सेल्फ डिसिप्लिन से मिलेगी सफलता | बस ये ट्रिक अपना लो

सेल्फ डिसिप्लिन से मिलेगी सफलता | बस ये ट्रिक अपना लो

सेल्फ डिसिप्लिन से मिलेगी सफलता- स्कूली पढ़ाई के बाद कॉलेज जाने की तैयारी कर रहे छात्रों के जीवन में यह समय एक बड़े परिवर्तन से भरा होता है. आप भी अगर पहली बार कॉलेज का रुख कर रहे हैं, तो आपको सकारात्मक तरीके से इस परिवर्तन के लिए स्वयं को तैयार करना होगा. इस दौरान स्वयं को व्यवस्थित एवं समय का पाबंद रखने के लिए सबसे जरूरी होता है सेल्फ डिसिप्लीन विकसित करना, आप अगर ऐसा कर लेते हैं, तो जीवन के हर पड़ाव पर यह गुण आपको सफलता पाने में मदद करेगा. जानें कैसे आप सेल्फ डिसिप्लीन विकसित कर सकते हैं…

आत्म-अनुशासन एक अमूल्य कौशल है, जिसे कोई भी समय के साथ अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए सीख सकता है. कॉलेज की पढ़ाई के बाद आप किसी परीक्षा को पास करने या किसी प्रोजेक्ट को क्रियान्वित करने की कोशिश कर रहे हों या फिर अपने सपनों को साकार करने की कोशिश कर रहे हों या व्यवसाय में प्रतिस्पर्धियों को मात देने की, लक्ष्य प्राप्त करने में आत्म-अनुशासन की अहम भूमिका होती है. आत्म- अनुशासन का अभ्यास जीवन में हमेशा आगे बढ़ने में मदद करता है.

हम आत्म-अनुशासन के साथ पैदा नहीं हुए हैं, यह एक सीखा हुआ व्यवहार है, किसी भी अन्य कौशल की तरह, जिसमें आप महारत हासिल करना चाहते हैं, इसके लिए भी दैनिक अभ्यास और दोहराव की आवश्यकता होती है. यह आदत बन जानी चाहिए. लेकिन आत्म-अनुशासन के लिए प्रयास और फोकस की आवश्यकता होती है, अपनी इच्छाशक्ति को नियंत्रण में रखना कठिन है, लेकिन असंभव नहीं. इस विचार के साथ प्रयास करें.

अब आप सोच रहे होंगे कि कहां से शुरुआत करें? दरअसल आत्म अनुशासन को धीरे-धीरे समय के साथ स्वयं में विकसित करना होता है. यह भावनाओं और आवेगों से जुड़ा एक मनोवैज्ञानिक कार्य है. इसके लिए तर्कसंगत तरीके से अपने ही दिमाग के एक हिस्से के साथ लगातार संघर्ष करना पड़ता है. इच्छा शक्ति को मजबूत बनाने के साथ ही अपने व्यवहार में बदलाव करना होगा. जितना अधिक आप बदलते हैं, यह उतना ही आसान हो जाता है और आपका मस्तिष्क इसके अनुकूल स्वयं को ढालता जाता है. इस प्रक्रिया के लिए, आप प्रश्नों के उत्तर लिखने और अपनी प्रगति पर नजर रखने के लिए एक डायरी का उपयोग कर सकते हैं.

सबसे पहले, अपने जीवन के उन क्षेत्रों की पहचान करके शुरुआत करें, जिनमें आप सुधार करना चाहते हैं. शायद आपके पास एक स्पष्ट रेड फ्लैग यानी चुनौती हो, जैसे परीक्षा के खराब नतीजे, खराब सेहत या और कुछ, जिसे आप अनुशासित रहकर सुधारना चाह रहे हों. यदि आप सुनिश्चित नहीं हैं कि कहां से शुरू करें, तो लिखें कि आप एक दिन में अपना समय कैसे व्यतीत करते हैं. संकेतों के लिए अपने कैलेंडर या फोन की स्क्रीन टाइम रिपोर्ट देखें. फिर, आप जिसे महत्व देते हैं उस पर विचार करें और अपने आप से पूछें कि क्या आपका व्यवहार उन मूल्यों को बरकरार रखता है.

हम जब असीमित इच्छाशक्ति की मानसिकता को अपनाते हैं, तो हम बढ़ते रहते हैं, अधिक हासिल करते हैं और मानसिक दृढ़ता विकसित करते हैं. इच्छाशक्ति और आत्म-नियंत्रण के बारे में हमारी आंतरिक अवधारणाएं यह निर्धारित कर सकती हैं कि हम कितने अनुशासित हैं. यदि आप इन अवचेतन बाधाओं को दूर कर सकते हैं और वास्तव में विश्वास करते हैं कि आप यह कर सकते हैं, तो आप उन लक्ष्यों को वास्तविकता बनाने के लिए खुद को अतिरिक्त प्रेरणा देंगे

Whtsapp ChannelJOIN
Telegram ChannelJOIN
You Tube ChannelSUBSCRIBE
Official NotificationCLICK HERE
Official websiteCLICK HERE

CLASS 11TH

BSEB UPDATE

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *