12th first terminal exam August 2024:- इस पोस्ट में बिहार बोर्ड से आयोजित फर्स्ट टर्मिनल परीक्षा अगस्त 2024 का प्रश्न पत्र दिया गया है । यदि आप भी बिहार बोर्ड से इंटर बोर्ड परीक्षा 2026 में देंगे । तो आपके लिये स्कूल स्तर पर first terminal exam August का आयोजन 23 अगस्त से 27 अगस्त तक हो रहा है । आपके फर्स्ट टर्मिनल परीक्षा अगस्त के इतिहास विषय का अरिजनल प्रश्न पत्र उत्तर के साथ दिया गया है । इस पोस्ट के माध्यम से बिहार बोर्ड 12th फर्स्ट टर्मिनल परीक्षा अगस्त 2024 के इतिहास विषय का प्रश्न पत्र उत्तर के साथ डाउनलोड कर सकते है ।
Bihar Board Class 12th first terminal exam August History Question Paper With Answer
इस पोस्ट के माध्यम से फर्स्ट टर्मिनल परीक्षा अगस्त के Economics विषय के प्रश्न पत्र का PDF डाउनलोड कर सकते है । इसके साथ-साथ Objective और Subjective प्रश्नों का उत्तर भी डाउनलोड कर सकते है ।
12th first terminal exam August 2024- EXAM CENTER
इस परीक्षा का आयोजन आपके विद्यालय के स्तर पर होगा। अर्थात की जिस भी विद्यालय में आपका नामांकन है। उसी में जाकर आपको परीक्षा देना पड़ेगा ।
Admit Card Of 12th first terminal exam August 2024
इस परीक्षा के लिए बिहार बोर्ड के तरफ से कोई भी ऑफिशियल एडमिट कार्ड जारी नहीं किया जाएगा। क्योंकि यह आपके विद्यालय के स्तर पर आयोजित होने वाला एकमात्र आंतरिक जांच परीक्षा है।
प्रश्न पत्र कहां से आएगा ?
कक्षा 12th के फर्स्ट टर्मिनल परीक्षा अगस्त 2024 का प्रश्न पत्र आपके विद्यालय में अगस्त माह तक पढ़ाए गए पाठ से प्रश्न आएगा
कॉपी का जांच कहां होगा ?
कक्षा 12th के फर्स्ट टर्मिनल परीक्षा के कॉपी का मूल्यांकन आपके विद्यालय के स्तर पर ही होगा।
CLASS 12th first terminal exam August 2024 History Question Paper
CLASS 11th | first terminal exam August 2024 |
SESSION | 2024-25 |
SUBJECT/CODE | History -321 |
EXAM DATE | 30/08/2024 |
SITTING | 1st SHIFT |
TIME | 10.00 AM-11.30 AM |
BSEB Class 12th first terminal exam August 2024 History Objective Answer Key –
Q.N. | ANS | Q.N. | ANS |
1. | D | 16. | A |
2. | A | 17. | C |
3. | B | 18. | A |
4. | C | 19. | C |
5. | B | 20. | D |
6. | B | 21. | B |
7. | B | 22. | D |
8. | A | 23. | B |
9. | B | 24. | C |
10. | C | 25. | C |
11. | D | 26. | A |
12. | D | 27. | C |
13. | B | 28. | A |
14. | D | 29. | C |
15. | D | 30. | B |
12 first terminal exam August History Subjective Question Download Link –
नीचे दिए गए लिंक से आप सब्जेक्टिव प्रश्न का उत्तर पीडीएफ़ फॉर्मेट में डाउनलोड कर सकते है ।
नोट- यह प्रश्नपत्र और उत्तर 12th के फर्स्ट टर्मिनल परीक्षा अगस्त 2024 का है । History Question Paper
खण्ड – ब / SECTION – B
लघु उत्तरीय प्रश्न / Short Answer Type Questions
प्रश्न संख्या 1 से 10 तक लघु उत्तरीय हैं। किन्हीं 5 प्रश्नों के उत्तर दें। प्रत्येक के लिए 2 अंक निर्धारित है :
1. स्त्रीधन से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर – स्त्रीधन महिलाओं की वह संपत्ति है जिस पर उनका पूर्ण अधिकार होता है और गैर स्त्रीधन संपत्ति पर उनका केवल सीमित अधिकार होता है। स्त्रीधन में किसी महिला को उसके माता-पिता, पति, माता-पिता या पति के करीबी रिश्तेदारों द्वारा विवाह के समय या अन्य अवसरों पर दिए गए उपहारों के माध्यम से प्राप्त संपत्ति शामिल होती है।
2. अनुलोम और प्रतिलोम विवाह में क्या अंतर था ?
उत्तर- अनुलोम विवाह का सामान्य अर्थ है अपने वर्ण से निम्नत्तर वर्ण में विवाह करना। इसके विपरीत किसी निम्नस्तर वर्ण के पुरुष और उच्चत्तर वर्ण की कन्या के बीच संबंध का स्थापित होना प्रतिलोम विवाह कहलाता है। जैसे- क्षत्रिय द्वारा ब्राह्मणी से विवाह करना ।
3. मोहनजोदड़ो के विशाल स्नानागार की दो विशेषताएँ लिखें ।
उत्तर- मोहनजो-दारो के महान स्नानागार को “प्राचीन दुनिया का सबसे पुराना सार्वजनिक जल टैंक” कहा जाता है। यह लगभग 12 मीटर (40 फीट) गुणा 7 मीटर (23 फीट) मापता है, जिसकी अधिकतम गहराई 2.4 मीटर (8 फीट) है। दो चौड़ी सीढ़ियाँ, एक उत्तर से और एक दक्षिण से, संरचना में प्रवेश के रूप में कार्य करती थीं।
4. हड़प्पा सभ्यता का विस्तार बताइए ।
उत्तर- हड़प्पा सभ्यता भारत भूमि पर लगभग 13 लाख वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में त्रिभुजाकार स्वरूप में फैली हुई थी। यह उत्तर में ‘मांडा’ (जम्मू कश्मीर) तक, दक्षिण में ‘दैमाबाद’ (महाराष्ट्र) तक, पूर्व में ‘आलमगीरपुर’ (उत्तरप्रदेश) तक और पश्चिम में ‘सुत्कागेंडोर’ (पाकिस्तान) तक फैली हुई थी।
5. महाजनपद से आप क्या समझते हैं?
उत्तर- महाजनपद अधिकांशतः राजतंत्रीय राज्य होते थे जहां राजवंशीय राजा के पास पूर्ण शक्तियां और नियमित सेना होती थी और वे जनपद या राज्य नामक एक परिभाषित क्षेत्र पर शासन करते थे । हालांकि, उनमें से कुछ गणतंत्र थे जिन्हें गण या गणसंघ या गणराज्य के नाम से जाना जाता था ।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न / Long Answer Type Questions
प्रश्न संख्या 11 से 15 तक दीर्घ उतरीय है। किन्हीं 3 प्रश्नों के उत्तर दें। प्रत्येक के लिए 5 अंक निर्धारित है|
11. वर्ण व्यवस्था एवं जाति-व्यवस्था की उत्पत्ति पर प्रकाश डालें ।
उत्तर – वर्ण व्यवस्था स्तरीकरण की एक सामाजिक प्रणाली है जो समाज को उनकी सामाजिक और आर्थिक क्षमताओं के आधार पर विभिन्न स्तरों में विभाजित करती है। वर्ण व्यवस्था पदानुक्रमित प्रणाली प्रारंभिक वैदिक काल के दौरान प्रचलित थी। वर्ण व्यवस्था का सबसे पहला संदर्भ ऋग्वेद के दसवें मंडल में पाया जा सकता है। जाति व्यवस्था एक सहज रूप से परिभाषित वर्ग संरचना है। कुछ समाजों में, किसी व्यक्ति की संभावनाओं तक पहुँच उसके मूल परिवार पर निर्भर करती है। जाति व्यवस्था शब्द 1840 के दशक से शुरू हुआ, जबकि जाति शब्द 1500 के दशक से शुरू हुआ। इस निबंध में, हम भारत में जाति व्यवस्था की जाँच करेंगे।
12. महाभारत प्राचीन काल के सामाजिक मूल्यों का अध्ययन करने के लिए एक अच्छा स्रोत कैसे है ?
उत्तर- हाँ, महाभारत प्राचीन काल के सामाजिक मूल्यों का अध्ययन करने का एक अच्छा स्रोत है।
(i) महाभारत उस काल के सामाजिक मूल्यों का विशद वर्णन करता है। यह दो चचेरे भाइयों के बीच की कहानी है और इस प्रकार समाज में संघर्ष के इर्द-गिर्द घूमती है।
(ii) पितृवंशीय उत्तराधिकार पर बल दिया गया है।
(iii) महाभारत कहानियों के माध्यम से धर्मशास्त्रों में निर्धारित जाति और व्यवसाय के बीच के संबंध को पुष्ट करता है। उदाहरण के लिए, गुरु-शिष्य संबंध (एकलव्य)।
(iv) महाभारत में जाति व्यवस्था और विभिन्न जाति समूहों के आपसी संबंधों का विशद वर्णन किया गया है। यह हिडिम्बा के भीम के साथ विवाह की कहानी से स्पष्ट है।
(v) महाभारत पितृसत्तात्मक समाज के प्रमाण भी प्रदान करता है, उदाहरण के लिए, युधिष्ठिर ने पासों के खेल में अपनी पत्नी द्रौपदी को दांव पर लगा दिया।
(vi) कन्यादान या विवाह में बेटी का उपहार पिता का एक महत्वपूर्ण धार्मिक कर्तव्य माना जाता था।
(vii) समाज में विभिन्न प्रकार के विवाह प्रचलित थे।
(viii) महाभारत में माँ और बेटे के बीच के रिश्ते में दो विपरीत सामाजिक मानदंड भी दिए गए हैं। उदाहरण के लिए
(क) पांडवों और उनकी माँ के बीच का रिश्ता (ख) कौरवों और उनकी माँ के बीच का रिश्ता।
13. आर्यभट्ट ने विज्ञान के क्षेत्र में क्या योगदान दिया ?
उत्तर- आर्यभट्ट, एक प्राचीन भारतीय गणितज्ञ और खगोलशास्त्री, ने गणित और खगोल विज्ञान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनके अभिनव कार्यों में दशमलव प्रणाली का आविष्कार और शून्य का प्लेसहोल्डर के रूप में उपयोग, साथ ही पाई के मान की सटीक गणना और ग्रहों की गति का निर्धारण शामिल था। गणित के क्षेत्र में आर्यभट्ट के योगदान में बीजगणित, पाई का सन्निकटन, स्थानीय मान प्रणाली और शून्य, त्रिकोणमिति आदि शामिल हैं। उत्तर: खगोल विज्ञान के प्रति आर्यभट्ट के योगदान में सौरमंडल की गति, नाक्षत्र काल, ग्रहण, सूर्यकेन्द्रवाद आदि शामिल हैं। उत्तर: आर्यभट्ट द्वारा लिखित प्रसिद्ध पुस्तक आर्यभटीय है।
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