11th History Annual exam 2024:- इस पोस्ट में बिहार बोर्ड से आयोजित वार्षिक परीक्षा 2024 का प्रश्न पत्र दिया गया है । तो जितने भी छात्र-छात्राएं 12वीं की परीक्षा 2025 में बिहार बोर्ड से देंगे। तो आपके लिये स्कूल स्तर पर Annual exam 2024 का आयोजन 13 मार्च से 20 मार्च तक हो रहा है । आपके वार्षिक परीक्षा के इतिहास विषय का अरिजनल प्रश्न पत्र उत्तर के साथ दिया गया है । इस पोस्ट के माध्यम से बिहार बोर्ड 11वीं वार्षिक परीक्षा 2024 के इतिहास विषय का प्रश्न पत्र उत्तर के साथ डाउनलोड कर सकते है।
Bihar Board Class 11th Annual exam History Question Paper With Answer
इस पोस्ट के माध्यम से वार्षिक परीक्षा के इतिहास विषय के प्रश्न पत्र का PDF डाउनलोड कर सकते है । इसके साथ-साथ Objective और Subjective प्रश्नों का उत्तर भी डाउनलोड कर सकते है ।
11th Annual exam 2024- EXAM CENTER
इस परीक्षा का आयोजन आपके विद्यालय के स्तर पर होगा। अर्थात की जिस भी विद्यालय में आपका नामांकन है। उसी में जाकर आपको परीक्षा देना पड़ेगा ।
Admit Card Of 11th Annual exam History 2024
इस परीक्षा के लिए बिहार बोर्ड के तरफ से कोई भी ऑफिशियल एडमिट कार्ड जारी नहीं किया जाएगा। क्योंकि यह आपके विद्यालय के स्तर पर आयोजित होने वाला एकमात्र जांच परीक्षा है।
प्रश्न पत्र कहां से आएगा ?
कक्षा 11वीं के वार्षिक परीक्षा 2024 का प्रश्न पत्र आपके 100% सिलेबस से पूछे जाएंगे |
कॉपी का जांच कहां होगा ?
कक्षा 11वीं के वार्षिक परीक्षा के कॉपी का मूल्यांकन आपके विद्यालय के स्तर पर ही होगा।
CLASS 11 Annual exam 2024 History Question Paper
CLASS 11TH | Annual exam 2024 |
SESSION | 2023-25 |
SUBJECT/CODE | History -321 |
EXAM DATE | 20/03/2024 |
SITTING | 1st SHIFT |
TIME | 10:00-01:00 PM |
BSEB Class 11th Annual exam 2024 History Objective Answer Key –
Q.N. | ANS | Q.N. | ANS | Q.N. | ANS | Q.N. | ANS |
1. | B | 26. | A | 51. | .. | 76. | |
2. | D | 27. | B | 52. | D | 77. | C |
3. | B | 28. | D | 53. | A | 78. | |
4. | A | 29. | B | 54. | A | 79. | |
5. | D | 30. | D | 55. | B | 80. | |
6. | B | 31. | B | 56. | 81. | ||
7. | D | 32. | D | 57. | 82. | ||
8. | A | 33. | D | 58. | C | 83. | |
9. | C | 34 | D | 59. | A | 84. | |
10. | C | 35.. | B | 60. | C | 85. | |
11. | B | 36. | C | 61. | A | 86. | |
12. | B | 37. | A | 62. | D | 87. | |
13. | B | 38. | A | 63. | D | 88. | |
14. | C | 39 | C | 64. | A | 89. | |
15. | D | 40. | C | 65. | 90. | ||
16. | D | 41. | B | 66. | C | 91. | |
17. | D | 42. | C | 67. | A | 92. | |
18. | D | 43. | B | 68. | C | 93. | |
19. | B | 44. | C | 69. | B | 94. | |
20. | C | 45. | D | 70. | C | 95. | |
21. | A | 46. | A | 71. | 96. | ||
22. | B | 47. | C | 72. | 97. | ||
23. | B | 48. | B | 73. | 98. | ||
24. | C | 49. | C | 74. | 99. | ||
25. | C | 50. | C | 75. | 100. |
11th Annual exam History Subjective Question Download Link –
नीचे दिए गए लिंक से आप सब्जेक्टिव प्रश्न काउत्तर पीडीएफ़ फॉर्मेट में डाउनलोड कर सकते है ।
नोट- यह प्रश्नपत्र और उत्तर 11th के वार्षिक परीक्षा 2024 का है। History Question Paper
SECTION-B / खण्ड-ब
लघु उत्तरीय प्रश्न -Short Answer Type Questions
प्रश्न संख्या 1 से 30 तक लघु उत्तरीय है । किन्हीं 15 प्रश्नों के उत्तर दें।
1. सामंतवाद से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर- किसी बड़े राजा के अधीनस्थ छोटे राजाओं को सामंत कहते हैं। इनको अपने इलाके में अपना शासन चलाने की अनुमति दी जाती थी और बदले में वे अपने बड़े राजा को कर, उपहार और सैन्य सहायता देने के लिए बाध्य होतें थे। इस तरह की व्यवस्था को सामंतवाद कहते हैं।
2. होमेज प्रथा क्या थी ?
उत्तर- इस प्रथा के तहत कुंवारी लड़कियों को धर्म के नाम पर भगवान के साथ शादी कराकर मंदिरों को दान में दे दिया जाता था। माता-पिता अपनी बेटी का शादी मंदिर या देवता के साथ कर देते थे । परिवारों द्वारा कोई मुराद पूरी होने के बाद ऐसा किया जाता था।
3. चर्च की आय के मुख्य स्रोत क्या थे ?
उत्तर- चर्च को एक वर्ष के अन्तराल में कृषक से उसकी उपज का दसवाँ भाग लेने का अधिकार था जिसे ‘टीथे’ कहते थे। अमीरों द्वारा अपने कल्याण और मरणोपरान्त अपने रिश्तेदारों के कल्याण हेतु दिया जाने वाला दान भी आय का एक प्रमुख स्रोत था।
4. नाइट्स कौन थे ?
उत्तर- ‘नाईट’ घुड़सवार योद्धा होते थे, जिनकी सैन्य सेवा के एवज में राजा उन्हें ये उपाधि प्रदान करता था। ये नाइट्स घुड़सवार योद्धा होते थे, जिन्हे सेवा के एवज में राजा उन्हें ये उपाधि प्रदान करता था।
5. कुरिलताई से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर- कुरिलताई मंगोलियाई या तुर्क कुलों की एक सभा है, जिसे कभी-कभी अंग्रेजी में “आदिवासी परिषद” कहा जाता है। आम तौर पर, एक कुरुलताई (या कुरिलताई) एक प्रमुख राजनीतिक या सैन्य निर्णय लेने के उद्देश्य से मिलती है जैसे कि एक नए खान का चयन या युद्ध शुरू करना।
6. मार्को पोलो कौन था ? वह किसके दरबार में चीन में गया ?
उत्तर- मार्को पोलो इटली का एक व्यापारी था, जिसे यूरोप का प्रथम व्यक्ति कहा जाता है जो एशिया के भ्रमण पर निकला था। मार्को पोलो ने वास्तव में चीन की यात्रा की और महान मंगोल शासक क़ुबलाई खान के दरबार में पहुँचे।
8. खानाबदोश किसे कहते हैं ?
उत्तर- कोई भी ऐसा प्राणी जो अपने खाने की खोज में इधर-उधर या आवारा भटकता हो उसे खानाबदोश कहते हैं। ऐसे लोगों का कोई अपना स्थानीय निवास नहीं होता ऐसे लोग खाने की खोज में यहां से वहां दूर-दूर तक भटकते रहते हैं। उसे ही खानाबदोश कहते हैं।
9. यास के दो महत्व का वर्णन करें ।
उत्तर- यासा का मुख्य उद्देश्य दुराचार को दंडित करना, खानाबदोश कुलों को एक साथ लाना और उसके आदेशों का पालन करना था।
10. चार्ल्स डार्विन कौन थे ? उनकी पुस्तक का नाम क्या है ?
उत्तर- चार्ल्स डार्विन महान् प्रकृतिवादी वैज्ञानिक तथा बहुफलदायक लेखक भी थे। इन्हें प्रजातियों के विकास की नयी अवधारणाओं के जनक के रूप में जाना जाता है। चार्ल्स डार्विन आधुनिक विज्ञान के भी जनक हैं। चार्ल्स डार्विन (1809-1882) एक अंग्रेजी प्रकृतिवादी थे, जिनकी सबसे प्रसिद्ध पुस्तक, ऑन द ओरिजिन ऑफ स्पीशीज़ (1859) आधुनिक विचारों पर आधारित है कि कैसे पृथ्वी पर जीवन विभिन्न प्रकार की प्रजातियों में विकसित हुआ जो आज हमारे पास हैं।
11. प्यूनिक युद्ध का क्या कारण था ?
उत्तर- “बार्सिड्स का क्रोध,” सार्डिनिया और कोर्सिका के नुकसान का बदला, और स्पेन में कार्थागिनियों की सफलता। लिवी सैगुंटम की जब्ती को एक कारण के रूप में देखती है; पॉलीबियस को लगता है कि यह अंतर्निहित कारण के बजाय युद्ध की शुरुआत है।
13. सोने के लिए होड़ से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर- सोने की होड़ या स्वर्ण दौड़ उस वक्त को कहते है जब किसी स्थान पर स्वर्ण की खोज होने के बाद उस स्थान पर बड़ी संख्या में लोग तथा कर्मी पहुंच जाते है। 19 वी सदी के दौरान ब्राजील, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका टस्टफा संयुक्त राष्ट्र अमेरिका में इसी प्रकार की स्वर्ण होड़ लगी थी।
14. शोगुन कौन थे ?
उत्तर- शोगुन वंशानुगत सैन्य नेता थे जिन्हें तकनीकी रूप से सम्राट द्वारा नियुक्त किया जाता था। हालाँकि, वास्तविक शक्ति स्वयं शोगुनों के पास थी , जिन्होंने जापानी समाज में अन्य वर्गों के साथ मिलकर काम किया। शोगुन्स ने सिविल सेवकों के साथ काम किया, जो कर और व्यापार जैसे कार्यक्रमों का प्रबंधन करते थे।
15. बॉक्सर विद्रोह क्यों हुआ ?
उत्तर- विद्रोह के कारणों का मूल था विदेशियों को चीन से हटाना, यह कारण बॉक्सर प्रोटीकाल के पश्चात् और अधिक स्पष्ट हो गया। अतः अब चीनी सर्वसाधारण जनता इस विद्रोह की महत्ता का आकलन करने लगी और चीन में विदेशी अधिकार व शोषण के विरुद्ध आक्रोश बढ़ता गया, जिसने 1911 ई. की क्रान्ति की पृष्ठभूमि को तैयार कर दिया ।
16. सन यात सेन कौन थे ?
उत्तर- सुन् यात-सेन चीन के क्रांतिकारी नेता तथा चीनी गणतंत्र के प्रथम राष्ट्रपति एवं जन्मदाता थे। पेशे से वे चिकित्सक थे। चीनी गणतंत्र में उन्हें ‘राष्ट्रपिता’ कहा जाता है जबकि चीनी जनवादी गणतंत्र में उन्हें ‘लोकतांत्रिक क्रांति का अग्रदूत’ कहा जाता है। किं राजवंश को उखाड़ फेंकने में उनकी महती भूमिका थी।
17. प्राक् – इतिहास से आप क्या समझते हैं?
उत्तर- प्रागैतिहासिक काल के बारे में पुरातत्विक साक्ष्यों से जानकारी प्राप्त होती है, जैसे हड्डियों के अवशेष, मिट्टी के बर्तन, पत्थरों के औजार इत्यादि।प्रागैतिहासिक काल को मुख्य रूप से पाषाण काल के नाम से जाना जाता है क्योंकि इस काल में पाषाण उपकरणों की प्रधानता थी।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न / Long Answer Type Questions
प्रश्न संख्या 31 से 38 दीर्घ उत्तरीय हैं । किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दें ।
31. मेसोपोटामिया सभ्यता में लेखन कला के विकास का वर्णन करें ?
उत्तर- मेसोपोटामिया में जो लिखी हुई पट्टिकाएँ खुदाई में प्राप्त हुई हैं, वे लगभग 3200 ई० पू० की हैं। उनमें चित्र जैसे चिह्न और संख्याएँ दी गई हैं। वहाँ बैलों, मछलियों और रोटियों आदि की लगभग पाँच हजार सूचियाँ प्राप्त हुईं, जो वहाँ के दक्षिणी शहर उरुक के मंदिरों में आने वाली और वहाँ से बाहर जाने वाली चीजों की होंगी। स्पष्टतः लेखन कार्य तभी शुरू हुआ जब समाज को अपने लेन-देन का स्थायी हिसाब रखने की आवश्यकता पड़ी क्योंकि शहरी जीवन में लेन-देन अलग-अलग समय पर होते थे। उन्हें करने वाले भी कई लोग होते थे और सौदा भी कई प्रकार के माल के बारे में होता था। मेसोपोटामिया के लोग मिट्टी की पट्टिकाओं पर लिखा करते थे। लिपिक चिकनी मिट्टी को गीला करता था और फिर उसे गूंधकर और थापकर एक ऐसे आकार की पट्टी का रूप दे देता था जिसे वह आसानी से अपने एक हाथ में पकड़ सके। वह सावधानीपूर्वक उसकी सतह को चिकना बना लेता था फिर सरकण्डे की तीली की तीखी नोक से वह उसकी नम चिकनी सतह पर कीलाकार चिह्न बना देता था। जब ये पट्टिकाएँ धूप में सूख जाती थीं तो पक्की हो जाती थीं और वे मिट्टी के बर्तनों जैसी मजबूत हो जाती थीं । जब उन पर लिखा हुआ कोई हिसाब असंगत हो जाता था तो उस पट्टिका को
32. सामंतवाद के पतन के कारणों की विवेचना करें ।
उत्तर- सामंतवाद के पतन के कारण-
राजनीतिक कारण
- पंद्रहवीं सदी में यूरोप में स्वतंत्र और शक्तिशालीराजतंत्रों की स्थापना हुई। विभिन्न वर्गों के विशेशकर मध्यमवर्ग के सहयोग से राजा की सत्ता औरशक्ति में वृद्धि हुई। राजा को अपनी सम्प्रभुता स्थापित करने के लिए राजा द्वारा प्रसारित सिक्कों केप्रचलन ने भी योगदान दिया। लोग निरंकुश राजतंत्र का समर्थन करने लगे। राजा प्रत्यक्ष रूप से अपनेराज्य में विभिन्न प्रकार के कर भी लगाने लगा। राजा ने अपने अधीनस्थ नौकरशाही व्यवस्था सुदृ़ढ़ करली और प्रशासकीय क्षेत्रों को सामंतों के प्रभाव से मुक्त कर लिया। इससे सामंतों की शक्ति को गहराआघात लगा।
- नवीन हथियारों तथा बारूद का आविष्कार – राजाओं ने अपनी स्वयं की सेनाएँस्थापित की ओर उनको नवीन हथियारो, बंदूकों और बारूद से सुसज्जित किया। सांमतों की शक्ति केआधार उनके दुर्ग होते थे और उनके सैनिक धनुशवाण का उपयोग करते थे। किंतु अब राजा की सेनाबंदूकों ओर तोंपों के गोलों की मार से दुर्ग की दीवारें सामंतों की सुरक्षा करने में असमर्थ थी।
सामाजिक कारण
सामतंवादी संस्थाओं और व्यवस्था के स्थान पर नवीन सामाजिक व सांस्कृतिक संस्थाओं औरव्यवस्थाओं का प्रारंभ हुआ। मुद्रण का आविष्कार, विद्या एवं ज्ञान की वृद्धि और जीवन तथा ज्ञान विज्ञानके प्रति नवीन दृष्टिकोण का प्रारंभ हुआ, समाज में नये सिद्धांतो विचारों और आदर्शों का युग प्रारंभहुआ। सामाजिक दृष्टि से यूरोपीय समाज के संगठन एवं स्वरूप में परिवर्तन हुआ, व्यापार वाणिज्य कीउन्नति व धन की वृद्धि के कारण नगरों में प्रभावशाली मध्यम वर्ग का उदय और विकास हुआ। अबकृषि प्रधान समाज का स्वरूप बदल गया और इसका स्थान धन-सम्पन्न जागरूक शिक्षित मध्यम वर्ग नेले लिया।
धार्मिक कारण
यूरोप में आरंभिक मध्यकाल में अनेक धर्म युद्ध हुए। इन धर्म युद्धों में भाग लेने के लिए औरईसाई धर्म की सुरक्षा के लिए अनेक सामंतों ने अपनी भूमि या तो बेच दी या उसे गिरवी रख दिया।इससे उनकी सत्ता व शक्ति का अधिकार नष्ट हो गया। अनेक सामंत इन धर्म युद्धों में वीरगति कोप्राप्त हुए और उनकी भूमि पर राजाओं ने अपना अधिकार स्थापित कर लिया।
आर्थिक कारण
वाणिज्य व्यापार में वृद्धि –
नई भौगोलिक खोजों और समुद्री मार्गों की खोजों से यूरोप केवाणिज्य व्यापार में खूब वृद्धि हुई। यूरोप के निवासियों को नये-नये देशों का ज्ञान हुआ और वे अन्यदेशों से परिचित हो गये और उनसे व्यापार बढ़ा। पूर्व के देशों की विलास की वस्तुओं की मांग बढ़नेलगी। इससे विदेशों से व्यापार बढ़ा और नवीन व्यापारी वर्ग का उदय हुआ। कुछ व्यापारियों ने इतनाअधिक धन कमा लिया कि वे सामंतों से अधिक धन सम्पन्न और वैभवशाली हो गये। वे सामंतों से हेयसमझे जाने के कारण, सामांतों से ईश्र्या करते थे और सामंतों के विरूद्ध राजा को सहयोग देते थे।
35. रोमन साम्राज्य के पतन के कारणों का विश्लेष्ण करें ?
उत्तर- रोम को शाश्वत शहर के रूप में जाना जाता था; हालाँकि, वैश्विक साम्राज्य के केंद्र के रूप में शहर की स्थिति शाश्वत थी। साम्राज्य के पतन के तीन प्रमुख कारण थे:
- आंतरिक भ्रष्टाचार
- साम्राज्य का विभाजन
- जर्मनिक जनजातियों द्वारा लगातार आक्रमण
आंतरिक भ्रष्टाचार और रोम का पतन
साम्राज्य के अंत में रोम में भ्रष्टाचार एक बड़ी समस्या थी। भ्रष्टाचार और खराब सरकार के कारण मुद्रास्फीति, भुखमरी, बीमारी और अत्यधिक कराधान होता है। रोमन साम्राज्य की पिछली कुछ शताब्दियों की अध्यक्षता रोम के इतिहास के कुछ सबसे भ्रष्ट और अयोग्य सम्राटों ने की थी। इनमें से एक इलागाबालस था, जिसने 212 ई. से 222 ई. तक शासन किया। तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में भी कई गृहयुद्ध हुए, जिनके कारण अलग-अलग थे। हालाँकि, कमज़ोर नेतृत्व एक प्रमुख कारण था।
36. विश्व विजेता के रूप में सिकन्दर की उपलब्धियों का मूल्यांकन करें ।
उत्तर- सिकंदर महान को विश्व विजेता की उपाधि दी जाती है। उसने 32 साल की उम्र में एक ऐसे साम्राज्य पर विजय प्राप्त कर ली थी, जो बाल्कन से लेकर आधुनिक पाकिस्तान तक फैला हुआ था। इससे वह प्राचीन दुनिया के सबसे विशालतम साम्राज्य का स्वामी बन गया था। कार्नी बताते हैं कि उनकी मां का अलेक्जेंडर की सफलता पर बड़ा प्रभाव था और उनके सत्ता-भूखे और रक्तपिपासु रवैये के कारण, यह अलेक्जेंडर को नेतृत्व करने का तरीका विरासत में मिला होगा और, ब्रुक एलन, एक समीक्षकों द्वारा प्रशंसित लेखिका (द वॉल स्ट्रीट जर्नल जैसे प्रमुख शीर्षकों के लिए) , द अटलांटिक और द न्यूयॉर्क टाइम्स) का कहना है कि युवावस्था के दौरान वह एक ‘निर्दयी, महत्वाकांक्षी, आत्म-केंद्रित व्यक्ति’ था और वयस्कता के करीब आते-आते वह अपनी महत्वाकांक्षा के प्रति निर्दयतापूर्वक समर्पित, उस विश्वास के प्रति दृढ़ व्यक्ति बन गया। अजेय. अलेक्जेंडर का खुद को अजेय मानने का विचार संभवतः उसकी मां के इस झूठ से आया होगा कि उसने ओलंपियन देवताओं के शासक ज़ीउस-अम्मोन को फिलिप द्वितीय, उसके जैविक पिता के बजाय उसके पिता होने की बात कही थी। इस विश्वास के माध्यम से, उनकी मानसिकता अनिवार्य रूप से इस विश्वास के तहत स्थापित की गई थी कि वह एक ईश्वर के पुत्र थे, (पृथ्वी पर चलने वाले एक शाब्दिक देवता नहीं, क्योंकि यह धारणा उन यूनानियों के लिए उन्मादपूर्ण होगी जो उनके बारे में जानते थे) क्योंकि उन्होंने खुद को ईश्वर तुल्य के रूप में प्रस्तुत किया था। विरोधियों पर उसने विजय प्राप्त की थी, जिनके लिए यह धारणा इतनी अनोखी नहीं रही होगी।
Annual exam | CLASS 11TH 2023-25 |
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