12वीं के बाद बनना चाहते हैं सरकारी वकिल - तो ऐसे करें इस परीक्षा की तैयारी

12वीं के बाद बनना चाहते हैं सरकारी वकिल – तो ऐसे करें इस परीक्षा की तैयारी

12वीं के बाद बनना चाहते हैं सरकारी वकिल – तो ऐसे करें इस परीक्षा की तैयारी:-बा • र काउंसिल ऑफ इंडिया के अनुमान के अनुसार, हर साल लगभग 60 से 70 हजार लॉ ग्रेजुएट्स देश के कानूनी पेशे में शामिल होते हैं. यह आंकड़ा लॉ करियर की लोकप्रियता में इजाफे की तस्दीक करता है. लॉ को करियर के तौर पर चुनने वालों की संख्या जिस तेजी से बढ़ी है, कानून के पेशेवरों के लिए कोर्ट रूम से इतर मौके भी तेजी से बढ़े हैं.

हालांकि, कानून हमेशा से एक आकर्षक कार्यक्षेत्र रहा है, जिसमें सम्मानजनक करियर के साथ समाज सेवा के अवसर भी मौजूद हैं. देश के विकास के साथ भारतीय कानून प्रणाली में काम करने के कई नये विकल्प भी बने हैं. वकील, न्यायाधीश और पैरालीगल, कानूनी सलाहकार से लेकर शिक्षाविद और सिविल सेवक तक, कानूनी पेशेवरों की भूमिका का लगातार विस्तार हुआ है. आप अगर लॉ सेक्टर में आना चाहते हैं, तो अपने कदम आगे बढ़ा सकते हैं.

छात्र जब बारहवीं के बाद कानून की पढ़ाई करने का फैसला करते हैं, तो उनकी पहली प्राथमिकता होती है कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (क्लैट) में सफलता हासिल करना. आप अगर इस वर्ष बारहवीं की परीक्षा देनेवाले हैं और लॉ के पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड प्रोग्राम में प्रवेश लेना चाहते हैं, तो समय आ गया है कि अभी से स्वयं को इस परीक्षा के लिए तैयार करें. क्लैट-2025 का नोटिफिकेशन आ गया है. जानें देश की 24 नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में प्रवेश दिलाने वाली इस परीक्षा से जुड़ी अहम बातें…

यूजी क्लैट : अंडर ग्रेजुएट कोर्स में प्रवेश के लिए आयोजित टेस्ट में इंग्लिश लैंग्वेज, करेंट अफेयर्स, जिसमें जनरल नॉलेज भी शामिल है, लीगल रीजनिंग, लॉजिकल रीजनिंग, क्वांटिटेटिव टेक्नीक पर केंद्रित प्रश्न पूछे जायेंगे. यूजी क्लैट 2025 कुल दो घंटे का टेस्ट होगा और 120 अंक के कुल 120 बहुविकल्पीय प्रश्न होंगे. प्रत्येक प्रश्न 1 अंक का होगा और हर गलत उत्तर के लिए 0.25 अंक की निगेटिव मार्किंग का प्रावधान है.

पीजी क्लैट : इस टेस्ट में कॉन्स्टिट्यूशनल लॉ एवं लॉ के अन्य विषयों, जैसे एडमिनिस्ट्रेटिव लॉ, लॉ ऑफ कॉन्ट्रेक्ट, टॉर्ट, फैमिली लॉ, क्रिमिनल लॉ, प्रॉपर्टी लॉ, कंपनी लॉ, पब्लिक इंटरनेशनल लॉ, टैक्स लॉ, एनवायर्नमेंटल लॉ एवं लेबर एंड इंडस्ट्रियल लॉ पर केंद्रित प्रश्न पूछे जायेंगे. यह पेपर भी दो घंटे का होगा, जिसमें 120 अंक के 120 प्रश्न होंगे. पाठ्यक्रम की विस्तृत जानकारी क्लैट 2025 की वेबसाइट से प्राप्त कर सकते हैं.

ऐसे करें आवेदन: ऑनलाइन आवेदन करना है. अंतिम तिथि: 15 अक्तूबर, 2024.
विवरण देखें :
nlus.ac.in/
https://consortiumof- clat-2025.html

अंडर ग्रेजुएट प्रोग्राम में प्रवेश के लिए क्लैट देना चाहते हैं, तो न्यूनतम 45 प्रतिशत अंकों के साथ बारहवीं या समकक्ष परीक्षा पास होना आवश्यक है. अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों के बारहवीं में कम से कम 40 प्रतिशत अंक होना चाहिए. ऐसे छात्र, जो 2025 में मार्च / अप्रैल में बारहवीं की परीक्षा देने वाले हैं, क्लैट दे सकते हैं. क्लैट के माध्यम से एलएलएम प्रोग्राम में प्रवेश के लिए कम से कम 50 प्रतिशत अंकों में तीन वर्षीय एलएलबी या समकक्ष डिग्री होनी चाहिए.

राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों (एनएलयू) की स्थापना के साथ, भारत ने कानूनी शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बदलाव देखा. यह सब 1987 में बेंगलुरु में प्रतिष्ठित नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी की स्थापना के साथ शुरू हुआ. इस अभूतपूर्व कदम के बाद 1998 में हैदराबाद में नलसार की स्थापना हुई, जिससे कानूनी शिक्षा में एक नये युग की शुरुआत हुई. वर्तमान में, भारत में कुल 25 नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (एनएलयू) हैं, जिनमें से 24 एनएलयू कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (क्लैट) के माध्यम से प्रवेश देती हैं. एनएलयू, दिल्ली अपनी अलग प्रवेश परीक्षा, ऑल इंडिया लॉ एंट्रेंस टेस्ट (एआईएलईटी) आयोजित करती है. सभी 25 एनएलयू में 11 एनएलयू शिक्षा मंत्रालय की ओर से जारी होनेवाले राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) में शीर्ष 30 लॉ संस्थानों में शामिल हैं. वर्ष 2023 की एनआईआरएफ रैंकिग www. nirfindia.org/Rankings/2023/ LawRanking.html में शामिल ये एनएलयू हैं –

  • ■ नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी (एनएलएसआईयू), बेंगलुरु : रैंक-1
  • ■ नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (एनएलयू), दिल्ली : रैंक-2
  • ■ नलसार यूनिसर्विटी ऑफ लॉ, हैदराबाद : रैंक-3
  • ■ वेस्ट बंगाल नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ ज्यूडिशियल साइंस, कोलकाता : रैंक-4
  • ■ गुजरात नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, गांधीनगर : रैंक-7
  • ■ नेशनल लॉ इंस्टीट्यूट यूनिवर्सिटी, भोपाल : रैंक-18
  • ■ राजीव गांधी नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ, पटियाला : रैंक-20

लॉयर के तौर पर प्रैक्टिस के साथ आप इस क्षेत्र में लीगल कंसल्टेंट, लिटिगेशन एडवोकेट, कॉरपोरेट लॉयर, लीगल रिसर्चर, इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी लॉयर के तौर पर खुद को स्थापित कर सकते हैं. इसके अलावा लीगल एनालिस्ट, डॉक्यूमेंट ड्राफ्टिंग लॉयर, साइबर लॉ एक्सपर्ट, लीगल जर्नलिस्ट, ह्यूमन राइट्स लॉयर, लेबर और इंप्लॉयमेंट लॉयर आदि के तौर पर काम करने का भी विकल्प है.

  • ■ राम मनोहर लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, लखनऊ : रैंक-21
  • ■ नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ स्टडी एंड रिसर्च इन लॉ, रांची : रैंक-24
  • ■ नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी एंड ज्यूडिशियल एकेडमी, असम : रैंक-28
  • ■ नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी ओडिशा, कटक : रैंक-30
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