सफलता आपकी कदम चुमेगी | बस जीवन के इन रहस्य को समझ लें

सफलता आपकी कदम चुमेगी | बस जीवन के इन रहस्य को समझ लें

सफलता आपकी कदम चुमेगी | बस जीवन के इन रहस्य को समझ लें:–जिंदगी की सबसे मजेदार बात यह है कि आप किसी चीज की कीमत तब समझते हैं, जब वह आपको छोड़ने लगती है। जैसे- जैसे मेरे बाल काले से सफेद होते गए, मुझे युवावस्था के उत्साह और उमंग की अहमियत का एहसास होने लगा। उसी समय, मैंने उन सभी सीख की कद्र करना शुरू कर दी, जो मैंने अपने इस सफर में हासिल की हैं।

जब आप करियर की शुरुआत की दहलीज पर खड़े हैं, तो मैं आपको कुछ बातें बता रहा हूं। आप जिस दुनिया में प्रवेश कर रहे हैं, यह। कई मायनों में अब अलग है। 60 के दशक के अंत की बात है। जब मैंने करियर की शुरुआत की थी, तब भारत को भोजन जैसी बुनियादी चीजों के लिए भी अन्य देशों पर निर्भर रहना पड़ता था। हम विदेश जाते थे, तो हमारे प्रति सहानुभूति दिखाई जाती थी। हाल ही में किसी ने बताया कि उस जमाने में विदेशी भारत आते थे, तो यह देखने आते थे कि वे भारत के लिए क्या कर सकते हैं। अब यह देखने आते हैं कि भारत उनके लिए क्या कर सकता है।

21 की उम्र में मैंने अमलनेर की विप्री फैक्ट्री में कदम रखा था। कैलिफोर्निया के स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी इंजीनियरिंग स्कूल में पड़ाई की थी, तो कई लोगों ने मुझे सलाह दी कि मैं एक अच्छी, आरामदायक नौकरी कर लें, बजाय इसके कि हाइड्रोजनीकृत तेल के के इस व्यवसाय की चुनौतियों का सामना करूं। अब जब पीछे मुड़कर देखता हूँ तो खुशी होती है कि मैंने इस व्यवसाय का जिम्मा उठाया। वास्तव में, नेतृत्व भीतर से शुरू होता है।

यह एक आवाज होती है, जो आपको तब राह दिखाती है जब आप खो जाते हैं। यह बताती है आपको कहां जाना चाहिए। अगर आप उस पर यकीन करते हैं, तो आप खुद पर विश्वास करते हैं। जब करियर चुनने की बात आती है, तो आपको अपनी किस्मत का जिम्म खुद लेना है। जीवन में कुछ चुनौतियां जीतते हैं, कुछ हारते हैं। जीत का आनंद लें, लेकिन इसे सिर पर न चढ़ने दें। जिस क्षण सफलता आपके सिर चढ़ती है, आप असफलता की ओर बढ़ने लगते हैं। असफलता की एक सामान्य घटना के रूप में लें। महत्वपूर्ण यह है कि जब हारें, तो उसका सबक न भूलें।

आत्मविश्वास और अहंकार के बीच एक पतली रेखा होती है। आत्मविश्वासी लोग हमेशा सीखने के लिए तैयार रहते हैं। अहंकारी लोग सीखना पूरी तरह बंद कर देते हैं। अंहकार ऐसा अहसास लेकर आता है कि जैसे अब जानने के लिए कुछ नहीं बचा और अब करने के लिए भी कुछ नहीं बचा।

जब आप युवा है, तो स्वास्थ्य को हल्के में लेंगे… यह बहुत स्वाभाविक है। लेकिन मैंने पाया है कि व्यायाम न केवल समय की गुणवत्ता में सुधार करता है बल्कि नींद के लिए आवश्यक समय को भी कम करता है। दुनिया में तनाव केवल बढ़ता रहेगा। आपको इससे निपटने के लिए खुद ही इंतजाम करने होंगे।

  • उत्साहित होने का स्वांग कीजिए और आप सच में उत्साहित हो जाएंगे।
  • कोई भी नासमझ आलोचना, निंदा और शिकायत कर सकता है…. ज्यादातर नासमझ करते भी हैं।
  • क्या तुम जिंदगी से ऊब चुके हो? तो फिर खुद को किसी ऐसे काम में झोंक दो, जिसमें दिल से यकीन करते हो। उसके लिए जियो, उसके लिए मरो और तुम वो खुशी पा लोगे, जो तुम्हें लगता था कि कभी तुम्हारी नहीं हो सकती।
  • निराशा और असफलता, सफलता के रास्ते में आने वाले दो निश्चित पद चिन्ह हैं।
  • पहले कठिन काम पूरे करें। आसान काम खुद-बखुद पूरे हो जाएंगे।
  • आप जो करने से डरते हैं उसे करें और करते रहे… डर पर विजय पाने का यह सबसे पक्का और तेज तरीका है।
    खुद के लिए और अपनी मौजूदा स्थिति के लिए अफसोस करना न केवल ऊर्जा की बर्बादी है चल्कि सबसे बुरी आदत है, जो आपके अंदर हो सकती है।
  • डर केवल आपके दिमाग में बसता है।

हम स्वयं के सबसे खराब समीक्षक होते हैं। जब हम बेचैन या गुस्से में होते हैं, तो सबसे पहले स्वयं से ही बुरे लहजे में बात करने लगते हैं। शायद हमें यह लगता है कि खुद को कोसने के बाद हम बेहतर काम कर सकेंगे। अगर आप पुराने लिए गए अपने किसी निर्णय पर गहरा चिंतन करते हैं, सामाजिक तुलना और अपनी कमियों के बारे में सोचते हैं, तो अभी समय है इसे रोकने का। खुद के साथ उदास रवैया न अपनाएं। दिमाग में चलने वाली नकारात्मक बातों को तुरंत ही थाम लें और अपनी सोच को एक सकारात्मक मोड़ दें। शुरुआत ऐसे करें….

यदि आप औरों की तरह खुद के प्रति भी नर्म रवैया अपनाना चाहते हैं, तो सबसे पहले तो आप अपने उस स्वभाव से वाकिफ हों, जिससे आपको नुकसान पहुंचता है। जैसे, जब आप बेचैन होते हैं तो हो सकता है आप जरूरत से ज्यादा काम करते हैं और अपने सहकर्मियों से भी यहीं उम्मीद रखते हैं। इस तरह आप अपने कार्यस्थल में साथियों के बीच रहते हुए भी तनाव पैदा कर लेते हैं।

आप तनाव में हैं और उस दौरान कोई सहकमों या सहयोगी ऐसी सलाह देता है जिससे आप शांत हो जाते हैं, तो उसकी बातों पर गौर करें। यह आपके काम को लेकर की कई तारीफ हो सकती है या मन शांत करने वाला कोई वाक्य। जब कभी आप खुद के लिए गलत सोचें तो उसकी बातों को याद करें जिसने आपकी तारीफ की थी। इस तरह आप बेहतर महसूस करेंगे और स्पष्ट सोच रख पाएंगे।

अगर आपको लगता है कि खुद के प्रति थोड़ा उदार रवैया अपनाने से आप पहाने से बेहतर निर्णय लेने के काचिल बन सकते हैं, तो पहले तो अपनी बेचैनी को खत्म करने के लिए प्रयास करें। खुद को शांत करने के लिए और तनाव दूर करने के लिए आप क्या कर सकते हैं. एक कागज पर लिख लें। इस तरह धीरे- धीरे आपके पास एक ऐसी प्ले बुक हो जाएगी, जो हमेशा आपके काम आएगी।

आपके परिदृश्य आप तक ही सीमित रहने चाहिए। अगर आप आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं तो किसी घेरेपिस्ट मेंटर या दोस्त की मदद ले सकते हैं। उदाहरण के तौर पर जिन परिस्थितियों में आप अक्सर परेशान होते हैं, उनकी एक लिस्ट बनाकर कोचिंग या थेरेपी सेशन में लेकर जा सकते हैं। इसके बाद घेरेपिस्ट के साथ मिलकर असरदार और प्रभावशाली जवाब की तलाश कर सकते हैं।

हर समस्या को नए अंदाज से सुलझाएं

समस्या से लड़ते समय आपके दिमाग में कई नए विचार आएंगे, जो शायद उस वक्त आपको अजीब लगे पर इन विचारों से भी कई बार उम्मीद से बेहतर हल मिलते हैं। जरूरी है दिमाग में आई हर चीज पर गौर करें। हर समस्या को नए अंदाज से सुलझाएं। हल न मिले तो दूसरों की सलाह लें। लेकिन अंत में वही करें, जो आप को ठीक लगे।

जो लोग संस्थान में तरक्की करना चाहते हैं, वे इस बात को जल्द स्वीकार लेते हैं कि उनसे गलती हो गई और उसका रोना रोते रहने के बजाय, उसे सुधारने में लग जाते हैं। जबकि अधिकांश लोग अपने पुराने निर्णय नहीं छोड़ते। पहले तो स्वीकारें कि आपका निर्णय गलत है। पुराने निर्णय छोड़ काम करने के नए तरीके अपनाएं।

क्या करना है यह आप पर ही निर्भर करता है

जिंदगी में आपको हर वक्त हर क्षेत्र की उन बातों के बारे में सोचते रहना चाहिए, जो आप कर सकते हैं ताकि उनको हासिल करने की आपकी संभावनाओं में इजाफा हो। खुद से जुड़ी परिस्थितियों पर नियंत्रण स्थापित करें। कामयाबी तभी हासिल करेंगे, जब स्वीकार करेंगे कि आप जो बनना चाहते हैं वह केवल आप पर ही निर्भर करता है।

जहां भी बड़ी सफलता संभव होती है, यहां बड़ी बाधाएं मौजूद होती हैं। बाधाएं, सफलता का दूसरा पहलू हैं। अगर आपके और लक्ष्य के बीच कोई बाधा नहीं है, तो शायद यह लक्ष्य ही नहीं है। सफलता की राह पर किसी सार्थक चीज की उपलब्धि में आपको बहुत सारी छोटी चाधाओं का अनुभव होगा। लेकिन एक बड़ी चट्टान आपका विकास रोक देती है। अपना ध्यान इस बड़ी चट्टान को हटाने पर लगाएं। यह आपको सीमित करने वाला एक कदम हो सकता है। इसे पहचानना जरूरी है।

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