जीवन में सफल होकर करोड़ों कमाने का टिप्स जाने सुंदर पिचाई से

जीवन में सफल होकर करोड़ों कमाने का टिप्स जाने सुंदर पिचाई से

जीवन में सफल होकर करोड़ों कमाने का टिप्स- लक के अलावा अगर मैं किसी और वजह से गूगल सीईओ हूं, तो वो है टेक्नोलॉजी के प्रति मेरा पैशन और खुला दिमाग। आप पूरा वक्त लीजिए और पर्याप्त समय दीजिए इस वात को जानने में कि आपको क्या चीज रोमांचित करती है। उस चीज की खोज कीजिए, जो दुनिया में आपको सबसे ज्यादा रोमांच से भरती है। आपके पैरेंट्स जो चाहते हैं और आपके दोस्त जो कर रहे हैं या समाज जो आपसे उम्मीद कर रहा है… उससे परे सोचिए। लोगों को ज्यादा रिस्क लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाना जरूरी है। उन्हें मौका दिया जाना चाहिए कि वो जिस तरह चाहते हैं, वैसे चीजें करें।

मेरा अनुभव है कि दुनिया में मौकों की कमी नहीं है। खुद की खोज करने के लिए आपको अनेक मौके मिलेंगे। जरूरी नहीं कि आप पहली बार में वो काम कर लें जिसे आप करना चाहते हैं। कोशिश कभी बंद मत कीजिए। वक्त लगेगा लेकिन आप सफल हो जाएंगे। आपका लक्ष्य ऊंचा रखिए। यह जितना ऊंचा रहेगा, आपको असफल होने पर तकलीफ कम होगी। यह प्रक्रिया का नैसर्गिक हिस्सा है। याद रखिए, अगर आप बेहद कठिन लक्ष्य को तय कर चुके हैं और उसकी तरफ लगातार बढ़ रहे हैं तो भी आप इस प्रक्रिया में कुछ तो बड़ा कर ही जाएंगे

भारत में ऐसे लोगों की कोई कमी नहीं है। लेकिन यहां सबसे अच्छी बात यह है कि लोग मौके तलाशते रहते हैं। आप देश के किसी भी कोने में चले जाइए, आपको हर गली-मोहल्ले में चाय के ठेले मिल जाएंगे। मैं मानता हूं कि जो यह काम करते हैं वो भी आंत्रप्रेन्योर ही हैं और इस काम में एक मौका तलाश रहे हैं। मैं जानता हूं कि किसी भी बिजनेस को बनाने में अथाह मेहनत लगती है। कई घंटों तक जुटे

आप कई दफा अपने काम के लिए दूसरों पर निर्भर करते हैं। कई लोगों के साथ काम करना होता है। ऐसे में दूसरों पर भरोसा करना ही होता है। इन लोगों में विश्वास पैदा करना होता है कि वो सही तरीके से काम कर रहे हैं। बतौर लीडर आप सबको सफल होने में मदद करते हैं। हर इंसान को अहसास दिलाना महत्वपूर्ण है कि आप अच्छा कर रहे हैं। उनको भी यकीन दिलाना होगा कि उनके अधीन लोगों की बाधाओं को दूर करना उनकी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है कि वो भी सफल हो सकें। सफलता के लिए यह अहम है कि लोग मिलकर काम करें। उनके बीच तालमेल बने।

परिवार से दूर रहना होता है, अस्वीकृति का सामना करना होता है और कई दफा अपने आइडिया को फेल होते हुए भी देखना पड़ता है। तो इन सबके लिए खुद को तैयार कीजिए। अपने सपने के पीछे दौड़ेंगे, तो इन दिक्कतों का अहसास कम होगा। दिल जिस काम में लगे, वो ही कीजिए… आप हमेशा अच्छा करेंगे। आप इंजीनियर हैं, डॉक्टर हैं, कलाकार हैं… यह बात मायने रखती है कि आप कितने अलग तरीके से चीजों को करने में यकीन रखते हैं। जो भी करें, शुरुआत उसे बेहतरीन से बेहतरीन करने से करें। याद रखिए कि दुनिया आपको देख रही है। वो उस नायाब चीज को देखने के लिए बेताब है जो आप बनाने वाले हैं।

गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट के भारतीय मूल के सीईओ सुंदर पिचाई की नेटवर्थ अब एक अरब डॉलर के करीब पहुंच गई है। इसे लेकर चर्चा में हैं।)

स्वाभिमान वह आंतरिक शक्ति है जिसका भान कई बार स्वयं को भी नहीं होता। कई वार व्यक्ति स्वयं नहीं जानता कि वह क्या कर सकता है। लेकिन जब मौका मिलता है, तो वह किसी भी काम को इतने शानदार तरीके से अंजाम देता है कि लोग चकित रह जाते हैं। स्वाभिमान का विगुल जब बजता है, तो जिंदगी एक नई करवट लेती है। व्यक्ति में एक अनूठे साहस का संचार होता है। स्वाभिमान की पूंजी सफलता के लिए परम आवश्यक है।

सवाल पूछना उतना ही जरूरी है जितना कि सुनना। एक अच्छे सवाल की शक्ति इस वात में है कि वह अच्छा जवाब खोजता है। अगर हम सही सवाल पूछेंगे तो हमें अच्छे जवाब मिलेंगे जो सूचना, अनुभव और प्रतिक्रिया में बेहतर होंगे। गलत सवाल गलत जवाब लेकर आते हैं। प्रगति के लिए बताने से बेहतर है पूछना। क्योंकि हम सभी अच्छी सूचना चाहते हैं। हमारे निर्णय उतने ही अच्छे होते हैं जितनी अच्छी हमारी सूचनाएं होती हैं।

जब आप एक नई शुरुआत से आरंभ करते हैं तव यह जान लें कि प्रगति में समय लगता है। अपने लक्ष्य पर फोकस बनाए रखें। जिम्मेदारी मांगें। सफलता जरूर आएगी अगर आप एक ऐसी भूमिका पाते हैं, जो आपको आपकी क्षमताओं के संकलन का रचनात्मक रूप से इस्तेमाल करने की अनुमति देती है। जो आप सबसे अच्छा करते हैं, उसे नकारें मत। अपनी प्रतिभाओं और रुचियों के बीच संतुलन बनाए रखेंगे तो लगातार आगे बढ़ते रहेंगे।

  • मनुष्य ज्यादातर मुश्किल निर्णय ऐसी स्थिति में लेता है, जो लंबे वक्त तक नहीं रहती है।
  • बुद्धि कभी किसी से मिल नहीं सकती, न ही आप इसे किसी से उधार ले सकते हैं।
  • चीजों को अलग नजरिए से देखना भी नई खोज करने जैसा है।
  • मनुष्य अपनी ख्वाहिशों या जरूरतों के मुताविक चीजों को बदल नहीं सकता, लेकिन समय के साथ उसकी ख्वाहिशें जरूर बदलना शुरू हो जाती हैं।
  • जब तक हम दुःख का अनुभव पूरी तरह से न कर पाएं तब तक हम उसका समाधान भी नहीं निकाल पाएंगे।
  • ज्यादातर समझदार लोग साधारण बातों को साधारण तरीके से कहने में विफल होते हैं।
  • चीजों की गहराई में उतरने से डरें नहीं, क्योंकि सच हमेशा सवसे नीचे ही कहीं दवा होता है।
  • हमें खुशी देने वालों के प्रति हमेशा कृतज्ञ रहें। वे हमारी आत्मा को फूलों की तरह खिलाने वाले वागवान जैसे होते हैं।

कार्यक्षमता बढ़ाने की पहली शर्त है इच्छा। आपके भीतर इसकी इच्छा होनी चाहिए। ज्यादातर लोगों को इसमें बड़ी दिक्कत आती है। कार्यक्षमता बढ़ाने की दूसरी शर्त है ज्ञान। आपको यह ज्ञान होना चाहिए कि क्षमता कैसे बढ़ाई जा सकती है। उस क्षेत्र के माहिर लोगों से सीखें। पुस्तकें पढ़ें। सेमिनार में जाएं। जब आपमें अपनी क्षमता बढ़ाने की प्रबल इच्छा होगी और आप इस दिशा में मेहनत करने को तैयार होंगे तो उपाय अवश्य मिल जाएगा।

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