कक्षा 12वीं अक्टूबर मासिक परीक्षा 2024- इतिहास (History) का प्रश्नपत्र उत्तर सहित- Class 12th History October Monthly exam Exam 2024:- इस पोस्ट में बिहार बोर्ड से आयोजित मासिक परीक्षा 2023-25 का प्रश्न पत्र दिया गया है । यदि आप भी बिहार बोर्ड से इंटर बोर्ड परीक्षा 2025 में देंगे । तो आपके लिये स्कूल स्तर पर Monthly exam 2023-25 का आयोजन 21 अक्टूबर से 28 अक्टूबर तक हो रहा है । आपके मासिक परीक्षा के इतिहास विषय का अरिजनल प्रश्न पत्र उत्तर के साथ दिया गया है । इस पोस्ट के माध्यम से बिहार बोर्ड 12th मासिक परीक्षा 2023-25 के इतिहास विषय का प्रश्न पत्र उत्तर के साथ डाउनलोड कर सकते है ।
Bihar Board Class 12th October Monthly exam History Question Paper With Answer
इस पोस्ट के माध्यम से मासिक परीक्षा के History विषय के प्रश्न पत्र का PDF डाउनलोड कर सकते है । इसके साथ-साथ Objective और Subjective प्रश्नों का उत्तर भी डाउनलोड कर सकते है।
कक्षा 12वीं अक्टूबर मासिक परीक्षा 2024- EXAM CENTRE
इस परीक्षा का आयोजन आपके विद्यालय के स्तर पर होगा। अर्थात की जिस भी विद्यालय में आपका नामांकन है। उसी में जाकर आपको परीक्षा देना पड़ेगा |
Admit Card Of 12th October Monthly exam 2023-25
इस परीक्षा के लिए बिहार बोर्ड के तरफ से कोई भी ऑफिशियल एडमिट कार्ड जारी नहीं किया जाएगा। क्योंकि यह आपके विद्यालय के स्तर पर आयोजित होने वाला एकमात्र आंतरिक जांच परीक्षा है।
प्रश्न पत्र कहां से आएगा ?
कक्षा इंटर के मासिक परीक्षा का प्रश्न पत्र बिहार विद्यालय परीक्षा समिति तैयार करके भेजेगा उसके साथ साथ उत्तर पुस्तिका भी बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ही तैयार करके भेजेगा।
कॉपी का जांच कहां होगा ?
कक्षा इंटर के मासिक परीक्षा के कॉपी का मूल्यांकन आपके विद्यालय के स्तर पर ही होगा।
12th October Monthly exam 2024 History Question Paper
CLASS 11TH | October Monthly exam |
SESSION | 2023-25 |
SUBJECT/CODE | History-321 |
EXAM DATE | 26/10/2024 |
SITTING | 1st SHIFT |
TIME | 10:00-11:30 AM |
BSEB Class 12th October Monthly exam History Objective Answer Key –
Q.N. | ANS | Q.N. | ANS |
1. | D | 16. | B |
2. | A | 17. | B |
3. | B | 18. | A |
4. | D | 19. | D |
5. | D | 20. | B |
6. | D | 21. | D |
7. | D | 22. | B |
8. | A | 23. | B |
9. | B | 24. | D |
10. | C | 25. | D |
11. | A | 26. | B |
12. | A | 27. | C |
13. | D | 28. | A |
14. | C | 29. | D |
15. | D | 30. | C |
12th Monthly exam History Subjective Question Download Link –
नीचे दिए गए लिंक से आप सब्जेक्टिव प्रश्न का उत्तर पीडीएफ़ फॉर्मेट में डाउनलोड कर सकते है ।
नोट- यह प्रश्नपत्र और उत्तर 12th के अक्टूबर मासिक परीक्षा 2024 का है । History Question Paper
खण्ड – ब / SECTION – B
लघु उत्तरीय प्रश्न / Short Answer Type Questions
प्रश्न संख्या 1 से 10 तक लघु उत्तरीय हैं। किन्हीं 5 प्रश्नों के उत्तर दें। प्रत्येक के लिए 2 अंक निर्धारित है :
1. दो ‘निर्गुण’ संतों के नाम लिखें ।
उत्तर- निर्गुण संतों के दो नाम ये रहे: कबीर, रैदास.
2. कबीर के मुख्य उपदेश क्या थे ?
उत्तर- कबीर के मुख्य उपदेश :(1) उन्होंने बहुतदेववाद तथा मूर्ति पूजा का खंडन किया। (2) उन्होंने ज़िक्र और इश्क के सूफी सिद्धांतों के प्रयोग द्वारा ‘नाम सिमरन’ पर बल दिया। (3) कबीर के अनुसार परम सत्य अथवा परमात्मा एक है , भले ही विभिन्न संप्रदायों के लोग उसे अलग-अलग नामों से पुकारते हैं। (4) उन्होंने परमात्मा को निराकार बताया।
3. सूफी कौन थे ?
उत्तर- सूफ़ीवाद का पालन करने वाले संत सूफ़ी संत कहलाते हैं। यह इस्लाम धर्म की उदारवादी शाखा है। सूफी संत, ईश्वर की याद में ऐसे खोए होते हैं कि उनका हर कर्म सिर्फ ईश्वर के लिए होता है और स्वयं के लिए किया गया हर कर्म उनके लिए वर्जित होता है, इसलिए संसार की मोहमाया उन्हें विचलित नहीं कर पाती।
4. ख़ानक़ाह क्या था ?
उत्तर-खानकाह एक सूफी संस्था थी जहाँ सूफी सन्त अक्सर रहते भी हैं। सूफी सन्त अपने खानकाहों में विशेष बैठकों का आयोजन करते थे, जहाँ सभी प्रकार के भक्तगण, जिनमें शाही घरानों के लोग तथा अभिजात और आम लोग भी शामिल होते थे, आते थे। वे आध्यात्मिक विषयों पर चर्चा करते थे। अपनी दुनियादारी की समस्याओं को सुलझाने के लिए सन्तों का आशीर्वाद माँगते थे अथवा संगीत तथा नृत्य के जलसों में ही शामिल होकर चले जाते थे।
5. चिश्ती सिलसिला के दो सूफियों के नाम लिखें ।
उत्तर- चिश्ती सिलसिला के दो सूफ़ियों के नाम ये रहे: ख्वाजा मुइनुद्दीन चिश्ती, शेख सलीम चिश्ती
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न / Long Answer Type Questions
प्रश्न संख्या 11. से 15 तक दीर्घ उत्तरीय हैं। किन्हीं 3 प्रश्नों के उत्तर दें। प्रत्येक के लिए 5 अंक निर्धारित है :
11. भक्ति आंदोलन को किन तत्वों ने प्रभावित किया ?
उत्तर- भक्ति आंदोलन को कई तत्वों ने प्रभावित किया, जिनमें से कुछ ये रहे:
- वर्ण व्यवस्था– तत्कालीन भारतीय समाज में वर्ण व्यवस्था के कारण निचले वर्णों की स्थिति बहुत खराब थी.
- मुस्लिम शासकों का अत्याचार– मुस्लिम शासकों के अत्याचारों से त्रस्त हिन्दू जनता ने ईश्वर की शरण में जाकर भक्ति मार्ग अपनाया.
- सूफ़ी संतों का प्रभाव-सूफ़ी संतों की उदारता और सहिष्णुता ने हिन्दुओं को प्रभावित किया.
- शंकराचार्य का ज्ञान मार्ग-शंकराचार्य का ज्ञान मार्ग और अद्वैतवाद अब आम लोगों के लिए समझ में नहीं आ रहा था.
- मूर्ति और मंदिरों का नष्ट होना– मुस्लिम शासकों ने मूर्तियों को नष्ट कर दिया था, जिससे बिना मूर्ति और मंदिर के ईश्वर की आराधना करने का चलन बढ़ा.
12. अलवारों और नयनारों की उपलब्धियों की विवेचना करें ।
उत्तर- अलवार और नयनार संतों की उपलब्धियां इस प्रकार हैं: –
- अलवार और नयनार संतों ने अपने देवताओं की स्तुति करने के लिए तमिल गीतों का जाप करते हुए एक स्थान से दूसरे स्थान पर यात्रा की
- अलवार और नयनार संतों ने जाति प्रथा और ब्राह्मणवाद का विरोध किया. वे विभिन्न समुदायों से थे, जैसे ब्राह्मण, शिल्पकार, किसान, और कुछ तो उन जातियों से आए थे जिन्हें “अस्पृश्य” माना जाता था.
- अलवार और नयनार संतों की रचनाओं को वेदों के समान महत्वपूर्ण माना जाता था. अलवार संतों के मुख्य पृष्ठ काव्य संकलन नलयिरादिव्यप्रबन्धम् को तमिल वेद के रूप में माना जाता था.
- अलवार और नयनार संतों ने भक्ति के माध्यम से मोक्ष प्राप्त करने का एकमात्र तरीका बताया.
- अलवार और नयनार संतों ने कर्मकांडों को खारिज किया और समानता को बढ़ावा दिया.
13. भक्ति आंदोलन के प्रभाव की समीक्षा करें |
उत्तर- भक्ति आंदोलन ने आम जनता की रुचि को ध्यान में रखा और भारतीय समाज की संरचना में सुधार के लिए बड़ी संख्या में समूह और उप-समूह उभरे। नीचे समाज के विभिन्न वर्गों पर आंदोलन के प्रभाव दिए गए हैं।
- धार्मिक प्रभाव
- भक्ति आंदोलन के विकास ने हिंदुओं और मुसलमानों को झूठे अंधविश्वासों से जागृत किया। दोनों धर्मों ने अपने विचारों और प्रथाओं में मतभेदों को दूर करने की सराहना की, जिसके परिणामस्वरूप धार्मिक असहिष्णुता थी। आंदोलन ने ब्राह्मणों की प्रतिष्ठा को भी गिरा दिया और सिख धर्म की संस्कृति विकसित की।
- इसके अलावा, सबसे पवित्र पुस्तक गुरु ग्रंथ साहिब में भी भक्ति संतों द्वारा विभिन्न सामाजिक वर्गों के लिए दिए गए संदेश को आध्यात्मिक सहिष्णुता के विवरण में शामिल किया गया है।
- सामाजिक प्रभाव
- भक्ति आंदोलन का सबसे महत्वपूर्ण प्रभाव जाति व्यवस्था को जड़ से खत्म करके समाज में लाया गया। भक्ति संतों ने समाज में सामाजिक समानता लाने के लिए एक साथ मिलकर काम किया। इसके अलावा, उन्होंने मानक रसोई और भोजन साझा किया, जिसके परिणामस्वरूप एक उन्नत सामाजिक व्यवस्था बनी – भारतीय साहित्य का संवर्धन और मिश्रित कला को बढ़ावा देने से आंदोलन प्रभावित हुआ।
October Monthly exam | CLASS 12TH 2023-25 |
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