तत्वों का आवर्त वर्गीकरण | कक्षा 10वीं विज्ञान | Pdf Notes in hindi
तत्त्वों का आवर्त वर्गीकरण
- अब तक 114 तत्वों की खोज हो चुकी है।
- वैज्ञानिकों ने तत्वों को उनके गुणधर्मों के आधार पर वर्गीकृत करने के लिए कई प्रयास किए हैं ताकि अव्यवस्थित को व्यवस्थित किया जा सके।
डॉबेराइनर के त्रिक
- जर्मन रसायनज्ञ, वुल्फगांग डॉबेराइनर ने तीन-तीन तत्वों वाले कुछ समूहों को चुना एवं उन समूहों को त्रिक कहा ।
- त्रिक के तीनों तत्वों को उनके परमाणु द्रव्यमान के आरोही क्रम में रखने पर बीच वाले तत्व का परमाणु द्रव्यमान, अन्य दो तत्वों के परमाणु द्रव्यमान का औसत होता है।
सारणी : डॉबेराइनर के त्रिक
Li | Ca | Cl |
Na | Sr | Br |
K | Br | I |
- त्रिक में वर्गीकृत करने की यह पद्धति सफल नहीं रही क्योंकि डॉबेराइनर उस समय ज्ञात तत्वों में केवल तीन त्रिक ही ज्ञात कर सके।
न्यूलैंड्स का अष्टक सिद्धांत
- अंग्रेज वैज्ञानिक जॉन न्यूलैंड्स ने ज्ञात तत्वों को परमाणु द्रव्यमान के अरोही क्रम में व्यवस्थित किया।
- न्यूलैंड्स ने पाया कि प्रत्येक आठवें तत्व का गुणधर्म पहले तत्व के समान है। उन्होंने इसकी तुलना संगीत के अष्टक से की और इसलिए उन्होंने इसे अष्टक का सिद्धांत कहा।
- न्यूलैंड्स का अष्टक सिद्धांत केवल हल्के तत्वों के लिए ही ठीक से लागू हो पाया।
मेंडेलीफ की आवर्त सारणी
- मेंडेलीफ का आवर्त नियम – तत्वों के गुणधर्म उनके उनके परमाणु द्रव्यमान का आवर्त फलन होते हैं।
- मेंडेलीफ ने तत्वों को उनके मूल गुणधर्म, परमाणु द्रव्यमान तथा रासायनिक गुणधर्मों में समानता के आधार पर व्यवस्थित किया।
- मेंडेलीफ की आवर्त सारणी में उर्ध्व स्तंभ को ‘ग्रुप’ (समूह) तथा क्षैतिज पंक्तियों को ‘पीरियड’ ( आवर्त ) कहते हैं।
मेंडलीफ की आवर्त सारणी की उपलब्धियाँ
- मेंडेलीफ ने अपनी आवर्त सारणी में कुछ रिक्त स्थान छोड़ दिए और इनसे संबंधित तत्वों के अस्तित्व की भविष्यवाणी की तथा उनके गुणों का भी अनुमान किया। इस प्रकार यह नए तत्वों की खोज के लिए प्रेरित करती है ।
- अक्रिय गैसों की खोज होने पर सारणी में छेड़छाड़ किए बिना इन्हें नए समूह में रखा जा सका।
मेंडलीफ के वर्गीकरण की सीमाएँ-
- वह अपनी सारणी में हाइड्रोजन को सही स्थान नहीं दे पाए।
- समस्थानिकों की खोज होने पर सारणी में इन्हें उचित स्थान देने में कठिनाई आती है।
आधुनिक आवर्त सारणी
- आधुनिक आवर्त नियम – तत्वों के गुणधर्म उनकी परमाणु संख्या का आवर्त फलन होते हैं।
- तत्वों को उनकी परमाणु संख्या (Z) के आरोही क्रम में व्यवस्थित करने पर जो वर्गीकरण प्राप्त होता है उसे आधुनिक आवर्त सारणी कहा जाता है।
समूह- आधुनिक आवर्त सारणी
- आधुनिक आवर्त सारणी में 18 ऊर्ध्व स्तंभ हैं जिन्हें ‘समूह’ कहा जाता है।
- समूह के सभी तत्वों की संयोजकता इलेक्ट्रानों की संख्या समान है।
- समूह के ऊपर से नीचे की ओर जाने पर कोशों की संख्या बढ़ती है।
आवर्त-आधुनिक आवर्त सारणी
- आधुनिक आवर्त सारणी में 7 क्षैतिज पंक्तियाँ हैं जिन्हें आवर्त कहा जाता है।
- आवर्त में बाएँ से दाएँ जाने पर कोशों की संख्या तो समान रहती है परंतु परमाणु संख्या तथा संयोजकता इलेक्ट्रॉनों की संख्या में भी इकाई वृद्धि होती है।
- अभ्यासित कोशों की समान संख्या वाले विभिन्न तत्वों के परमाणु एक ही आवर्त में स्थित हैं।
आधुनिक आवर्त सारणी की प्रवृत्ति
- संयोजकता – किसी भी तत्व की संयोजकता उसके परमाणु के सबसे बाहरी कोश में उपस्थित संयोजकता इलेक्ट्रॉनों की संख्या से निर्धारित होती है।
- परमाणु साइज – एक स्वतंत्र परमाणु के केंद्र से उसके सबसे . बाहरी कोश की दूरी ही परमाणु साइज को दर्शाती है।
आवर्त में बाईं से दाईं ओर जाने पर परमाणु त्रिज्या घटती है।
समूह में ऊपर से नीचे जाने पर परमाणु साइज बढ़ता है।
- धात्विक अभिलक्षण — धात्विक अभिलक्षण आवर्त में घटता है तथा समूह में नीचे जाने पर बढ़ता है।
- धातुओं के ऑक्साइड क्षारकीय तथा अधातुओं के ऑक्साइड सामान्यतः अम्लीय होते हैं।
उपधातु या अर्द्धधातु
उपधातु या अर्द्धधातु — आवर्त सारणी में एक टेढ़ी-मेढ़ी रेखा धातुओं को अधातुओं से अलग करती है। इस रेखा पर आने वाले तत्व-बोरॉन, सिलिकन, जरमेनियम, आर्सेनिक, एंटीमनी, टेल्यूरियम एवं पोलोनियम धातुओं एवं अधातुओं दोनों के गुणधर्म प्रदर्शित करते हैं। इसलिए उन्हें अर्द्धधातु या उपधातु भी कहते हैं।
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