बिहार बोर्ड मैट्रिक इंटर परीक्षा के तुरंत बाद आयेगा रिजल्ट- नोटिफिकेशन जारी

बिहार बोर्ड मैट्रिक इंटर परीक्षा के तुरंत बाद आयेगा रिजल्ट- नोटिफिकेशन जारी

बिहार बोर्ड मैट्रिक इंटर परीक्षा के तुरंत बाद आयेगा रिजल्ट- केंद्राधीक्षकों की लापरवाही से इंटर का रिजल्ट लटक सकता है। इंटर की कॉपियों की बार कोडिंग में केंद्र अधीक्षकों ने गड़बड़ी की है। केन्द्राधीक्षकों को कॉपियों पर जिस तरफ हस्ताक्षर करना है, उधर हस्ताक्षर मुहर नहीं लगाकर परीक्षार्थियों की पहचान वाले फ्लाइंग स्लीप पर हस्ताक्षर कर दिया गया है।

मुजफ्फरपुर समेत अन्य जिलों में कई केन्द्रों से इस तरह की गड़बड़ी सामने आई है। ऐसे केंद्रों के परीक्षार्थियों की पहचान नहीं हो पाएगी। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने ऐसे केंद्र अधीक्षकों की चिन्हित कर कार्रवाई कर आदेश दिया है। सही जगह पर हस्ताक्षर और मुहर नहीं होने के कारण इन परीक्षार्थियों के रिजल्ट का मामला लटकेगा।

बारकोडिंग में खुला इस तरह मामला : परीक्षा नियंत्रक ने मुजफ्फरपुर समेत सभी जिले के डीईओ को निर्देश दिया है। इंटर परीक्षा एक फरवरी से प्रारंभ है, जो 12 फरवरी तक चलेगी। परीक्षा के अगले दिन व्यवहृत उत्तरपुस्तिकाओं के बारकोडिंग का कार्य जिला पदाधिकारी के नियंत्रण में जिला बारकोडिंग केन्द्र पर हो रहा है।

बोर्ड ने कहा है कि परीक्षाफल तैयार करने के क्रम में दाहिने भाग (फ्लाइंग स्लिप) में चस्पा और मुद्रित बारकोड की मशीन द्वारा स्कैनिंग के बाद परीक्षार्थियों की पहचान होती है। कई केन्द्राधीक्षकों द्वारा उत्तरपुस्तिकाओं के आवरण पृष्ठ के दाहिने भाग पर बारकोड बॉक्स में हस्ताक्षर एवं मुहर करने के कारण स्कैनिंग में कठिनाई होगी। परीक्षार्थियों की पहचान नहीं हो पाएगी। ऐसे में परीक्षाफल प्रभावित होने की प्रबल संभावना है।

राज्य के माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों में नियुक्त नए शिक्षक भी मैट्रिक-इंटर की परीक्षा की कॉपियों की जांच करेंगे।

मूल्यांकने के लिए परीक्षक के तौर पर नियुक्ति के लिए शिक्षक के निर्धारित शैक्षणिक कार्यानुभव की डेढ़ वर्ष समय सीमा की बाध्यता को शिथिल कर दिया गया है। बीपीएससी से नियुक्ति शिक्षक भी इस साल परीक्षक बन सकेंगे। इस बाबत शिक्षा विभाग के माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद ने बिहार बोर्ड के सचिव को पत्र लिखा है। पहले चरण में चयनित एक लाख दो हजार शिक्षकों ने योगदान किया है। दूसरे चरण और पहले चरण के पूरक रिजल्ट में सफल 76 हजार शिक्षकों की काउंसिलिंग हुई है, जिनके स्कूल आवंटन की प्रक्रिया चल रही।

दूसरे चरण में नियुक्त शिक्षका को 81 विभिन्न केंद्रों पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। अब तक 36 हजार शिक्षकों का प्रशिक्षण पूरा हो गया है। शेष 38 हजार का प्रशिक्षण 15 दिनों में पूरा होगा। राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद के निदेशक सज्जन आर. ने बताया कि बच्चों को पढ़ाने के तीरके, स्कूल संचालन, बच्चों से कैसे बात करनी है आदि की जानकारी दी जा रही है। प्रशिक्षण एक माह में खत्म हो जाएगा। इसके बाद नियोजित शिक्षकों को भी 15 दिनों का विशेष प्रशिक्षण देने की बात चल रही है। सक्षमता परीक्षा बिहार बोर्ड की ओर ली जाएगी।

  • 01 लाख दो हजार शिक्षकों ने योगदान किया है पहले चरण में
  • 36 हजार शिक्षकों का प्रशिक्षण पूरा हो गया दूसरे चरण का
  • 23 फरवरी तक मैट्रिक की वार्षिक परीक्षा का होगा आयोजन
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