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हिन्दी माध्यम और सरकारी स्कूल के बच्चे भी बन रहे हैं बीपीएससी टॉपर

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By arcarrierpoint

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हिन्दी माध्यम और सरकारी स्कूल के बच्चे भी बन रहे हैं बीपीएससी टॉपर

हिन्दी माध्यम और सरकारी स्कूल के बच्चे भी बन रहे हैं बीपीएससी टॉपर:-बीपीएससी के अब तक के इतिहास में पहली बार टॉप 10 में आए सभी अभ्यर्थी हिंदी मीडियम के हैं। 10 साल पहले सिर्फ एक टॉपर हिंदी मीडियम से हुआ था। बीपीएससी के रिजल्ट में अब तक अंग्रेजी का ही दबदबा रहा है। परिणाम आने के बाद इस बार बीपीएससी का ट्रेंड बदला नजर आ रहा है।

पिछले कुछ सालों की बात करें तो बीपीएससी और यूपीएससी में बिहार के हिंदी मीडियम के छात्र का स्थान सबसे पीछे रहता था। टॉपरों का कहना है कि इस बार 69 वीं बीपीएससी में कम सीटें होने के कारण ज्यादातर लोगों ने अप्लाई नहीं किया। इसके अलावा हिंदी में खुद से सोच कर निबंध लिखने के कारण हिंदी मीडियम के छात्रों को काफी आसानी हुई है जिस वजह से इस बार टॉपर में सबसे अधिक हिंदी मीडियम के छात्र शामिल हैं। बता दें कि टॉप 10 में इस बार मात्र एक महिला उम्मीदवार कृति कुमारी ने भी अपनी जगह बनाई है। वही टॉप 10 में शामिल पांच अभ्यर्थी विभिन्न विभागों में कार्यरत रहने के दौरान अपनी पढ़ाई जारी रखकर टॉपर में जगह बनाई है।

चाणक्य आईएएस एकेडमी के रीजनल हेड और एक्सपर्ट कृष्णा सिंह ने बताया कि हिंदी मीडियम के अच्छे रिजल्ट होने के कारण ही उनके संस्थान के भी दो छात्र टॉपर लिस्ट में शामिल हैं। उन्होंने बताया कि विगत पांच वर्षों में बीपीएससी की परीक्षाएं नियमित रूप से आयोजित हो रही हैं, एवं बड़े पैमाने पर बहाली हुई है। इस वजह से बीपीएससी को टारगेट करके तैयारी करने वाले विद्यार्थियों की संख्या काफी बढ़ी है। चूंकि बीपीएससी की परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों में हिन्दी भाषी क्षेत्र के विद्यार्थी शामिल होते हैं।

अतः हिन्दी माध्यम से परीक्षा देने वाले काफी बड़ी संख्या को ध्यान में रखकर कोचिंग संस्थान एवं अन्य सहायता समूह लगातार हिन्दी माध्यम के विद्यार्थियों की तैयारी में सहूलियत को ध्यान में रखकर बड़े पैमाने पर उत्कृष्ट पठन सामग्री, पठन प्रकिया एवं पठन विश्लेषण पर काम कर रही है। इसी के कारण आज हिन्दी माध्यम में भी तैयारी विद्यार्थियों को किसी प्रकार की अध्ययन सामग्री और संसाधन कोई कमी नहीं हो रही और इसका परिणाम है कि हिन्दी माध्यम का रिजल्ट लगातार बहुत अच्छा होता जा रहा है।

इसलिए विद्यार्थियों को सहूलियतों का अभाव नहीं झेलना पड़ रहा है। बल्कि काफी अच्छी स्थित हो चुकी है चुकी परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों में हिन्दी माध्यम की संख्या अधिक है इसलिए धीरे-धीरे हिन्दी माध्यम का रिजल्ट सुधर रहा है। और भी सुधरेगा एसी ही स्थिति यूपीएससी में भी देखने को मिल रही है जहाँ कि हालाकि संख्या और रैंक अपेक्षाकृत काफी कम है परन्तु रिजल्ट में उत्तरोतर सुधार हो रहा है और होते रहने की संभावना है।

बीपीएससी परीक्षा के एक्सपर्ट चन्द्रशिव कुमार ने बताया कि बीपीएससी में जो नया पैटर्न अपनाया है कि ऑप्शनल को भी क्वालीफाइंग मार्क्स बना दिया है जिस वजह से छात्रों को काफी फायदा हुआ है। इसके अलावा हिंदी मीडियम के छात्रों के लिए सबसे बड़ा फायदा यह हुआ है कि निबंध में कुछ सेक्शन को ऐसा जोड़ा गया है कि छात्र सिर्फ रट कर परीक्षा नहीं दे सकते हैं। निबंध को वही लिख सकता है जिसे खुद के अंदर से सेल्फ लिखने की क्षमता हो।

जिसका फायदा हिंदी मीडियम वाले छात्रों ने यहां पर उठाया है। यूपीएससी को भी यह अपनाना चाहिए। उन्होंने बताया कि 69वीं मेंस के रिजल्ट के बाद बहुत सारे छात्रों ने यह आरोप लगाया था कि आयोग के द्वारा हिंदी मीडियम के छात्रों का भी कॉपी इंग्लिश मीडियम के शिक्षकों से चेक करवाया गया है जिस वजह से वह फेल हुए हैं। इस बार जो रिजल्ट जारी हुआ है इसे स्पष्ट होता है कि हिंदी मीडियम वाले छात्रों में जो निराशा भरी थी वह अब दूर हो जाएगी।

बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 69वीं का परिणाम जारी हो गया, परीक्षाओं में हिंदी का बोलबाला रहा है. 10 वर्षों के बाद हिंदी माध्यम से ही सभी शीर्ष पर रहे हैं. शीर्ष 10 में शामिल सभी उम्मीदवारी ने न सिर्फ हिंदी माध्यम से परीक्षा दी है बल्कि इन सभी की स्कूली शिक्षा सरकारी स्कूल में हुई है. शीर्ष उम्मीदवारों का साक्षात्कार माध्यम भी हिंदी राहत, बीपीएससी के शीर्ष तीन उम्मीदवार बीटेक हैं, लेकिन उन्होंने अपनी परीक्षा हिंदी में वी.

छठी वरीयता प्राप्त करने वाली क्रांति ने केवल 12वीं सीबीएछ चोर्ड से की, जबकि 10वीं की पढ़ाई भी इनकी हिंदी माध्यम से हुई, चौथे स्थान पर रहने वाले पवन कुमार काहते हैं कि शुरुआत से ही हिंदी पर यकड़ थी. समाने और लिखने में हिंदी सही थी. यही कारण रहा कि मुख्य परीक्षा मैंने हिंदी में लिखी थी. साक्षात्कार भी हिंदी में दिया. सबसे अच्छी बात यह रही कि यात्रां भाषा की लेकर कोई बंधन नहीं था. इस कारण परेशानी नहीं हुई चाहीं, 10वीं वरीयता प्राप्त वारने वाले नीरज कुमार ने कहा कि भाषा की लेकर डरने की जरूरत नहीं है. मुझे लिखित परीक्षा से लेकर साक्षात्कार तक में भाषा कहीं रूकावट नहीं राही.

69वी संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा के शीर्ष 10 में शामिल पांच अभ्यर्थियों ने नौकरी के साथ पढ़ाई जारी रखी, पहले स्थान घर रहे उज्ज्वल कुमार उपकर वैशाली जिले के प्रखंड कल्याण पदाधिकारी के पद घर कार्यरत हैं, तीसरा स्थान प्राप्त करने बाले शिवम तिवारी प्रयागराज के कौशांबी में समाज कल्याण विभाग में संविदा पर कोर्स को-ऑर्डिनेटर के पद पर कार्यरत हैं. पांचवां स्थान प्राप्त करने वाले विनीत आनंद रेलवे में तकनीशियन की नौकरी करते थे.

आठवां स्थान प्राप्त करने वाले राजन भारती राजगीर में दारोगा की ट्रेनिंग कर रहे थे. नौयां रैंक प्राप्त करने वाले चंदन कुमार पोस्टल डिपार्टमेंट, गया डिविजन में तैनात है. ये सभी नौकरी की जिम्मेदारियों के साथ-साथ पढ़ाई भी कर रहे थे. शीर्ष पर रहे अभ्यर्थियों ने कहा कि नौकरी के साथ-साथ चार-पाच घंटे नियमित पढ़ाई की जिसके बाद सफलता निली. टॉपरों का कहना है कि हिंदी माध्यम से भी पढ़ाई कर बीपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल की जा सकती है

रैंकनामऑनर्स विषय
1उज्वल कुमारबीटेक (एनआइ‌टी उत्तराखंड)
2सर्वेश कुमारबीटेक एन‌आइटी अगरतल्ला)
3शिवम तिवारीबीटेक (इलाहाबाद)
4पवन कुमारराजनीति विज्ञाना डीयू
5विनीत आनंदहिस्टी। डीए)
6क्रांति कुमारीकेमिस्ट्री। एसएसएलएनटी धनबाद)
7संदीप कुमार सिंहहिस्ट्री (कमला राय कॉलेज गोपालगंज)
8राजन भारतीभूगोल (घटना यूनिवर्सिटी)
9चंदन कुमारहिन्दी (मगध यूनिवर्सिटी)
10नीरज कुमारअर्थशगार (एएनएस कॉलेज बाद, एमयू)

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा शुरू दो प्रोत्साहन योजना का लाभ लेकर 37 अभ्यर्थी इस बार बीपीएससी में व्यनित हुए है. पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की ओर से मिलने वाले “मुख्यमंत्री अत्यंत पिछड़ा वर्ग सिविल सेवा प्रवाहन खेजना का लाभ लेने वाले 23 अभ्यर्थियों का चयन हुआ है, जिसमें टॉप- 10 में शामिल दो अभ्यर्थी काति कुमारी (छठा रैंक) और नीरज कुमार (10वीं रैंक) है.

इन सभी अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए योजना के तहत 50-50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी गयी थी, विभाग के मंत्री हरि सहनी व सचिव मनोज कुमार ने इनके बेहतर भविष्य की कामना की है, दूसरी ओर, महिला एवं बाल विकास निगम की और से मुख्यमंत्री नारी शक्ति योजना के तहत “सिविल सेवा प्रोत्सवहन राशि का लाभ लेकर 14 महिलाओं ने बीपीएससी में सफलता पायी है. इस योजना के तहत सामान्य, आर्थिक रूप से कमजोर व पिछड़ा वर्ग की महिलाओं को पीटी पास करने पर मुख्य परीक्षा के लिए 50-50 हजार की प्रोत्साहन राशि मिलती है.

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69वीं बीपीएससी का रिजल्ट जारी- यहाँ से देखें टॉपर लिस्ट और टॉपर की स्ट्रेटजी

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10 साल पहले हिंदी मीडियम10 साल पहले हिंदी मीडियम का एक अभ्यर्थी हुआ था टॉपरA r caarier pointa r carrier pointsumit sirअत्यंत पिछड़ा वर्ग के 23 और महिला वर्ग में 14 का बीपीएससी में हुआ है चयनबड़े पैमाने पर बहाली होने के कारणबड़े पैमाने पर बहाली होने के कारण अधिक उम्मीदवार हो रहे हैं शामिलबीपीएससी : सभी टॉपर सरकारी स्कूल में पढ़ेबीपीएससी के इतिहास में पहली बार हिंदी मीडियम से आए सभी 10 टॉपरबीपीएससी के नया पैटर्न के अनुसार ऑप्शनल को भी क्वालीफाइंग मार्क्स से लाभभाषा की लेकर डरने की जरूरत नहीं हैशीर्ष-10 में पांच अभ्यर्थी ने नौकरी के साथ पढ़ाई भी रखी जारीसीएम प्रोत्साहन योजना के 37 लाभुक चयनितहिंदी माध्यम से दी परीक्षाहिंदी मीडियम से आए सभी 10 टॉपरहिन्दी माध्यम और सरकारी स्कूल के बच्चे भी बन रहे हैं बीपीएससी टॉपर
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