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देखिए नेटफ्लिक्स कैसे बन गयी 22 लाख करोड़ की कम्पनी- पूरा बिजनेस मॉडल समझे

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By arcarrierpoint

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देखिए नेटफ्लिक्स कैसे बन गयी 22 लाख करोड़ की कम्पनी- पूरा बिजनेस मॉडल समझे

देखिए नेटफ्लिक्स कैसे बन गयी 22 लाख करोड़ की कम्पनी- पूरा बिजनेस मॉडल समझे:-आज नेटफ्लिक्स दुनिया की सबसे बड़ी OTT कंपनियों में से एक है।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि 25 साल पहले यह कंपनी सिर्फ 443 करोड़ रुपये (20 मिलियन डॉलर) में बिकने वाली थी?
आज इसकी वैल्यू 22 लाख करोड़ रुपये (260+ बिलियन डॉलर) के करीब है।

सितंबर 2000, नेटफ्लिक्स के संस्थाक रीड हेस्टिंग्स, मार्क रैंडॉल्फ और सीएफओ बैरी मैकार्थी वीडियो रेंटल कंपनी ब्लॉकबस्टर के मुख्यालय पहुंचे। उन्होंने 5 करोड़ डॉलर में नेटफ्लिक्स को बेचने की पेशकश की। उन्होंने प्रस्ताव दिया कि हम ऑनलाइन बिजनेस संभालेंगे, आप स्टोर संभालना।

ब्लॉकबस्टर के तत्कालीन सीईओ जॉन एंटिओको ने अपमानजनक रूप से हंसते हुए डील ठुकरा दी। नेटफ्लिक्स टीम के लिए यह पल बेहद कड़वा था। नकदी की कमी और धीमी ग्रोथ के चलते कंपनी को 2001 में लगभग एक तिहाई कर्मचारियों की छंटनी करनी पड़ी। बॉल स्ट्रीट में कंपनी को संदेह की नजर से देखा जाने लगा। आईपीओ के पहले उसके एक शेयर की कीमत 14 डॉलर से घटकर 6 डॉलर पर पहुंच गई थी।

कंपनी के कोफाउंडर रोड कहते हैं, ‘हम उस दौर की ऐसी इंटरनेट आधारित कंपनी थे, जिसकी आर्थिक हालत बेहद खराब थी और कंपनी को इस परिस्थिति से बाहर निकलने का भी रास्ता नजर नहीं आ रहा था।’ हालांकि हमने हिम्मत नहीं हारी। बेहतर फोकस के साथ कठोर परफॉर्मेंस कल्चर, ‘हर सीट पर बेस्ट टैलेंट’ जैसी जिद से हम फिर उठ खड़े हुए। ब्रांड से सबक में आज पढ़िए कहानी नेटफ्लिक्स की।

नेटफ्लिक्स के आज दुनियाभर में 30 करोड़ से ज्यादा पेड सब्स्क्राइबर हैं। वर्तमान में 190 से अधिक देशों में इसके यूजर्स हैं। मार्केट कैप करीब 22 लाख करोड़ रुपए है। हालांकि अभी भी इसका सबसे बड़ा बाजार अमेरिका है, लेकिन भारत में भी कंपनी ने पेड सब्स्क्राइबर की संख्या एक करोड़ पार कर ली है। भविष्य की रणनीति में गेमिंग एवं कंटेंट इनोवेशन शामिल हैं। नेटफ्लिक्स ने पासवर्ड-शेयरिंग को नियंत्रित कर नया इनकम मॉडल अपनाया है।

  • 30 करोड़ पेड सब्स्क्राइबर हैं दुनियाभर में
  • 190 से अधिक देशों में नेटफ्लिक्स के यूजर्स हैं
  • 1 करोड़ से अधिक पेड सब्स्क्राइबर्स हैं भारत में इसके
  • 8.25 करोड डॉलर का 2002 में आईपीओ लाई थी कंपनी
  • रीड हेस्टिंग्स (बाएं) और मार्क रैडॉल्फ ने मिलकर रखी थी नेटफ्लिक्स की नींवा
  • सब्स्क्राइबर्स का घटना नेटफ्लिक्स के शुरुआती दौर में लिमिटेड डीवीडी कलेक्शन और धीमी डिलीवरी की वजह से ग्राहक दूसरी कंपनियों की ओर मुड़ गए। लोग सब्स्क्रिप्शन छोड़ने लगे।
  • पासवर्ड शेयरिंग शुरुआत में नेटफ्लिक्स ने पासवर्ड शेयरिंग पर नियम नहीं बनाए, जिससे एक अकाउंट को कई लोग इस्तेमाल करने लगे। इससे कंपनी को राजस्व में काफी नुकसान हुआ।
  • कंटेंट क्वालिटी और लागत उच्च लागत पर ओरिजिनल कंटेंट बनाना कंपनी के लिए चुनौती बन गया। कई प्रोजेक्टस की सफलता उम्मीद से कम रही जिससे निवेश की वापसी मुश्किल हुई।
  • तेज प्रतिस्पर्धा- 2000 के बाद डिजिटल वीडियो सेवाओं का बाजार खुलने से तेजी से नए प्रतिद्वंद्वी आए। बाजार में बने रहने के लिए नेटवर्क और मार्केटिंग कॉस्ट बढ़ी। इससे मार्जिन घटा।
  • बिजनेस मॉडल में बदलाव- नेटफ्लिक्स ने डीवीडी सर्विस से डिजिटल सब्स्क्रिप्शन मॉडल पर पूरा फोकस किया। ऑटोमैटिक रिन्यूअल ने ग्राहक बने रहने का प्रतिशत बढ़ाया। इससे वित्तीय स्थिरता आई।
  • डेटा एनालिटिक्स- हर व्यूअर के व्यू, क्लिक,रेटिंग और पसंद का विश्लेषण कर नेटफ्लिक्स ने पर्सनलाइज्ड रेकमेंडेशन और कंटेंट क्रिएशन किया। इससे ज्यादा से ज्यादा लोग प्लेटफॉर्म से जुड़े रहे।
  • इनोवेशन – नेटफ्लिक्स ने सिनेमैच तकनीक विकसित की, जो कस्टमर्स की पसंद के अनुसार फिल्में सुझाती थी। कस्टमाइजेशन और बेहतर ग्राहक अनुभव से प्रतिस्पर्धा में बने रहने में सफलता पाई।।
  • एड-टियर स्ट्रैटेजी, आईपीओ कम पैसे खर्च करने वाले ग्राहकों के लिए ऐड-सपोटेंड सब्स्क्रिप्शन लाई। 2002 में कंपनी करीब 8.25 करोड़ डॉलर का आईपीओ लेकर आई, जिसने आर्थिक हालत सुधारी।

1997 में रोड हेस्टिंग्स और मार्क रैंडॉल्फ नाम के दो दोस्तों ने कैलिफोर्निया में इसकी नींव रखी। शुरुआत में नेटफ्लिक्स ऑनलाइन किराए पर डीवीडी देता था, लेकिन 1999 में मासिक सब्स्क्रिप्शन मॉडल पेश किया। इसमें अनलिमिटेड डीवीडी किराए पर ले सकते थे। 2007 में कंपनी ने वीडियो स्ट्रीमिंग सेवा शुरू की। यहीं से इसने मनोरंजन उद्योग को बदला।

ऐसे पड़ा नाम: Netflix नाम ‘Net’ और ‘Flix से बना है। ‘Net’ इंटरनेट का संक्षिप्त रूप है, जबकि ‘Flix’ ‘Flicks’ यानी फिल्म के लिए इस्तेमाल होता है

2000 के दौर में कंपनी पूरी तरह ईमेल के माध्यम से डीवीडी किराए पर देने के मॉडल पर चल रही थी। इस दौरान जब इंटरनेट कंपनियों का बबल फूटा तो निवेशकों ने स्टार्टअप्स से पूँजी निकालना शुरू कर दिया। नेटफ्लिक्स के पास नकदी सीमित थी, सब्स्क्राइबर बढ़ नहीं रहे थे और आईपीओ की योजना भी टल गई थी। इसके बाद कंपनी पिछड़ने लगी।

सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी : डिजी प्लस, अमेजन प्राइम, एचबीओ मैक्स, डिजी हॉट स्टार, जी5, सोनी लिव और जियो सिनेमा आदि प्रमुख प्रतिद्वंद्वी हैं।

2025 में नेटफ्लिक्स की स्थिति

  • वैल्यू — 22 लाख करोड़ रुपये
  • सब्सक्राइबर — 30+ करोड़
  • देशों की संख्या — 190+
  • प्रति शेयर कीमत — 1098 डॉलर
  • वार्षिक राजस्व — 35+ बिलियन डॉलर

नेटफ्लिक्स से सीख – Band Se Sabaq

  • समय के साथ बिजनेस बदलना चाहिए
  • नए ट्रेंड को अपनाने से डरना नहीं चाहिए
  • खराब वक्त में धैर्य और इनोवेशन जरूरी है
  • शुरुआत छोटी हो सकती है लेकिन सोच बड़ी होनी चाहिए
  • तकनीक और डेटा किसी भी कंपनी को बदल सकते हैं

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यह वेबसाइट Sumit Sir के निर्देशन में संचालित है। इस बेवसाइट पर सही और सटीक जानकारी सबसे पहले उपलब्ध कराया जाता है। सुमित सर के पास पिछले पांच साल से ऑनलाइन और ऑफलाइन पढाने का अनुभव है। धन्यवाद।

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