कक्षा 10वीं अक्टूबर मासिक परीक्षा 2024 – संस्कृत विषय का प्रश्नपत्र उत्तर सहित- 10th monthly exam October 2024- Sanskrit question paper with answer:- इस पोस्ट में बिहार बोर्ड से आयोजित मासिक परीक्षा (अक्टूबर) 2024 का प्रश्न पत्र दिया गया है । यदि आप भी बिहार बोर्ड से मैट्रिक बोर्ड परीक्षा 2025 में देंगे । तो आपके लिये स्कूल स्तर पर monthly exam October 2024 का आयोजन 21 अक्टूबर से 23 अक्टूबर तक हो रहा है । आपके मासिक परीक्षा (अक्टूबर) के संस्कृत विषय का अरिजनल प्रश्न पत्र उत्तर के साथ दिया गया है । इस पोस्ट के माध्यम से बिहार बोर्ड 10th मासिक परीक्षा (अक्टूबर) 2024 के संस्कृत विषय का प्रश्न पत्र उत्तर के साथ डाउनलोड कर सकते है ।
Bihar Board Class 10 Monthly Exam October Sanskrit Question Paper With Answer
इस पोस्ट के माध्यम से मासिक परीक्षा (अक्टूबर) के संस्कृत विषय के प्रश्न पत्र का PDF डाउनलोड कर सकते है । इसके साथ-साथ Objective और Subjective प्रश्नों का उत्तर भी डाउनलोड कर सकते है ।
10th Monthly Exam October 2024- EXAM CENTER
इस परीक्षा का आयोजन आपके विद्यालय के स्तर पर होगा। अर्थात की जिस भी विद्यालय में आपका नामांकन है। उसी में जाकर आपको परीक्षा देना पड़ेगा ।
Admit Card Of 10th Monthly Exam October 2024
इस परीक्षा के लिए बिहार बोर्ड के तरफ से कोई भी ऑफिशियल एडमिट कार्ड जारी नहीं किया जाएगा। क्योंकि यह आपके विद्यालय के स्तर पर आयोजित होने वाला एकमात्र आंतरिक जांच परीक्षा है।
प्रश्न पत्र कहां से आएगा ?
कक्षा 10th के मासिक परीक्षा (अक्टूबर) 2024 का प्रश्न पत्र आपके विद्यालय में तक पढ़ाए गए पाठ से प्रश्न आएगा
कॉपी का जांच कहां होगा ?
कक्षा 10th के मासिक परीक्षा के कॉपी का मूल्यांकन आपके विद्यालय के स्तर पर ही होगा।
CLASS 10 Monthly Exam October 2024 Sanskrit Question Paper
CLASS 10th | Monthly Exam October 2024 |
SESSION | 2024-25 |
SUBJECT/CODE | Sanskrit |
EXAM DATE | 21/10/2024 |
SITTING | 2ND SHIFT |
TIME | 12.00 pM-o1.30 pM |
BSEB Class 10 Monthly Exam October 2024 Sanskrit Objective Answer Key –
Q.N. | ANS | Q.N. | ANS |
1. | B | 16. | C |
2. | C | 17. | A |
3. | C | 18. | B |
4. | C | 19. | A |
5. | B | 20. | C |
6. | A | 21. | A |
7. | C | 22. | B |
8. | A | 23. | A |
9. | B | 24. | B |
10. | B | 25. | D |
11. | B | 26. | B |
12. | B | 27. | D |
13. | B | 28. | A |
14. | B | 29. | B |
15. | C | 30. | B |
10th Monthly Exam October Sanskrit Subjective Question Download Link –
नीचे दिए गए लिंक से आप सब्जेक्टिव प्रश्न का उत्तर पीडीएफ़ फॉर्मेट में डाउनलोड कर सकते है ।
नोट- यह प्रश्नपत्र और उत्तर 10thके मासिक परीक्षा (अक्टूबर) 2024 का है । Sanskrit Question Paper
विषयनिष्ठ प्रश्न
(लघु उत्तरीय प्रश्न )
प्रश्न संख्या 1 से 10 तक लघु उत्तरीय प्रश्न हैं। किन्हीं 5 प्रश्नों के उत्तर दें। प्रत्येक प्रश्न के लिए 2 अंक निर्धारित है ।
1. आर्य समाज संस्था का क्या उद्देश्य है ?
उत्तर -आर्य समाज की स्थापना का मुख्य उद्देश्य भारतीय समाज को एक नई शिक्षा प्रदान करना है। इसके द्वारा दोष युक्त शिक्षा को दूर करने के लिए नई शिक्षा पद्धति को लागू किया गया। अंधविश्वास एवं शिक्षा की अज्ञानता को दूर किया गया । वर्तमान शिक्षा पद्धति और समाज के प्रवर्तन में स्वामी दयानंद सरस्वती और आर्य समाज का योगदान सराहनीय है।
2. मन्दाकिनी के जल में कैसे ऋषिगण स्नान कर रहे हैं ?
उत्तर- जटा और मुकुट धारण करने वाले तथा वृक्ष की छाल को वस्त्र के रूप में धारण करने वाले ऋषिगण मन्दाकिनी नदी के जल में स्नान कर रहे हैं |
3. स्वामी दयानन्द के मन में मूर्तिपूजा के प्रति अनास्था क्यों उत्पन्न हो गई ?
उत्तर- स्वामी दयानंद के माता-पिता भगवान शिव के उपासक थे। महाशिवरात्रि पूजा उनके घर में विशेष रूप से मनाई जाती थी। एक बार महाशिवरात्रि के दिन इन्होंने देखा कि एक चूहा भगवान शंकर की मूर्ति के ऊपर चढ़कर चढ़ाए हुए प्रसाद को खा रहा है। इससे उन्हें विश्वास हो गया कि मूर्ति में भगवान नहीं होते। इस प्रकार में मूर्ति पूजा के विरोधी हो गए।
4. रात्रि जागरण को छोड़कर मूलशंकर कहाँ गए ?
उत्तर- रात्रि जागरण को छोड़कर मूलशंकर घर गए |
5. स्वामी दयानन्द का जन्म कहाँ हुआ था ?
उत्तर- स्वामी जी का जन्म गुजरात प्रदेश के ‘टंकरा‘ नामक गाँव में 1824 ई0 हुआ था।
(लघु उत्तरीय प्रश्न )
प्रश्न संख्या 11 से 15 तक दीर्घ उत्तरीय प्रश्न हैं। किन्हीं 3 प्रश्नों के उत्तर दें। प्रत्येक प्रश्न के लिए 5 अंक निर्धारित है।
11. आधुनिक शिक्षा के लिए स्वामी दयानन्द के अनुयायियों ने क्या किया ?
उत्तर- स्वामी दयानंद ने प्राचीन शिक्षा पद्धति के दोषों को उजागर किया। वैदिक धर्म सत्यार्थ प्रकाश की रचना कर भारतवासियों को एक नई शिक्षा नीति की ओर प्रेरित किया | 1875 में उन्होंने मुंबई में आर्य समाज नामक संस्था की स्थापना की | जिसके अंतर्गत ही आज डी ० ए० वी० नाम के विद्यालयों का संचालन होता है। वर्तमान शिक्षा पद्धति और समाज के परिवर्तन में दयानंद और आर्य समाज का योगदान और स्मरणीय है।
12. ‘पाटलिपुत्रम्’ विषय पर सात बाक्यों में संस्कृत में एक अनुच्छेद लिखें ।
उत्तर- बिहारराज्यस्य राजधानीनगरं पाटलिपुत्रं सर्वेषु कालेषु महत्वमधारयत्।अस्येतिहासः सार्धसह–स्रद्वयवर्षपरिमितः वर्तते। अत्र धार्मिकक्षेत्रं राजनीतिक्षेत्रम् उद्योगक्षेत्रं च विशेषेण ध्यानाकर्षकम्। वैदेशिकाः यात्रिणः मेगास्थनीज-फाह्यानहुयेनसांग-इत्सिंगप्रभृतयः पाटलीपुत्रस्य वर्णनं स्व-स्व संस्मरणग्रन्थेषु चक्रुः। पाठेऽस्मिन् पाटलिपु–त्रवैभवस्य सामान्यः परिचयो वर्तते। नगरेस्मिन् उत्कृष्टः संग्रहालयः, उच्चन्यायालयः, सचिवालयः, गोलगृहम्, तारामण्डलम्, जैविकोद्यानम्, मौर्यकालिकः अवशेषः, महावीरमन्दिरम् – इत्येते दर्शनीयाः सन्ति । प्राचीनपटनानगरे सिखसम्प्रदायस्य पूजनीयं स्थलं दशमगुरोः गोविन्दसिंहस्य जन्मस्थानं गुरूद्वारेति नाम्ना प्रसिद्धं वर्तते । तत्र देशस्यास्य तीर्थयात्रिणः दर्शनार्थमायन्ति ।
13. पठित पाठ से किसी एक पद्य को शुद्ध शुद्ध अर्थ सहित लिखें।
उतर- हिरण्मयेन पात्रेण सत्यस्यापिहितं मुखम् । तत्वम् पूषन्नपावृणु सत्यधर्माय दृष्टये ।।
अर्थ- हे प्रभु ! सत्य का मुख सोने जैसा आवरण से ढ़का हुआ है, सत्य धर्म की प्राप्ति के लिए उस आवरण को हटा दें ।
व्याख्या- प्रस्तुत श्लोक ‘ईशावास्य उपनिषद्‘ से संकलित तथा मङ्गलम पाठ से उद्धृत है। इसमें सत्य के विषय में कहा गया है कि सांसारिक मोह-माया के कारण विद्वान भी उस सत्य की प्राप्ति नहीं कर पाते हैं, क्योंकि सांसारिक चकाचैंध में वह सत्य इस प्रकार ढ़क जाता है कि मनुष्य जीवन भर अनावश्यक भटकता रहता है। इसलिए ईश्वर से प्रार्थना की गई है कि हे प्रभु ! उस माया से मन को हटा दो ताकि परमपिता परमेश्वर को प्राप्त कर सके।
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