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कक्षा 9वीं से 12वीं तक का बदल गया सिलेबस – नया सिलेबस देखें

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By arcarrierpoint

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कक्षा 9वीं से 12वीं तक का बदल गया सिलेबस - नया सिलेबस देखें:-शैक्षणिक सत्र 2025-26 से कक्षा 9 से 12वीं तक का सिलेबस

कक्षा 9वीं से 12वीं तक का बदल गया सिलेबस – नया सिलेबस देखें:-शैक्षणिक सत्र 2025-26 से कक्षा 9 से 12वीं तक का सिलेबस पूरी तरह बदलने जा रहा है। एनसीईआरटी ने पहले ही कक्षा 1 से 8 तक के नए सिलेबस को लागू कर दिया था, अब बारी है उच्च कक्षाओं की। इस बदलाव का मकसद है – छात्रों को रटने की बजाय समझने और सीखने पर ज़ोर देना।

शैक्षणिक सत्र 2025-26 से कक्षा 9 से 12वीं तक की किताबें बदल जाएंगी। एनसीईआरटी सभी विषयों का नया सिलेबस तैयार कर रहा है। सभी विषयों का सिलेबस नए पैटर्न पर होगा।

इससे पहले पिछले दो सत्र में पहली से 8वीं तक की किताबें बदल गई हैं। 8वीं कक्षा के बच्चे नए पैटर्न की किताबें इस सत्र में पढ़ रहे हैं। ऐसे में अगले साल 9वीं कक्षा में नई किताबें मिलेंगी, तो वे आसानी से विषय को समझ सकेंगे। वहीं, 10वीं से 12वीं तक के बच्चों को स्कूलों में ब्रिज कोर्स कराया जाएगा।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधानों के अनुसार स्कूली शिक्षा में बदलाव की प्रक्रिया चल रही है। इसमें एक्टिविटी के साथ ही ग्राफिक्स के जरिए सिखाने पर जोर दिया गया है। सभी नई किताबें स्कूली शिक्षा के लिए बनाए गए नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (एनसीएफ-एसई) के आधार पर तैयार की गई हैं।

सेशन 2026-27 शुरू होने से पहले कक्षा 9वीं से 12वीं तक की नई किताबें उपलब्ध करा दी जाएंगी। एनसीईआरटी अब 9वीं, 10वीं, 11वीं और 12वीं कक्षा के सभी विषयों के लिए किताबें तैयार करने में जुटा है।

एनसीईआरटी की ओर से कहा गया है कि कक्षा 9वीं से 12वीं तक की किताबें अगले वर्ष फरवरी से जुलाई के बीच उपलब्ध हो जाएंगी। सीनियर लेवल की की किताबें आने की टाइमलाइन तय की गई है। 9वीं और 11वीं की ज्यादातर किताबें फरवरी 2026 तक लाने का लक्ष्य रखा गया है। वहीं, 10वीं व 12वीं की सभी किताबें जुलाई तक आ जाएंगी। इसके साथ ही सत्र की शुरुआत में ही 10वीं से 12वीं तक के लिए ब्रिजकोर्स का सिलेबस जारी किया जाएगा, ताकि स्कूलों में बच्चों को तैयारी कराई जा सके।

एनसीईआरटी ने दो सत्र में बाल वाटिका से 8वीं तक की किताबें लागू की हैं। नए पैटर्न में एक्टिविटीज और ग्राफिक्स पर फोकस किया गया है, ताकि बच्चे विषय को आसानी से समझ सकें। सत्र 2024-25 में बाल वाटिका के साथ ही कक्षा 1, 2, 3 व 6 की नई किताबें जारी की गई थीं। इसके बाद सत्र 2025-26 में कक्षा 4, 5, 7 और 8 की नई किताबें लाई गई हैं। नई किताबों में कंटेंट को कम किया गया है। विज्ञान और गणित में एक्टिविटी के माध्यम से कठिन से कठिन विषयों को समझाने का प्रयास किया गया है।

पुराने पैटर्न से नए सिलेबस की किताबों से पढ़ाई करवाने से पहले एनसीईआरटी छात्रों के लिए ब्रिज कोर्स भी तैयार करता है। सीनियर सेकेंडरी लेवल पर अगले साल 11वीं कक्षा में जाने वाले छात्रों को 6 हफ्ते का ब्रिज कोर्स करना होगा। 9वीं के छात्रों को ब्रिज कोर्स करने की जरूरत नहीं होगी। वहीं, 10वीं व 12वीं के छात्रों को नए सिलेबस की पढ़ाई से पहले ब्रिज कोर्स करना होगा।

ब्रिज कोर्स का मकसद छात्रों को नई शिक्षा नीति के बारे में जानकारी देना और उन्हें अगली कक्षा में जाने के लिए तैयार करना है। इसके लिए बुकलेट आती है, जिसमें नई किताब के कंटेंट के बारे में बताया जाता है।

एनसीईआरटी द्वारा जारी किया जा रहा नया सिलेबस राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अनुरूप है। नई शिक्षा नीति के अनुसार, शिक्षा प्रणाली को अधिक लचीला, व्यावहारिक और कौशल आधारित बनाया जा रहा है ताकि छात्रों को वास्तविक जीवन की परिस्थितियों के लिए तैयार किया जा सके।

अब ध्यान केवल किताबों में लिखे तथ्यों को याद करने पर नहीं, बल्कि सीखने, समझने, सोचने और विश्लेषण करने की क्षमता पर दिया जाएगा।

कक्षासत्रसिलेबस स्थिति
1 से 8 तक2023–24 सेनया सिलेबस पहले से लागू
9 से 12 तक2025–26 सेनया सिलेबस लागू होगा

इस प्रकार, 2025-26 से देशभर के स्कूलों में कक्षा 9वीं, 10वीं, 11वीं और 12वीं के छात्रों के लिए नई पाठ्यपुस्तकें और नए विषय अध्याय देखने को मिलेंगे।

एनसीईआरटी के विशेषज्ञों ने बताया कि नया सिलेबस पूरी तरह छात्र-केंद्रित (Student-Centric) होगा। इसमें मुख्य रूप से तीन बातों पर फोकस किया गया है:

  1. समझ और अनुप्रयोग पर ज़ोर – अब छात्रों से केवल रटना नहीं बल्कि “क्यों” और “कैसे” के जवाब पूछे जाएंगे।
  2. प्रोजेक्ट और गतिविधि आधारित शिक्षण (Activity Based Learning) – प्रत्येक विषय में प्रोजेक्ट और समूह कार्य बढ़ाए जाएंगे।
  3. स्थानीय और राष्ट्रीय विषयों का संतुलन – छात्रों को अपने राज्य, संस्कृति और पर्यावरण से जोड़ने वाले विषय शामिल होंगे।

एन सीई आर टी का कहना है कि नया सिलेबस बच्चों में रचनात्मक सोच (Creative Thinking), संचार कौशल (Communication Skills) और जीवन कौशल (Life Skills) को विकसित करेगा।
इस बदलाव से परीक्षा प्रणाली में भी सुधार होगा – अब परीक्षा केवल अंकों का मूल्यांकन नहीं बल्कि सीखने के स्तर का मापन करेगी।

नए सिलेबस के अनुसार फरवरी से जुलाई 2026 के बीच सभी विषयों की नई किताबें छात्रों तक पहुँच जाएंगी।
एनसीईआरटी और सीबीएसई (CBSE) मिलकर इन किताबों को तैयार कर रहे हैं, और इन्हें डिजिटल फॉर्म में ePathshala और Diksha ऐप पर भी उपलब्ध कराया जाएगा।

  • रटना कम, समझना ज़्यादा
  • प्रोजेक्ट और गतिविधियों से सीखना
  • भविष्य की प्रतिस्पर्धा के लिए तैयारी
  • शिक्षा में तनाव कम होगा
  • नई सोच और नवाचार को बढ़ावा

अब शिक्षकों की भूमिका केवल “पढ़ाने” की नहीं, बल्कि “सीखने का मार्गदर्शन करने” की होगी।
उन्हें नई पद्धति पर आधारित प्रशिक्षण (Teacher Training) दिया जाएगा ताकि वे छात्रों को गतिविधि आधारित शिक्षण में सक्षम बना सकें।

कुल मिलाकर, सत्र 2025-26 का नया सिलेबस शिक्षा जगत में बड़ा परिवर्तन लाने वाला है।
अब छात्रों को सिर्फ परीक्षा पास करने के लिए नहीं, बल्कि सीखने और समझने के लिए पढ़ाया जाएगा।
नई शिक्षा नीति 2020 के तहत यह कदम भारत की शिक्षा प्रणाली को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अधिक प्रभावशाली बनाएगा।

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यह वेबसाइट Sumit Sir के निर्देशन में संचालित है। इस बेवसाइट पर सही और सटीक जानकारी सबसे पहले उपलब्ध कराया जाता है। सुमित सर के पास पिछले पांच साल से ऑनलाइन और ऑफलाइन पढाने का अनुभव है। धन्यवाद।

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