शिक्षा विभाग के खतरनाक नियम | अगर आप भी बिहार बोर्ड के छात्र है तो हो जाएं सावधान

शिक्षा विभाग के खतरनाक नियम | अगर आप भी बिहार बोर्ड के छात्र है तो हो जाएं सावधान

शिक्षा विभाग के खतरनाक नियम | अगर आप भी बिहार बोर्ड के छात्र है तो हो जाएं सावधान:-स्कूलों के निरीक्षण में छात्रों की 50 प्रतिशत से कम उपस्थिति पर प्रधानाध्यापक के उस दिन का वेतन काट लिया जायेगा. साथ ही 50 प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित होने तक प्रतिदिन शाम पांच बजे डीइओ कार्यालय में हेड मास्टर की हाजिरी लगेगी. स्कूलों में 75 प्रतिशत से अधिक छात्रों की उपस्थिति आवश्यक है. डीइओ समर बहादुर सिंह ने माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानों की बैठक में इसे लेकर कई निर्देश दिये हैं.

रुटिंग के अनुसार वर्ग कक्ष संचालन. मिशन दक्ष के बच्चों की पढ़ाई तथा विशेष कक्षा संचालन में सभी शिक्षकों का उपयोग, जिस संकाय में नामांकन नहीं है अथवा कम बच्चे हैं, उसके शिक्षकों को दूसरे विषय की कक्षा लेने अथवा विशेष कक्षा लेने का निर्देश दिया है. अतिरिक्त शिक्षकों को पोषक क्षेत्र के प्राथमिक एवं मध्य विद्यालय में मिशन दक्ष कक्षा के संचालन में सहयोग करना है. डीइओ ने सभी हाइ स्कूलों के एचएम को इन निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा है.

डीइओ ने प्रत्येक कार्य दिवस में सभी एचएम को सुबह छह बजे तक शिक्षक उपस्थिति पंजी एवं उपस्थित शिक्षकों का समूह फोटो रियल टाइम एवं नोट कैम से खींचकर बीआरसी के संबंधित पदाधिकारी अथवा कर्मी को उपलब्ध कराने को कहा है. सभी शिक्षकों को प्रतिदिन अनिवार्य रूप से पाठ-टीका एवं पाठ-योजना तैयार करना है.

  • फिर 50 फीसदी उपस्थिति होने तक हर शाम डीइओ कार्यालय में एचएम की हाजिरी
  • नहीं या कम छात्र वाले संकाय के शिक्षक अन्य विषयों का लेंगे क्लास
  • पोषक क्षेत्र के प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों में पढ़ाने जायेंगे हाइस्कूल के अतिरिक्त शिक्षक
  • डीइओ ने विद्यालय संचालक को लेकर जारी किया दिशा- निर्देश

उच्च विद्यालयों में आइसीटी लैब लगाया जायेगा. इसके फर्नीचर का निर्माण छात्र कोष एवं विकास कोष की राशि से किया जायेगा. जहां छात्र कोष एवं विकास कोष की राशि नहीं होगी. वहां के एचएम इसकी मांग समग्र शिक्षा अभियान के डीपीओ से करेंगे.

राज्य के सभी यूनिवर्सिटियों व कॉलेजों के स्टूडेंट्स को वन नेशन वन स्टूडेंट्स से जोड़ना है. इसके लिए लगातार दिशा-निर्देश जारी किये जा रहे हैं. वन नेशन वन स्टूडेंट्स आइडी में छात्रों के सारे शैक्षणिक रिकॉर्ड होंगे. एकेडमिक सर्टिफिकेट होंगे. छात्र अपने क्रेडिट सर्टिफिकेट, ट्रांसक्रिप्ट को अपलोड करेंगे. एबीसी या अपार आइडी एक तरह से वर्चुअल स्टोर हाउस है, जो हर स्टूडेंट्स के डेटा का रिकॉर्ड रखेगा.

यूजीसी ने सभी यूनिवर्सिटियों को कहा है कि उच्च शिक्षा में आने वाले स्टूडेंट्स को एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट्स प्लेटफॉर्म से जल्द जोड़ा जाये. यूजीसी ने कहा है पूरे देश में यह प्रक्रिया जारी है. अभी तक देश में 29.79 करोड़ छात्रों की आइडी बनायी जा चुकी है. स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या 25.17 करोड़ है. स्कूलों में छात्रों के लिए ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक एकाउंट रजिस्ट्री (अपार) बनायी जा रही है. पीयू ने एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट्स (एबीसी) प्लेटफॉर्म से स्टूडेंट्स को जोड़ना शुरू कर दिया है.

यूजीसी अध्यक्ष प्रो एम जगदीश कुमार ने कहा कि यूनीक आइडी से शिक्षा मंत्रालय को ड्रॉप आउट छात्रों की सही संख्या का पता लग सकेगा और उनको वापस मुख्यधारा में लाने के प्रयास किये जा सकेंगे. छात्रों के सारे सर्टिफिकेट डिजिटल रूप से सुरक्षित रहेंगे. रिजल्ट रिपोर्ट कार्ड, हेल्थ कार्ड, लर्निंग आउटकम, ओलंपियाड, खेल, समेत सभी उपलब्धियों को डिजीलॉकर से एक्सेस किया जा सकेगा. सरकारी योजनाओं का लाभ छात्र तक आसानी से पहुंच सकेगा.

अगर छात्र एक से दूसरे संस्थान में जाना चाहेगा तो उसका ट्रांसफर आसान होगा. यूजीसी के चेयरमैन प्रो एम जगदीश कुमार का कहना है कि अभी तक देश में 29.79 करोड़ छात्रों के एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट व अपर आइडी बनाये जा चुके हैं. उच्च शिक्षा संस्थानों की बात करें तो 1944 संस्थानों में 2.93 करोड़ एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट बनाये गये हैं. प्रो कुमार का कहना है कि शिक्षण संस्थानों को रेगुलर मॉनिटर करना होगा. उनका कहना है कि यूजीसी इस मसले पर यूनिवर्सिटी के साथ रिव्यू मीटिंग की जा रही है. स्किल एजुकेशन सेंटरों के भी 1.33 करोड़ छात्र इस प्लेटफॉर्म से जुड़ चुके हैं.

जिले के सरकारी स्कूल में चल रहे दक्ष क्लास में शामिल कक्षा पांचवीं और आठवीं के बच्चों की विशेष परीक्षा 28 मई को आयोजित की जायेगी. दक्ष क्लास में शामिल बच्चों के लिए आयोजित की जाने वाली विशेष परीक्षा का प्रश्न पत्र सह उत्तर पुस्तिका 24 मई को जिला मुख्यालय से प्राप्त होगा. बिहार शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से निर्देशित किया गया है कि प्रखंड प्रबंध इकाई के किन्हीं एक सदस्य को नामित करते हुए 12 बजे जिला मुख्यालय में प्रशन पत्र सह उत्तर पुस्तिका प्राप्त करना होगा.

इसके लिए सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी की जवाबदेही होगी कि 26 मई तक सभी विद्यालय प्रधान को निर्धारित संख्या में प्रश्न पत्र सह उत्तर पुस्तिका मुहैया करायें. परीक्षा समाप्त होने के बाद कॉपी की जांच बगल के दो स्कूलों के शिक्षकों को करना होगा. 30 मई तक उत्तर पुस्तिका की जांच करना और एक जून तक रिजल्ट को जिला शिक्षा कार्यालय को रिपोर्ट सौंपना अनिवार्य है. मिशन दक्ष के तहत उपचारात्मक शिक्षा प्राप्त कर रहे बच्चों की विशेष परीक्षा दिनांक 28 मई को आयोजित की जायेगी.

इंटर में पढ़ाई कर रहे छात्र-छात्राओं की भी अब मासिक परीक्षा होगी। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने इस बाबत सभी जिलों को दिशा निर्देश भेजा है। जारी शेड्यूल के अनुसार प्लस टू स्कूलों में 21 मई से 3 जून तक 12वीं कक्षा के छात्र-छात्राओं की मासिक परीक्षा ली जाएगी।

मासिक परीक्षा के सैद्धांतिक विषयों के लिए गोपनीय एजेंसी द्वारा जिला शिक्षा कार्यालय में प्रश्न पत्र भेज दिया गया है। 3 जून को परीक्षा समाप्त होने के बाद 6 जून तक परीक्षा का परिणाम भी घोषित कर दिया जाएगा। बताया जाता है कि दो पालियों में परीक्षा होगी। 21 मई को पहली पाली में भौतिकी, इंटरप्रेन्योरशिप व दर्शनशास्त्र, दूसरी पाली में रसायन, एकाउंटेंसी व राजनीति विज्ञान की परीक्षा होगी। 22 मई को पहली पाली में गणित और दूसरी पाली में जीव विज्ञान, बिजनेस स्टडी और भूगोल, 27 मई को पहली पाली में अंग्रेजी और दूसरी में हिन्दी, 28 को पहली पाली में द्वितीय भारतीय भाषा और दूसरी पाली में मनोविज्ञान, 29 को पहली पाली में एग्रीकल्चर और अर्थशास्त्र तथा दूसरी में समाजशास्त्र, 30 मई को पहली पाली में इतिहास और दूसरी पाली में संस्कृत और 3 जून को पाली पाली में गृह विज्ञान की परीक्षा ली जाएगी।

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