Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now

सीबीएसई की बोर्ड परीक्षा फरवरी में ही होगा- परीक्षा पैटर्न बदल गया – यहाँ से देखें

arcarrierpoint

By arcarrierpoint

Updated On:

सीबीएसई की बोर्ड परीक्षा फरवरी में ही होगा- परीक्षा पैटर्न बदल गया - यहाँ से देखें

सीबीएसई की बोर्ड परीक्षा फरवरी में ही होगा- परीक्षा पैटर्न बदल गया – यहाँ से देखें:-CBSE Board Exam 2025 को लेकर विद्यार्थियों के लिए बड़ी खबर सामने आई है। इस बार सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) ने तय कर दिया है कि कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा फरवरी 2025 में ही आयोजित की जाएगी। इसके साथ ही परीक्षा पैटर्न में भी कुछ अहम बदलाव किए गए हैं।

आइए जानते हैं — परीक्षा की तिथि, नया पैटर्न, मार्किंग स्कीम और तैयारी से जुड़ी पूरी जानकारी।

नई शिक्षा नीति के तहत 12वीं बोर्ड परीक्षा के पैटर्न में बड़ा बदलाव किया है। अब परीक्षा में 50 प्रतिशत से अधिक सवाल कॉम्पिटेंसी (योग्यता) आधारित होंगे। इसका मकसद छात्रों की समझ, विश्लेषण और ज्ञान के प्रयोग की क्षमता को परखना है। हालांकि, इस बार बोर्ड की ओर से कॉम्पिटेंसी बेस्ड प्रश्नों की प्रैक्टिस के लिए अलग मॉड्यूल जारी नहीं किया गया है।

जानकारी के अनुसार, जल्द ही बोर्ड प्रश्न-पैटर्न और स्टडी मटेरियल जारी होगा, ताकि विद्यार्थी नए पैटर्न की तैयारी कर सकें। बोर्ड के नए पैटर्न से योग्यता आधारित सवालों को दो भागों में बांटा गया है। इसमें प्रथम भाग में एप्लीकेशन ऑफ नॉलेज बेस्ड सवाल और द्वितीय भाग में एनालिटिकल सवाल पूछे जाएंगे।

कम्पीटेंसी आधारित सवालों का इंजीनयिरिंग प्रवेश परीक्षा और मेडिकल प्रवेश परीक्षा में भी अत्यधिक महत्व है। इन प्रतियोगी परीक्षाओं में भी इसी प्रकार के प्रश्न पूछे जाते हैं। बोर्ड परीक्षाओं तथा प्रतियोगी परीक्षाओं के बीच समन्वय के लिए एनईपी में नवाचार किए गए हैं।

बोर्ड की ओर से जारी किये गए 12वीं बोर्ड परीक्षा के करिकुलम तथा मार्क्स-डिस्ट्रीब्यू शन में फिजिक्स में एप्लीकेशन ऑफ नॉलेज बेस्ड क्वेश्चंस 32 प्रतिशत और एनालिटिकल बेस्ड 30 प्रतिशत रखे गये हैं। ऐसे में कम्पीटेंसी आधारित कुल प्रश्नों का अंक 62 प्रतिशत होगी। इसी तरह केमिस्ट्री में एप्लीकेशन ऑफ नॉलेज बेस्ड क्वेश्चंस को 30 प्रतिशत और एनालिटिकल बेस्ड को 30 प्रतिशत रखा गया है।

ऐसे में कम्पीटेंसी आधारित कुल प्रश्नों का अंक भार 60 प्रतिशत होगा। वहीं गणित में एप्लिकेशन ऑफ नॉलेज बेस्ड क्वेश्चंस 25 प्रतिशत और एनालिटिकल बेस्ड 20 प्रतिशत आयेंगे। कम्पीटेंसी आधारित कुल प्रश्नों का अंक भार 45 प्रतिशत होगा। वहीं बायोलॉजी में एप्लीकेशन ऑफ नॉलेज बेस्ड क्वेश्चंस 30 प्रतिशत और एनालिटिकल बेस्ड 20 प्रतिशत सवाल पूछे जाएंगे।

बिहार बोर्ड की 2026 में मैट्रिक व इंटरमीडिएट की परीक्षा के लिए केंद्र बनाना शिक्षा विभाग के लिए चुनौती बन गई है। बोर्ड की परीक्षा फरवरी में होती है। इसके लिए पहले सीबीएसई स्कूलों को भी केंद्र बनाया जाता था। पर अगले साल से सीबीएसई ने भी फरवरी में ही वार्षिक परीक्षा शुरू कराने का निर्णय लिया है।

सीबीएसई के क्षेत्रीय कार्यालय ने इसे लेकर डीएम को पहले ही अवगत करा दिया है। बिहार बोर्ड की परीक्षाएं फरवरी में शुरू होती हैं और मार्च के अंत तक रिजल्ट जारी हो जाता है। वहीं, सीबीएसई की परीक्षाएं विलंब से शुरू होकर लंबे समय तक चलती हैं।

सीबीएसई की भी फरवरी में परीक्षा शुरू करने की योजना है। क्षेत्रीय कार्यालय की ओर से डीएम को भेजे पत्र में 2026 में ली जानेवाली वार्षिक इंटर और माध्यमिक परीक्षा के लिए सीबीएसई स्कूलों को बिहार बोर्ड की परीक्षा केंद्र नहीं बनाने का अनुरोध किया गया है।

बोर्ड परीक्षा के लिए केंद्राधीक्षक की नियुक्ति को लेकर विभाग असमंजस की स्थिति में है। बताते हैं कि माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों में बीपीएससी से प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति हुई है। लेकिन, बोर्ड परीक्षा के सकुशल संचालन के लिए अनुभव जरूरी है।

वहीं, निजी स्कूल व कॉलेजों में स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को जिम्मेदारी दी जाती है। बताया जा रहा है कि आगामी मैट्रिक व इंटर परीक्षा को लेकर केंद्राधीक्षकों की खोज की जा रही है। इस बार केंद्राधीक्षकों के चयन में काफी परेशानी हो रही है।

माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों के साथ ही अब तक सीबीएसई से संबद्ध स्कूल और कॉलेजों में परीक्षा केंद्र बनाया जाता था। कॉलेजों से इंटरमीडिएट की पढ़ाई खत्म होने के बाद बोर्ड ने पिछले साल ही इस बात के संकेत दे दिए थे कि कॉलेजों में केंद्र भी नहीं रहेगा। वहीं, अब सीबीएसई ने भी स्कूलों के अधिग्रहण पर रोक लगाने का अनुरोध किया है। इससे बिहार बोर्ड के परीक्षार्थियों को बैठाने के लिए जगह के साथ ही बेंच-डेस्क की कमी से भी जूझना होगा।

मैट्रिक परीक्षा 2026 में 75 हजार से अधिक परीक्षार्थियों के शामिल होने की संभावना है। इनके लिए करीब 85 परीक्षा केंद्र बनाए जाएंगे। वहीं, इंटरमीडिएट में 60 हजार से अधिक परीक्षार्थियों के लिए 75 से अधिक केंद्र संभावित हैं। बोर्ड परीक्षा के लिए जिला मुख्यालय व आसपास के संस्थानों को ही केंद्र बनाया जाता है। सीबीएसई स्कूलों को केंद्र न बनाने पर परेशानी होगी।

CBSE ने यह भी स्पष्ट किया है कि 2024-25 सत्र का सिलेबस 100% रहेगा
पिछले कोविड वर्षों की तरह कोई सिलेबस रिडक्शन नहीं किया गया है। हालांकि, क्लास 10 और 12 दोनों के सिलेबस को CBSE की वेबसाइट पर अपडेट कर दिया गया है।

CBSE ने इस बार परीक्षा पैटर्न में जो बदलाव किए हैं, उनका उद्देश्य विद्यार्थियों को कांसेप्ट बेस्ड लर्निंग और एनालिटिकल सोच की ओर प्रेरित करना है।
इसलिए 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों को अब से ही अपनी पढ़ाई में लग जाना चाहिए।
फरवरी में होने वाली इस परीक्षा के लिए समय से तैयारी और नियमित अभ्यास ही सफलता की कुंजी है।

BSEB Update

Scholarship

arcarrierpoint

arcarrierpoint

यह वेबसाइट Sumit Sir के निर्देशन में संचालित है। इस बेवसाइट पर सही और सटीक जानकारी सबसे पहले उपलब्ध कराया जाता है। सुमित सर के पास पिछले पांच साल से ऑनलाइन और ऑफलाइन पढाने का अनुभव है। धन्यवाद।

Leave a Comment

फरवरी में होगी मैट्रिक इंटर बोर्ड परीक्षा 2026
फरवरी में होगी मैट्रिक इंटर बोर्ड परीक्षा 2026