछ समय के लिए सबसे अमीर शख्स भी बने।
  • एलिसन कराटे में ब्लैक बेल्ट हैं। टेनिस में उनकी गहरी रुचि है।
  • लैरी एलिसन दुनियाभर के अमीरों द्वारा चलाए जा रहे ‘द गिविंग प्लेज’ अभियान के तहत अधिकांश संपत्ति दान करेंगे।
  • उन्होंने टेस्ला और एपल में शुरुआती निवेश भी किया। टेस्ला के बोर्ड में भी रह चुके हैं। कहा जाता है कि स्टीव जॉब्स और मस्क दोनों ही उन्हें अपना गुरु मानते हैं।

अगर आप बिजनेस मैन बनना चाहते हैं, तो इन कंपनियों की कहानियाँ आपको प्रेरित करेंगी। छोटे से आइडिया और बड़ी सोच से आप अरबपति बन सकते हैं।

सफलता का रास्ता आसान नहीं होता, लेकिन मेहनत, धैर्य और सही दिशा में किया गया काम आपको बिजनेस वर्ल्ड में बड़ा नाम दिला सकता है।

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यह वेबसाइट Sumit Sir के निर्देशन में संचालित है। इस बेवसाइट पर सही और सटीक जानकारी सबसे पहले उपलब्ध कराया जाता है। सुमित सर के पास पिछले पांच साल से ऑनलाइन और ऑफलाइन पढाने का अनुभव है। धन्यवाद।

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