बिहार के सरकारी स्कूल में इस दिन से बनेगा ऑनलाइन हाजरी- पुरी प्रक्रिया समझे:-स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति में फर्जीवाड़े पर जल्द लगाम लगेगी।
अगले महीने से चेहरे की पहचान कर बच्चों की बनेगी हाजिरी
अगले महीने से चेहरे की पहचान कर बच्चों की हाजिरी बनेगी। इसके लिए सभी स्कूलों को दो-दो टैब दिये जाएंगे। जिले के 332 स्कूलों के लिए टैब प्रखंड संसाधन केन्द्रों पर पहुंच गये हैं। दो दिन में इसे सभी स्कूलों में उपलब्ध कराया जाएगा।
एक नजर में…
बिंदु | जानकारी |
---|---|
शुरुआत की तारीख | 1 अगस्त 2025 (संभावित) |
प्रक्रिया | मोबाइल ऐप/वेब पोर्टल से सेल्फी अपलोड |
उपस्थिति का समय | सुबह 7:30 से 8:30 |
GPS आधारित प्रणाली | हाँ |
प्रूफ | फोटो, GPS लोकेशन |
ऑफलाइन विकल्प | उपलब्ध (नेटवर्क न होने पर) |
प्रार्थना के समय बच्चों की फोटो होगी अपलोड
जिन स्कूलों को टैब मिल गये हैं, वहां प्रार्थना के समय सभी बच्चों की फोटो अपलोड होगी। एक टैब हेडमास्टर और दूसरा सहायक शिक्षक के पास रहेगा।
जिले के सभी स्कूलों को दो-दो टैब दिये जाएंगे
पहले चरण में मुशहरी, मुरौल औरबंदरा के स्कूलों को टैब मिले हैं। डीपीओ सर्व शिक्षा अभियान सुजीत कुमार ने कहा कि यह टैब ना केवल बच्चों की फोटो के साथ हाजिरी बनाएगा, बल्कि कक्षा में पढ़ाए जाने वाले तस्वीर के साथ ही शिक्षक क्या पढ़ा रहे,यह भी अपलोड होगा। सहायक शिक्षक पहली घंटी में सभी कक्षा में जाकर फोटो अपलोड करेंगे।
अंतिम घंटी की तस्वीरों का होगा मिलान
इस टैब में ऑटोमेटिक व्यवस्था है, जिसमें बच्चों और शिक्षकों के सामने आते ही उनकी फोटो खिचेंगी। पहली के साथ अंतिम घंटी की कक्षा की भी फोटो ली जाएगी। इन दोनों का मिलान किया जाएगा कि बीच में कितने बच्चे कम हुए। इस टैब में बायोमैट्रिक की भी व्यवस्था की गई है।
क्या है यह नई व्यवस्था?
इस नई प्रणाली के तहत:
- जल्द ही इन टैबलेट्स को सभी स्कूलों में उपलब्ध करा दिया जाएगा।
- प्रार्थना के समय सभी बच्चों की फोटो टैबलेट से खींचकर अपलोड की जाएगी।
- प्रत्येक स्कूल को दो टैबलेट दिए जाएंगे – एक हेडमास्टर और दूसरा सहायक शिक्षक के पास रहेगा।
- जिन जिलों में यह तकनीक शुरू हो रही है, उनमें 332 स्कूलों के लिए टैबलेट संसाधन केंद्रों तक पहुंच चुके हैं।
चेहरे की पहचान से हाजिरी कैसे बनेगी?
यह तकनीक पूरी तरह ऑटोमैटिक होगी:
- छात्रों और शिक्षकों की फोटो प्रार्थना के समय ली जाएगी।
- कक्षा की अंतिम घंटी में भी फोटो ली जाएगी।
- दोनों समय की फोटो को मिलान (match) किया जाएगा ताकि यह पता चल सके कि कौन-कौन छात्र पूरे समय स्कूल में मौजूद रहे।
- इसके अलावा, टैबलेट में बायोमेट्रिक सिस्टम भी शामिल किया गया है।
किन जिलों में शुरू हुई योजना?
इस योजना की शुरुआत मुज़फ्फरपुर, मुरौल, और बंदरा के कुछ स्कूलों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में की गई है।
डीईओ सुजित कुमार के अनुसार, यह तकनीक सिर्फ उपस्थिति रिकॉर्ड करने तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि:
- छात्रों के स्कूल में बिताए पूरे समय की निगरानी होगी।
- ग़ैरहाजिर रहने वाले छात्रों का भी पता चलेगा।
किसके पास होगी जिम्मेदारी?
- सहायक शिक्षक को सुबह और अंतिम घंटी के समय छात्रों की फोटो टैबलेट से खींचकर सिस्टम पर अपलोड करनी होगी।
- अगर कोई छात्र उपस्थित नहीं मिलता है, तो उसकी जानकारी प्रशासन तक स्वतः पहुंच जाएगी।
फायदे:
- फर्जी हाजिरी पर रोक
- पारदर्शी और सटीक उपस्थिति प्रणाली
- छात्र अनुशासन में सुधार
- स्कूल प्रशासन की जवाबदेही बढ़ेगी
निष्कर्ष:
बिहार सरकार का यह कदम शिक्षा क्षेत्र में डिजिटलीकरण और पारदर्शिता की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। चेहरों की पहचान तकनीक से अब बच्चों की हाजिरी में गड़बड़ी की कोई गुंजाइश नहीं बचेगी। आने वाले समय में यह व्यवस्था राज्य के सभी जिलों के स्कूलों में लागू की जाएगी।
लेटेस्ट अपडेट पाने के लिए जुड़ें:
👉 हमारे Telegram/WhatsApp चैनल से जुड़ें
👉 इस खबर को शेयर करें ताकि हर शिक्षक और अभिभावक तक जानकारी पहुंचे।
Important Link-
You Tube Channel | SUBSCRIBE |
Telegram Channel | JOIN |
Official website | CLICK HERE |
BSEB Update
- बिहार बोर्ड कक्षा 9वीं 10वीं 12वीं का त्रैमासिक परीक्षा शुरू | स्कूल के टाइम में हुआ बदलाव
- कक्षा 1 से 12वीं तक के बच्चों का ऑनर हाजरी बनाने के लिए | स्कूल में आया टैबलेट
- बिहार बोर्ड इंटर में नामांकन शुरू | एडमिशन फी और ये ये डॉक्यूमेंटस लेकर जाएं