Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now

9वीं से 12वीं तक के बच्चों को मिलेगा फ्री कोचिंग- स्कूल में ही करेंगे सरकारी नौकरी की तैयारी

arcarrierpoint

By arcarrierpoint

Updated On:

9वीं से 12वीं तक के बच्चों को मिलेगा फ्री कोचिंग- स्कूल में ही करेंगे सरकारी नौकरी की तैयारी

9वीं से 12वीं तक के बच्चों को मिलेगा फ्री कोचिंग- स्कूल में ही करेंगे सरकारी नौकरी की तैयारी:-राज्य सरकार ने स्कूली शिक्षा को करियर से जोड़ने की दिशा में एक बड़ा और दूरगामी फैसला लिया है। अब कक्षा 9वीं से 12वीं तक के छात्र-छात्राओं को स्कूल परिसर में ही निःशुल्क कोचिंग की सुविधा दी जाएगी। इस पहल का उद्देश्य छात्रों को प्रारंभिक स्तर से ही सरकारी नौकरी, इंजीनियरिंग, मेडिकल और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए सक्षम बनाना है।

शिक्षा विभाग के अनुसार, इस योजना से राज्य के करीब 27 लाख छात्र-छात्राएं लाभान्वित होंगे। योजना को चरणबद्ध तरीके से सभी सरकारी उच्च विद्यालय और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में लागू किया जाएगा।

राज्य के उच्च और उच्चतर माध्यमिक स्कूलों में कक्षा नौवीं से 12वीं तक के 27 लाख छात्र-छात्राओं के लिए ऑनलाइन कोचिंग जल्द शुरू होगी। कक्षा 11 और 12 के लगभग 12 लाख छात्र-छात्राओं को इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी विशेषज्ञ शिक्षक कराएंगे। कक्षा नौ और 10 के लगभग 15 लाख विद्यार्थियों को फाउंडेशन (बेसिक) कोर्स कराया जाएगा। साथ ही सीयूईटी, एसएससी, बैंकिंग समेत अन्य प्रतियोगिता परीक्षा की भी तैयारी कराई जाएगी।

स्कूलों की कक्षाओं की लाइव स्मार्ट क्लास संचालन के लिए आईआईटी कानपुर को मदद करने के लिए कहा गया है। मुफ्त कोचिंग की सुविधा जल्द शुरू करने के संबंध में पिछले दिनों शिक्षा विभाग ने सभी जिलों को आवश्यक कार्यवाही का निर्देश दिया है। इसके लिए सभी जिलों में नोडल अधिकारी नामित करने के लिए कहा है। प्रत्येक दिन कक्षा के बाद स्कूल में ऑनलाइन कोचिंग की सुविधा मिलेगी। देश के नामी शिक्षक इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेजों में नामांकन के लिए विद्यार्थियों को प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कराएंगे।

इसके लिए बीते सितंबर में शिक्षा विभाग और आईआईटी कानपुर के बीच करार (एमओयू) हुआ था। प्रत्येक कार्यदिवस पर कक्षा समाप्त होने के बाद दो घंटे की ऑनलाइन क्लास होगी। इंजीनियरिंग की इच्छा रखने वाले छात्र-छात्राओं को ऑनलाइन कक्षा में गणित, भौतिकी विज्ञान, रसायन विज्ञान और अंग्रेजी की कोचिंग दी जाएगी। इसी प्रकार मेडिकल को कॅरियर बनाने की इच्छा रखने वालों को जीव विज्ञान, वनस्पति विज्ञान, भौतिकी और रसायन विज्ञान और अंग्रेजी पढ़ाई जाएगी

स्कूलों में ऑनलाइन कक्षा संचालित करने के लिए बड़ा स्मार्ट टीवीयाबोर्ड के साथ ही सभी आवश्यक उपकरण मुहैया कराए जाएंगे। इससे ही ऑनलाइन क्लास चलेगी। बिजली कटने की स्थिति में बैट्री और इनवर्टर से कक्षाएं चलेंगी। आईआईटी कानपुर से ही विशेषज्ञ बच्चों को पढ़ाएंगे। समय-समय पर देश और विदेश के विशेषज्ञ भी कक्षा से जुड़ेंगे।

सप्ताह में सोमवार से शुक्रवार तक बच्चे ऑनलाइन कोचिंग करेंगे। सप्ताह में जो पाठ पढ़ाया गया है, उससे संबंधित प्रश्न के साथ मूल्यांकन किया जाएगा। मूल्यांकन के दौरान अच्छे विद्यार्थियों की पहचान की जाएगी। ऐसे बच्चों को और अधिक प्रोत्साहित किया जाएगा।

कक्षा 11 और 12 में पढ़ने वाले जिन विद्यार्थियों को इंजीनियरिंग और मेडिकल की तैयारी में रुचि नहीं होगी, उन्हें एसएससी (स्टाफ सेलेक्शन कमीशन) जैसी परीक्षाओं की तैयारी के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। ऐसे बच्चों का अलग समूह बनाया जाएगा। इन्हें एसएससी व इसके समकक्ष प्रतियोगिता परीक्षा के लिए तैयार किया जाएगा।

  • 12 लाख छात्रों को इंजीनियरिंग और मेडिकल की तैयारी में मदद मिलेगी
  • कक्षा नौ से 10 तक 15 लाख के छात्रों को बेसिक कोर्स की तैयारी करायी जाएगी
  • छात्र-छात्राओं को मुफ्त कोचिंग की सुविधा मिलेगी, सप्ताह में एक दिन मूल्यांकन भी होगा

अब तक छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए स्कूल के बाद अलग से महंगी कोचिंग संस्थानों का सहारा लेना पड़ता था। इससे आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों को नुकसान होता था। सरकार की यह नई योजना इस असमानता को खत्म करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।

इस योजना के तहत छात्रों को स्कूल की पढ़ाई के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की बुनियादी और उन्नत तैयारी कराई जाएगी, ताकि वे समय रहते अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ सकें।

  • फाउंडेशन कोर्स
  • गणित, विज्ञान और मानसिक क्षमता का विकास
  • रीजनिंग और बेसिक कॉम्पिटिटिव स्किल्स
  • आगे की प्रतियोगी तैयारी के लिए मजबूत आधार
  • इंजीनियरिंग (JEE) और मेडिकल (NEET) की तैयारी
  • SSC, बैंकिंग और अन्य सरकारी परीक्षाओं का मार्गदर्शन
  • विषय विशेषज्ञों द्वारा करियर काउंसलिंग

शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि कोचिंग के लिए डिजिटल और स्मार्ट क्लास मॉडल अपनाया जाएगा। इसके तहत:-

  • स्कूलों में स्मार्ट बोर्ड और डिजिटल कंटेंट
  • ऑनलाइन माध्यम से विशेषज्ञ शिक्षकों की कक्षाएं
  • रिकॉर्डेड लेक्चर और स्टडी मटेरियल
  • नियमित टेस्ट, मूल्यांकन और फीडबैक

यह व्यवस्था छात्रों को आधुनिक शिक्षा प्रणाली से जोड़ने में मदद करेगी।

योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए शिक्षा विभाग ने निर्देश दिया है कि:

  • प्रत्येक जिले में नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे
  • जिला स्तर पर योजना की नियमित समीक्षा होगी
  • आईआईटी और अन्य विशेषज्ञ संस्थानों की मदद से शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा
  • छात्रों की उपस्थिति और प्रदर्शन पर निगरानी रखी जाएगी

इससे योजना केवल कागजों तक सीमित न रहकर ज़मीनी स्तर पर सफल हो सकेगी।

  • पूरी तरह निःशुल्क कोचिंग
  • प्रतियोगी परीक्षाओं की सही दिशा और रणनीति
  • करियर मार्गदर्शन और मोटिवेशन
  • आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को समान अवसर

योजना की घोषणा के बाद अभिभावकों और छात्रों में उत्साह देखा जा रहा है। अभिभावकों का कहना है कि इससे उन्हें बच्चों की पढ़ाई पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ नहीं उठाना पड़ेगा। वहीं छात्र इसे अपने सपनों को साकार करने का सुनहरा अवसर मान रहे हैं।

शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि इस निःशुल्क कोचिंग योजना के लिए छात्रों को कहीं भी अलग से आवेदन या एडमिशन कराने की आवश्यकता नहीं होगी। यह पूरी व्यवस्था विद्यालय स्तर पर ही संचालित की जाएगी।

  • छात्रों को किसी वेबसाइट, कोचिंग सेंटर या कार्यालय में जाने की जरूरत नहीं है।
  • विद्यालय प्रशासन स्वयं छात्रों को इस योजना की जानकारी देगा
  • कोचिंग में शामिल किए जाने वाले छात्रों की सूची स्कूल द्वारा ही तैयार की जाएगी
  • चयनित छात्रों को उसी विद्यालय परिसर में निःशुल्क कोचिंग उपलब्ध कराई जाएगी।

शिक्षा विभाग के अनुसार, यह व्यवस्था इसलिए की गई है ताकि किसी भी छात्र से पैसे की मांग, भ्रम या दलाली की स्थिति उत्पन्न न हो और सभी पात्र छात्रों को समान रूप से लाभ मिल सके।

  • पढ़ाई का समय, विषय और कक्षा की जानकारी स्कूल नोटिस बोर्ड या शिक्षकों के माध्यम से दी जाएगी
  • कोचिंग पूरी तरह सरकारी निगरानी में संचालित होगी
  • किसी भी प्रकार की फीस या रजिस्ट्रेशन चार्ज नहीं लिया जाएगा

यह योजना 100% निःशुल्क है और स्कूल आधारित है।
छात्रों को न तो बाहर जाना है और न ही कहीं आवेदन करना है।

कक्षा 9वीं से 12वीं तक के छात्रों को स्कूल में ही फ्री कोचिंग देने का यह निर्णय राज्य की शिक्षा नीति में एक ऐतिहासिक बदलाव माना जा रहा है। यह योजना न केवल छात्रों को सरकारी नौकरी और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार करेगी, बल्कि शिक्षा को रोजगार से जोड़ने में भी अहम भूमिका निभाएगी।

यदि योजना को सही तरीके से लागू किया गया, तो आने वाले वर्षों में इसके सकारात्मक और दूरगामी परिणाम देखने को मिलेंगे।

ARATTAI CHANNELCLICK HERE
WHATSAPP CHANNELCLICK HERE
TELEGRAM CHANNELJOIN
YOU TUBE CHANNELSUBSCRIBE
arcarrierpoint

arcarrierpoint

यह वेबसाइट Sumit Sir के निर्देशन में संचालित है। इस बेवसाइट पर सही और सटीक जानकारी सबसे पहले उपलब्ध कराया जाता है। सुमित सर के पास पिछले पांच साल से ऑनलाइन और ऑफलाइन पढाने का अनुभव है। धन्यवाद।

Leave a Comment

ठंडी में नहीं फटेगा त्वचा- करें ये काम विदुर नीति के ये बातें जिवन बदल देगी पढाई के साथ सिखें ये स्किल- पढाई के साथ कमाइ भी इन 5 राशियों के लिए 2026 रहेगा- सबसे अच्छा ये गेम आपका मांइड तेज कर देगा
ठंडी में नहीं फटेगा त्वचा- करें ये काम विदुर नीति के ये बातें जिवन बदल देगी पढाई के साथ सिखें ये स्किल- पढाई के साथ कमाइ भी इन 5 राशियों के लिए 2026 रहेगा- सबसे अच्छा ये गेम आपका मांइड तेज कर देगा