आनुवंशिकता एवं जैव विकास | कक्षा 10वीं विज्ञान | PDF Notes in hindi-
आनुवंशिकी क्या है?
आनुवंशिकी – माता-पिता व पूर्वजों के लक्षण नई पीढ़ी में पहुँचने को आनुवंशिकी कहते हैं।
समयुग्मजी क्या है?
समयुग्मजी – इसमें जीन के दोनों एलील समान होते हैं, जैसे- TT.
विषमयुग्मजी क्या है?
विषमयुग्मजी– इसमें जीन के दोनों एलील असमान होते हैं, जैसे – Ti.
मेंडल के प्रभाविता का नियम क्या है?
मेंडल के प्रभाविता का नियम -विपरीत लक्षणों की जोड़ी में से केवल एक लक्षण की फीनोटाइप में प्रकट हो सकता है। दूसरा लक्षण पहले लक्षण की उपस्थिति में दबा छिपा रहता है। व्यक्त करने वाले लक्षण को प्रभावी लक्षण तथा जो लक्षण छिपे रहते हैं उन्हें अप्रभावी लक्षण कहते हैं।
विसंयोजन का सिद्धांत क्या है?
विसंयोजन का सिद्धांत–विसंयोजन के सिद्धांत के अनुसार गैमिटो के बनने के दौरान कारकों की जोड़ी के दो सदस्य सम्मिश्रित नहीं होते, वरन् विभिन्न गैमिटो में विसंयोजित हो जाते हैं। जाइगोट निर्माण के समय या दृच्छिक समेकन के अनुसार गैमिट पुनः परस्पर संयोजित हो जाते हैं। इसे गैमिटो की शुद्धता का नियम भी कहा जाता है।
एक संकर प्रसंकरण क्या है?
एक संकर प्रसंकरण – जिस प्रसंकरण में केवल एक ही जोड़ी लक्षण को लिया जाता है उन्हें एक संकर प्रसंकरण कहते हैं। द्वविसंकरण
प्रसंकरण किसे कहते हैं?
प्रसंकरण– इस प्रकार संकरण में दो जोड़ी विपरीत लक्षणों वाले पौधों में प्रसंकरण कराया जाता है।
सट्टन तथा बोवेरी (Sutton and Boveri) का सिद्धांत क्या है?
सट्टन तथा बोवेरी (Sutton and Boveri) का सिद्धांत – इस सिद्धांत के अनुसार मातृ तथा पितृ लक्षण संतान में एक साथ आ जाते हैं और बाद में मीयोसिस की प्रक्रिया के फलस्वरूप गैमिटो के निर्माण के दौरान पृथक हो जाते हैं।
सहलग्न समूह क्या है?
सहलग्न समूह – एक ही क्रोमोसोम पर मौजूद जीनों में एक साथ वंशागत होने की प्रवृत्ति होती है। उसे सहलगू व इस प्रकार की परिघटना को सहलग्नता कहते हैं और जीनों के एक समूह को सहलग्न समूह कहते हैं।
क्रॉसिंग ओवर क्या है?
क्रॉसिंग ओवर– वह भौतिक आदान-प्रदान, जो समजात जोड़े क्रोमोसोमों के असहजात क्रोमैटिड के अंशों के बीच होता है।
व्युत्क्रम प्रसंकरण किसे कहते हैं?
व्युत्क्रम प्रसंकरण – व्युत्क्रम प्रसंकरण में जनकों के लिंग बदल दिए जाते हैं।
क्रिस क्रॉस वंशागति किसे कहते हैं?
क्रिस क्रॉस वंशागति– अप्रभावी लिंग सहलग्न लक्षण पिता से पुत्री और उसके बाद पुत्री से पोते में पहुँचने को क्रिस-क्रॉस वंशागति कहते हैं।
न्यूक्लियोटाइड किसे कहते हैं?
न्यूक्लियोटाइड – नाइट्रोजनी बेस ( प्यूरीन व पाइरिमिडिन ) शर्करा तथा फॉस्फेट से बनी संरचना को न्यक्लियोटाइड कहते हैं।
म्यूटेशन किसे कहते हैं?
म्यूटेशन – क्रोमोसोमों और जीवों की संख्या और उसकी संरचना में अचानक वंशागतिशील परिवर्तन को म्यूटेशन या उत्परिवर्तन कहते हैं।
जैव विकास किसे कहते हैं?
जैव विकास –सरल जीवों से सम्मिश्र प्रकार के जीवों के विकास को जैव विकास कहते हैं।
समजात अंग किसे कहते हैं?
समजात अंग – विभिनन्न जीव-जंतुओं में कुछ अंग संरचना की दृष्टि से समान होते हैं। मगर उनका कार्य अलग-अलग होता है। ऐसे अंगों को समजात अंग कहते हैं।
जीन किसे कहते हैं?
जीन—यह डी. एन. ए. का भाग होता है। जीन के द्वारा ही किसी लक्षण की अभिव्यक्ति हो पाती है।
डी. एन. ए. क्या है?
डी. एन. ए.- इसका पूर्ण रूप डिऑक्सीराइबोन्यूक्लीक अम्ल होता है जो गुणसूत्रों का सबसे महत्त्वपूर्ण संघटक होता है तथा एक पीढ़ी तक आनुवंशिक सूचनाओं का संवहन करता है।
कोए सर्वेट क्या है?
कोए सर्वेट—ये बड़े कार्बनिक अणुओं का समूह हैं। ये ही जीवित वस्तुओं के पूर्वगामी थे।
जीवाश्म क्या है?
जीवाश्म –पौधों अथवा जंतुओं के अवशेषों को जीवाश्म कहते हैं।
अवशेषी अंग क्या है?
अवशेषी अंग– अवशेषी अंग संरचनाएँ शरीर में कोई भी छोटा अल्पविकसित अंग होता है जो हमें हमारे पूर्वजों से मिला होता है। और उस समय ये अंग कार्यशील रहे होंगे। दूसरे शब्दों में, जो अंग शरीर में क्रियाहीन प्रतीत होते हैं उन्हें पूर्वज के क्रियाशील अंग के समजात दर्शाया जा सकता है। उन अंगों को अवशोषी अंग कहते हैं।
लिंग क्रोमोसोम क्या है?
लिंग क्रोमोसोम— कुछ द्वविगुणित जीवों में लिंग निर्धारण में विशिष्ट क्रोमोसोम की भूमिका होती है। ऐसे क्रोमोसोम को लिंग क्रोमोसोम कहते हैं।
जीनोटाइप क्या है?
जीनोटाइप — जीव की आनुवंशिक संरचना को जीनोटाइप कहते हैं।
क्रोमोसोम क्या है?
क्रोमोसोम – क्रोमोसोम अथवा गुणसूत्र क्रेंद्रक के भीतर पाए जाने वाले सूत्राकार पिंड होते हैं। ये क्रोमैटिन सामग्री अर्थात् DNA के बने होते हैं।
लैमार्क के मत क्या है?
लैमार्क के मत – लैमार्क की मुख्य बातें तीन कारकों पर आधारित होती हैं। जैसे-
- पर्यावरण का अभाव
- अंगों का उपयोग या अनुपयोग
- अर्जित लक्षणों की वंशागति
समवृत्ति अंग— वे संरचनाएँ जो कार्य की दृष्टि में समान हों, लेकिन संरचना की दृष्टि से भिन्न होते हैं, उन्हें समवृत्ति अंग कहते हैं।
समजात गुणसूत्र क्या है?
समजात गुणसूत्र— गुणसूत्र के एक जोड़ी के सदस्य अपने आकृति, आकार एवं माप में समान होते हैं। अतः वे समजात गुणसूत्र कहलाते हैं।
ट्रांसजीनी जीव क्या है?
ट्रांसजीनी जीव – जब एक DNA या जीन के भाग को किसी विशिष्ट एंजाइम की सहायता से अलग करके दूसरे जीवधारी की DNA के साथ जोड़ा जा सकता है। ऐसे जीवों को ट्रांसजीनी जीव कहते हैं।
औटोसोम या अलिंग सूत्र क्या है?
औटोसोम या अलिंग सूत्र – मादा में यह गुणसूत्र युग्मित अवस्था में पाया जाता है। इसे X गुणसूत्र भी कहते हैं। X – गुणसूत्र लिंग को निर्धारण से जुड़े रहने के कारण इसे लिंग गुणसूत्र कहते हैं तथा बचे हुए गुणसूत्रों को औटोसोम कहते हैं।
RNA— राइबोन्यूक्लिक अम्ल (RNA) का पूर्ण रूप होता है।
न्यूक्लियोटाइड क्या है?
न्यूक्लियोटाइड – इसमें नाइट्रोजन बेस तथा 5-कार्बन शर्करा होती है। नाइट्रोजन बेस दो प्रकार के होते हैं।
- प्यूरीन – एडीनीन तथा गुआनीन
- पाइरीमिडीन – थायमीन, सायट्रोसीन तथा यूरैसिल ।
कुछ महत्वपूर्ण लिंक
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