BSEB Class 11th October Monthly exam 2024- History Question paper with answer कक्षा 11वीं अक्टूबर मासिक परीक्षा 2024– :- इस पोस्ट में बिहार बोर्ड से आयोजित मासिक परीक्षा 2024-26 का प्रश्न पत्र दिया गया है । यदि आप भी बिहार बोर्ड से इंटर बोर्ड परीक्षा 2026 में देंगे । तो आपके लिये स्कूल स्तर पर Monthly exam 2024-26 का आयोजन 17 अक्टूबर से 24 अक्टूबर तक हो रहा है । आपके मासिक परीक्षा के इतिहास विषय का अरिजनल प्रश्न पत्र उत्तर के साथ दिया गया है । इस पोस्ट के माध्यम से बिहार बोर्ड 11th मासिक परीक्षा 2024-26 के इतिहास विषय का प्रश्न पत्र उत्तर के साथ डाउनलोड कर सकते है ।
BSEB Class 11th October Monthly exam History Question Paper With Answer
इस पोस्ट के माध्यम से मासिक परीक्षा के इतिहास विषय के प्रश्न पत्र का PDF डाउनलोड कर सकते है । इसके साथ-साथ Objective और Subjective प्रश्नों का उत्तर भी डाउनलोड कर सकते है।
BSEB Class 11th October मासिक परीक्षा 2024- EXAM CENTRE
इस परीक्षा का आयोजन आपके विद्यालय के स्तर पर होगा। अर्थात की जिस भी विद्यालय में आपका नामांकन है। उसी में जाकर आपको परीक्षा देना पड़ेगा |
Admit Card Of 11th October Monthly exam 2024-26
इस परीक्षा के लिए बिहार बोर्ड के तरफ से कोई भी ऑफिशियल एडमिट कार्ड जारी नहीं किया जाएगा। क्योंकि यह आपके विद्यालय के स्तर पर आयोजित होने वाला एकमात्र आंतरिक जांच परीक्षा है।
प्रश्न पत्र कहां से आएगा ?
कक्षा इंटर के मासिक परीक्षा का प्रश्न पत्र बिहार विद्यालय परीक्षा समिति तैयार करके भेजेगा उसके साथ साथ उत्तर पुस्तिका भी बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ही तैयार करके भेजेगा।
कॉपी का जांच कहां होगा ?
कक्षा इंटर के मासिक परीक्षा के कॉपी का मूल्यांकन आपके विद्यालय के स्तर पर ही होगा।
11th October Monthly exam 2024 History Question Paper
CLASS 11TH | October Monthly exam |
SESSION | 2024-26 |
SUBJECT/CODE | History – 321 |
EXAM DATE | 23/10/2024 |
SITTING | 1ST SHIFT |
TIME | 10:00-11:30 AM |
BSEB Class 11th October Monthly exam History Objective Answer Key –
Q.N. | ANS | Q.N. | ANS |
1. | B | 16. | B |
2. | D | 17. | C |
3. | C | 18. | C |
4. | D | 19. | A |
5. | D | 20. | C |
6. | C | 21. | D |
7. | B | 22. | C |
8. | A | 23. | C |
9. | A | 24. | A |
10. | C | 25. | B |
11. | A | 26. | C |
12. | C | 27. | B |
13. | C | 28. | B |
14. | C | 29. | D |
15. | D | 30. | A |
11th October Monthly exam History Subjective Question Download Link –
नीचे दिए गए लिंक से आप सब्जेक्टिव प्रश्न का उत्तर पीडीएफ़ फॉर्मेट में डाउनलोड कर सकते है ।
नोट- यह प्रश्नपत्र और उत्तर 11th के अक्टूबर मासिक परीक्षा 2024 का है । History Question Paper
लघु उत्तरीय प्रश्न / Short Answer Type Questions
प्रश्न संख्या 1 से 10 तक लघु उत्तरीय हैं। किन्हीं 5 प्रश्नों के उत्तर दें। प्रत्येक के लिए 2 अंक निर्धारित है. । 5 x 2 = 10
1. धर्मयुद्धों के दो कारणों को लिखें ।
उत्तर- मुसलमानों और ईसाइयों के बीच पवित्र स्थलों पर अपना नियंत्रण सुरक्षित करने के लिए धार्मिक युद्धों की एक श्रृंखला को धर्मयुद्ध के रूप में जाना जाता है। धर्मयुद्धों के दो कारण ये थे:-मध्य पूर्व में ईसाई धर्म के लिए पवित्र भूमि को फिर से हासिल करना और मुस्लिम राज्यों के विस्तार को रोकना |
3. मंगोलों के लिए व्यापार क्यों महत्वपूर्ण था ?
उत्तर- स्टेपी क्षेत्रों में संसाधनों की कमी के कारण मंगोलों और मध्य-एशियाई यायावरों को व्यापार और वस्तु-विनिमय के लिए उनके पड़ोसी चीनवासियों के पास जाना पड़ता था। यह व्यवस्था दोनों पक्षों के लिए लाभकारी थी। यायावर कबीलेवासी खेती से प्राप्त उत्पादों और लोहे के उपकरणों को चीन से लाते थे और घोड़े, फ़र व स्टेपी में पकड़े गए शिकार का विनिमय करते थे। उन्हें वाणिज्यिक क्रियाकलापों में काफी तनाव का सामना करना पड़ता था। इसका कारण यह था कि दोनों पक्ष अधिकाधिक लाभ कमाना चाहते थे। जलवायु के अत्यधिक ठंडा या गरम होने के कारण स्टेपी प्रदेशों में खेती करना केवल कुछ ही ऋतुओं में संभव था, परंतु मंगोलों ने सुदूर पश्चिम के तुर्की के विपरीत कृषि कार्य नहीं किया। इसलिए खाद्य उत्पादों तथा लोहे के उपकरणों के लिए उन्हें चीन जाना पड़ता था। इस प्रकार एक पशुपालक और आखेटक । समाज का जीन व्यापार के अभाव में असंभव था।
4. खानाबदोश जातियों द्वारा स्थापित दो साम्राज्यों के नाम लिखें ।
उत्तर – मंगोलों के नेतृत्व वाली खानते जैसे कि उत्तरी युआन राजवंश और दज़ुंगर खानते भी खानाबदोश साम्राज्य थे।
5. “यास’ क्या था ? इसकी उपयोगिता का वर्णन करें।
उत्तर- ‘यास’ को चंगेज खान की विधिसंहिता कहा जाता है। इस बात की पूरी सम्भावना है कि ‘यास मंगोल जाति की ही प्रथागत परम्पराओं का एक संकलन था। यास मंगोलों को समान आस्था रखने के आधार पर संयुक्त करने में सफल हुआ। यास ने मंगोलों को आत्मविश्वास प्रदान किया। निश्चित रूप से यास एक शक्तिशाली सिद्धान्त था जिसने मंगोल साम्राज्य की संरचना में अहम् भूमिका निभाई थी।
6. “किरिलताई’ का क्या महत्व था ?
उत्तर- कुरिललाई मंगोलियाई या तुर्किक कुलों की एक सभा है, जिसे कभी-कभी अंग्रेजी में “आदिवासी परिषद” कहा जाता है। आम तौर पर, एक कुरल्टीई (या कुर्लिताई) एक प्रमुख खान या चयन शुरू करने जैसे बड़े राजनीतिक या सैन्य निर्णय लेने के उद्देश्य से मिलेंगे। आम तौर पर, भयावह मंगोल और तुर्किक लोग स्टेपपे-भूमि में बिखरे रहते थे, इसलिए यह एक महत्वपूर्ण मौका था जब एक कुरल्टीई के लिए एक प्रमुख बुलाया जाता था और आम तौर पर लंबे युद्ध के बाद बड़ी विचार-विमर्श, घोषणाओं या जीत के जश्न के लिए आरक्षित था।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न / Long Answer Type Questions
प्रश्न संख्या 11 से 15 तक दीर्घ उत्तरीय हैं। किन्हीं 3 प्रश्नों के उत्तर दें। प्रत्येक के लिए 5 अंक निर्धारित है । 3 x 5 = 15
11. धर्मयुद्धों के प्रभावों का वर्णन करें ।
उत्तर- धर्मयुद्धों का पश्चिमी यूरोप पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ा। उन्होंने राजाओं के अधिकार को बढ़ाकर सामंतवाद को समाप्त करने में मदद की। युद्ध में बिना कोई वारिस छोड़े मारे गए कुलीनों की ज़मीन राजा को दे दी जाती थी। कुछ कुलीनों ने धर्मयुद्ध की लागत की भरपाई के लिए राजा द्वारा लगाए गए विशेष कर का भुगतान करने के लिए पैसे जुटाने के लिए अपनी ज़मीन बेच दी। कुछ रईसों ने कवच और हथियार खरीदने के लिए धन जुटाने के प्रयास में अपने दासों को अपनी स्वतंत्रता खरीदने का मौका दिया। जो दास अपनी स्वतंत्रता खरीद सकते थे, वे धर्मयुद्ध में शामिल हो गए। कम श्रमिकों के साथ, खेत विफल हो गए और उन्हें राजा को सौंप दिया गया।
12. चंगेज़ खान की उपलब्धियों का वर्णन करें ।
उत्तर- चंगेज खान ने मंगोल पठार से खानाबदोश जनजातियों को अपने साथ मिला कर मध्य एशिया और चीन के विशाल क्षेत्रों पर विजय प्राप्त की। फिर, उसके वंशजों ने साम्राज्य का और विस्तार किया और पोलैंड, वियतनाम, सीरिया और कोरिया जैसे दूर-दराज के क्षेत्रों पर विजय प्राप्त की। अपनी सैन्य उपलब्धियों से परे, चंगेज खान ने मंगोल साम्राज्य को अन्य तरीकों से भी उन्नत किया। उसने मंगोल साम्राज्य की लेखन प्रणाली के रूप में उईघुर लिपि को अपनाने की घोषणा की। उसने मंगोल साम्राज्य में धार्मिक सहिष्णुता को प्रोत्साहित किया, और पूर्वोत्तर एशिया की अन्य जनजातियों को एकजुट किया।
13. कुबलई खान की उपलब्धियों का मूल्यांकन करें ।
उत्तर- चंगेज खान के पोते कुबलई खान मंगोल और चीनी इतिहास में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति थे। उनकी उपलब्धियों का सारांश इस प्रकार दिया जा सकता है:
- आर्थिक विकास : कुबलई के शासन में चीन की अर्थव्यवस्था में तेजी से विकास हुआ। उन्होंने सड़कों और नहरों जैसे बुनियादी ढांचे में सुधार किया, जिससे व्यापार में सुविधा हुई। उन्होंने कर सुधार भी लागू किए जिससे राजस्व संग्रह में वृद्धि हुई।
- युआन राजवंश की स्थापना : 1271 में कुबलई खान ने चीन में युआन राजवंश की स्थापना की, जो पहली बार था कि पूरे देश पर किसी विदेशी शक्ति का शासन था। यह राजवंश 1368 तक चला।
- शक्ति का समेकन : कुबलाई ने मंगोल जनजातियों को सफलतापूर्वक एकीकृत किया और मंगोल साम्राज्य का चीन तक विस्तार किया, जिससे मंगोलों के महान खान के रूप में उनकी स्थिति सुरक्षित हो गई।
- सांस्कृतिक आदान-प्रदान और एकीकरण : कुबलई खान ने सांस्कृतिक आदान-प्रदान की नीति को बढ़ावा दिया, पूर्व और पश्चिम के बीच व्यापार और बातचीत को प्रोत्साहित किया। उन्होंने मार्को पोलो जैसे विदेशी आगंतुकों का स्वागत किया, जिन्होंने उनके दरबार और युग के बारे में मूल्यवान जानकारी दी।
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Bipin kumar
Sahil please jaldi answer upload kar na hi