अब 9 बजे से चलेंगे स्कूल | नया टाइम टेबल जारी | देखिए किस घंटी क्या पढाई होगा

अब 9 बजे से चलेंगे स्कूल | नया टाइम टेबल जारी | देखिए किस घंटी क्या पढाई होगा

अब 9 बजे से चलेंगे स्कूल-शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों की टाइमिंग बदली है। 1 जुलाई से स्कूल 9 बजे से 4.30 बजे तक चलेंगे। बच्चों की छुट्टी 3.15 बजे और शिक्षकों की छुट्टी 4.30 बजे होगी। प्रधानाध्यापक, शिक्षक व कर्मी 10 मिनट पहले स्कूल आएंगे। शिक्षकों को रोज दिन कम से कम 7.5 घंटा पढ़ाना है। वे बच्चों को रोज होमवर्क देंगे, अगले दिन इसे चेक करेंगे।

माध्यमिक शिक्षा निदेशक द्वारा बुधवार को जारी आदेश में इन बातों की खासी चर्चा है। आदेश में कहा गया है कि हर हफ्ते शिक्षकों को कम से कम 45 घंटा पढ़ाना है। इस हिसाब से वे रोज दिन कम से कम 7.5 घंटा जरूर पढ़ाएंगे। जरूरत के अनुसार या पाठ्यक्रम को पूरा कराने के लिए यह समय बढ़ाया जा सकता है। सितंबर में अर्द्धवार्षिक परीक्षा है। इस लिहाज से पाठ्यक्रम को ले खास ध्यान रहे। क्लास 1 से 8 तक के लिए ‘बैगलेस सुरक्षित शनिवार’ के तहत तय गतिविधियां होंगी। मध्यांतर (टिफिन) तक माध्यमिक, उच्च माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ाई होगी। इसके बाद बाल संसद/सभा, खेलकूद, सृजनात्मक गतिविधि, अभिभावकों के साथ बैठक होगी। जिस महीने में 5 वां शनिवार आएगा, उस दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम तथा बच्चों द्वारा निर्मित सामग्री या गतिविधियों का प्रदर्शन होगा। शिक्षक इसका मूल्यांकन करेंगे।

शिक्षा विभाग ने एक जुलाई से कक्षा एक से 12 वीं तक के सभी सरकारी स्कूलों के लिए मॉडल टाइम टेबल बुधवार को घोषित कर दिया है. घोषित कार्यक्रम के अनुसार स्कूल सुबह नौ बजे खुलेंगे. अपराह्न 3.15 बजे बच्चों की छुट्टी की जायेगी. हालांकि शिक्षकों की छुट्टी शाम 4.30 बजे की जायेगी. टाइम टेबल में मध्याह्न भोजन और मध्यांतर के लिए समय निर्धारित किया गया है. प्रति सप्ताह शिक्षकों को अनिवार्य तौर पर 45 घंटे पढ़ाना होगा.

शिक्षा विभाग ने इस आशय के आदेश जारी कर दिए हैं. माध्यमिक शिक्षा निदेशक सन्नी सिन्हा की तरफ से जारी आदेश में साफ कर दिया है कि प्रधानाध्यापक, शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मी विद्यालय शुरू होने से 10 मिनट पहले स्कूल पहुंचेंगे. इस मॉडल समय सारण में प्रधानाध्यापक किसी तरह का बदलाव नहीं कर सकेंगे. करेंगे तो सख्ती कार्यवाही की जायेगी. यदि विद्यालय में किसी कक्षा की बोर्ड या सेंटअप परीक्षा ली जा रही हो तो अन्य कक्षाओं को सस्पेंड नहीं किया जायेगा. शनिवार को कक्षा एक से आठ वीं तक बैगलेश रहेगा. केवल गतिविधियां होंगी.

स्कूल शुरू होने का समयसुबह नौ बजे
प्रार्थना/योगाभ्यास / ड्रिल9:00-9:15 बजे तक
पहली घंटी9:15-9:55 बजे तक
दूसरी घंटी9:55-10:35 बजे तक
तीसरी घंटी10:35-11.15 बजे तक
चौथी घंटी11:15-11:55 बजे तक
मध्याह्न भोजन एवं मध्यांतर11:55-12:35 बजे तक
पांचवीं घंटी12:35-1:15 बजे तक
छठवीं घंटी1:15-1:55 बजे तक
सातवीं घंटी1:55-2:35 बजे तक
आठ वीं घंटी2:35-3:15 बजे तक
मिशन दक्ष की कक्षाओं का संचालन3:15-4 बजे तक
वर्ग 3 से 12 वीं तक के बच्चों को होम वर्क आदि4-4:30 बजे तक

संस्कृत बोर्ड के तहत विद्यालय तथा राजकीय उर्दू विद्यालय भी इस मॉडल टाइम टेबल का पालन करेंगे. मिशन दक्ष पहले की तरह विधिवत जारी रहेगा. प्रत्येक शिक्षक को सोमवार से शनिवार तक प्रतिदिन कम से कम साढ़े सात घंटे पढ़ाना होगा. आवश्यकतानुसार पाठ्यक्रम पूरा करने के लिए यह कार्यवधि प्रधानाध्यापक बढ़ा सकेंगे. इस आदेश में सबसे खास बात यह है कि प्रतिदिन विद्यालय परिसर, वर्ग कक्ष, रसोईघर एवं शौचालय आदि की साफ-सफाई के निरीक्षण करने की जिम्मेदारी प्रधानाध्यापक की होगी.

बिहार के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की ऑनलाइन हाजिरी मामले में इ-शिक्षाकोष एप ठीक से कार्य नहीं कर रहा है, ऐसे में बिहार शिक्षा परियोजना परिषद ने संबंधित एजेंसी को चेतावनी दी है कि 28 जून तक इसमें सुधार कर लें. एजेंसी को कहा गया कि यदि 28 जून तक एप ठीक से काम नहीं करता है, तो आर्थिक दंड भी लगाया जायेगा. जानकारी के मुताबिक इ-शिक्षाकोष पोर्टल पर हाजिरी बनाने में आ रही दिक्कत को लेकर एजेंसी के प्रतिनिधि के बुलाया गया था. इस पर भी संबंधित एजेंसी बिहार शिक्षा परियोजना परिषद ने उस पर 50 हजार रुपये का आर्थिक दंड भी लगाया है. आधिकारिक तौर पर एजेंसी को बताया गया है कि मोबाइल एप ठीक से काम नहीं कर रहा है

शिक्षा विभाग की तरफ से शिकायत दर्ज कराने के लिए जारी किये गये वाट्सएप नंबर पर शिकायतें दर्ज होने लगी हैं. पिछले दो दिन में 129 शिकायतें दर्ज की गयी हैं. विभागीय जानकारी के मुताबिक 24 और 25 जून को क्रमश: 89 और 40 शिकायतें दर्ज करायी गयी हैं. अधिकतर शिकायतें एमडीएम और शिक्षकों की अनुपस्थिति से जुड़ी हैं. हालांकि कुछ जगहों पर टेबल कुर्सी न होने की भी सूचनाएँ मिल रही हैं.

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ एस सिद्धार्थ ने कहा है कि मेरा मत है कि शिक्षकों की पुलिसिंग नहीं होनी चाहिए, फिर भी अगर व्यवस्था में अगर किसी ओर से गड़बड़ी की जाती है तो सख्ती करनी ही पड़ेगी. हमारे लिए बच्चों की पढ़ाई अहम है. शिक्षा विभाग सितंबर- अक्तूबर में बच्चों की एक विशेष परीक्षा लेने जा रहा है.

परीक्षा में अगर बच्चे फेल रहते हैं तो यह माना जायेगा कि शिक्षकों के पढ़ाने में ही कोई कमी है. ऐसे शिक्षकों को अलग से ट्रेनिंग दिलायी जायेगी. उन्होंने यह सारी बातें बुधवार को एक पॉडकॉस्ट कार्यक्रम के दौरान कहीं. एस सिद्धार्थ ने कहा कि बिहार के बजट में शिक्षा का बजट दूसरे विभागों की तुलना में सबसे अधिक है. लिहाजा हमारी जिम्मेदारी बनती है कि स्कूलों में पढ़ाई की गुणवत्ता हर हाल में सुनिश्चित की जाए, मैं चाहता हूं कि लोग सरकारी स्कूलों में अपने बच्चों को पढ़ाएं, इसके लिए हम दो मुद्दों पर जीरो टॉलरेंस पॉलिसी अख्तियार करेंगे.

पहले तो कक्षा के समय बच्चा स्कूल से बाहर नहीं दिखाई देना चाहिए. दूसरे शिक्षक स्कूल में पढ़ाएं. स्कूल टाइम के बाद हम शिक्षक को किसी तरह इंगेज नहीं करेंगे. एसीएस ने कहा है कि सरकार की मंशा साफ है कि हमारी पढ़ाई की गुणवत्ता अच्छी हो ताकि हमारा समाज अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाये. मॉनीटिरिंग के मुद्दे पर उन्होंने दो टूक कहा कि विभाग ने इसकी जिम्मेदारी डीइओ को दे रखी है. उसे ही जवाबदेह माना जायेगा. शिक्षकों की स्कूल में उपस्थिति एप से करने के निर्णय को उन्होंने बेहद अहम बताया. कहा कि इससे उनकी ही उपस्थिति नहीं, स्कूल के अन्य व्यवस्थाओं को भी जाना जा सकेगा.

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