69वीं बीपीएससी का रिजल्ट जारी- यहाँ से देखें टॉपर लिस्ट और टॉपर की स्ट्रेटजी

69वीं बीपीएससी का रिजल्ट जारी- यहाँ से देखें टॉपर लिस्ट और टॉपर की स्ट्रेटजी

69वीं बीपीएससी का रिजल्ट जारी- यहाँ से देखें टॉपर लिस्ट और टॉपर की स्ट्रेटजी:-एकीकृत 69वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा का फाइनल रिजल्ट बीपीएससी ने मंगलवार को जारी कर दिया. इसमें 470 सफल हुए हैं जिसमें एकीकृत 69वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा में 361, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी में 10, वित्तीय प्रशासनिक पदाधिकारी एवं समकक्ष में 98 और पुलिस उपाधीक्षक परिचालन एवं उपाधीक्षक तकनीकी के पद पर एक अभ्यर्थी का चयन हुआ है.

सीतामढ़ी के उज्ज्वल कुमार उपकार टॉपर बने हैं. उज्ज्वल कुमार जुलाई 2024 से हाजीपुर में बीडब्ल्यूओ के पद पर तैनात हैं. क्रांति कुमारी महिला टॉपर बनी हैं जिन्हें ओवरऑल छठा स्थान मिला है. विदित हो कि बीते 31 अगस्त को चार श्रेणियों की सेवाओं के लिए ली गयी एकीकृत 69वीं बीपीएससी मुख्य परीक्षा का रिजल्ट प्रकाशित हुआ था जिसमें 1295 सफल हुए थे. इसमें 69वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा में सफल घोषित किये गये थे जिन्हें साक्षात्कार के लिए बुलाया गया था. इनमें से 972 साक्षात्कार में उपस्थित हुए थे. बाल विकास परियोजना पदाधिकारी के लिए 27 अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलाया गया जिसमें से 26 साक्षात्कार में शामिल हुए.

टॉपर उज्ज्वल कुमार उपकार सीतामढ़ी के रायपुर गांव के रहने वाले हैं. उनकी पूरी। शिक्षा सरकारी स्कूल व कॉलेज में हुई और माध्यम भी हिंदी रहा. गांव के ही स्कूल से 10वीं पास करने के बाद उन्होंने बरियारपुर के किसान कॉलेज से 12वीं पास की. पिता सुबोध कुमार गांव में ही खुद की कोचिंग चलाते हैं और मां आंगनबाड़ी सेविका हैं. एनआइटी, उत्तराखंड से मैकेनिकल इंजीनियर उज्जवल के जीवन में टर्निंग प्वाइंट कोरोना के समय आया. कोविड के दौरान जब वह घर आये तो प्राइवेट जॉब छोड़ प्रशासनिक सेवा की तैयारी में जुट गये. नौकरी छोड़ने के बाद लोग माता-पिता को ताना दिया करते थे कि यह लड़का इंजीनियर की नौकरी छोड़ कर कुछ नहीं कर पायेगा. 67वीं बीपीएससी में उन्हें 496 वां रैंक मिला.

वैशाली जिले में गोरौल प्रखंड में कल्याण पदाधिकारी के पद पर पदस्थापित उज्जवल दो भाई व एक बहन में सबसे बड़े हैं. छोटी बहन बीपीएससी से शिक्षिका है. जॉब के साथ-साथ अगली तैयारी पर वे कहते हैं कि रोज मेरी ड्यूटी सुबह 10 से शाम 5 बजे तक रहती थी. कई बार सात भी बज जाते थे. लेकिन, रूम पर जब पहुंचता तो, देर रात 2 बजे तक पढ़ाई करता. उज्ज्वल ने बताया कि बीपीएससी के 10 साल के इतिहास में पहली बार कोई हिंदी मीडियम से पढ़कर टॉपर बना है. उज्जवल ने बताया की जब मैं पटना में पढ़ता था तो आइपीएस शिवदीप लांडे सिटी एसपी थे. उस समय उन्हें उसे भी वर्दी पहनने का शौक चढ़ा था. तभी से वह अपने लक्ष्य के लिए जी तोड़ मेहनत करने लगा.

श्रेणीलिखितफाइनल
अनारक्षित466552
अनारक्षित महिला463548
इडब्ल्यूएस454552
इडब्ल्यूएस महिला442540
एससी423522
एससी महिला402504
एसटी423539
एसटी महिला385490
इबीसी447545
इबीसी महिला434535
बीसी457552
बीसी महिला455538
बीसीएल438538
रैंक टॉपरसेवा
1 उज्ज्वल कुमारबिपुसे
2 सर्वेश कुमारबिपुसे
3 शिवम तिवारीबिपुसे
4 पवन कुमारबिपुसे
5 विनीत आनंदएआरसीएस
6 तक्रांति कुमारीआरइवी
7 संदीप कुमार सिंहबिपुसे
8 राजन भारतीबिपुसे
9चंदन कुमारआरइवी
10 नीरज कुमारइओ

सेकेंड टॉपर सर्वेश कुमार रिजल्ट से बहुत खुश हैं. सर्वेश अपने पिता की मेहनत को याद करते हुए कहते हैं- पिता जी निजी स्कूल इल में में शिक्षक है. उन्होंने बहुत संघर्ष से हमें पढ़ाया है. उन्हीं के सपोर्ट से चौथी चार में मुझे यह सफलता मिली है. इसमें माल, पिता, पत्नी सहित सभी ने मदद की, मैं गया का रहने वाला हूं. वहीं से बिहार बोर्ड से पढ़ा. एनआइटी अगरतल्ला से बीटेक किया, चाणक्य आइएएस एकेडमी से तैयारी में काफी मदद मिली,

पढ़ाई में निरंतरता बनाये रखने से सफलता जरूर मिलेगी, पिछले वर्ष के प्रश्न पत्रों को अपना ग्रंथ बना ले. निगेटिविटी और डिस्ट्रैक्शन से दूर रहें, मुझे डीएसपी पद मिला है. में साथ पुलिस फ्रेिंडली रिलेशन और लॉ एंड आर्डर को ठीक रहने में पूरा योगदान देना चाहता हूँ.

थर्ड टॉपर शिवम तिवारी उत्तर प्रदेश के देवरिया के रहने वाले हैं. यह फिलहाल प्रयागराज के कौशांबी में समाज कल्याण विभाग में कोर्स को आर्डिनेटर के पद पर संविदा पर तैनात है, इससे पहले उन्होंने दो बार बीपीएससी दिया। या. यह उनका तीसरा अटेमट था, उनके पिता बुजेश तिवारी रिटायर्ड कर्मचारी है. उनकी माता अनिता कुमारी ग्रहणी है. उन्होंने सेल्फ स्टडी कर ही इस कामयाबी को हासिल किया है. शिवम दी भाई हैं.

पढ़ाई के लिए एकाग्रता जरूरी है. पिछले वर्षों के शन पत्रों का अध्ययन अच्छी तरह करें, सफलता के लिए कड़ी मेहनत जरूनी है. सुबह की पढ़ाई करकी महत्वपूर्ण होती है. इसलिए, सुबह 5 बजे उठकर पढ़ाई करता था. डेली सटीन को भी फॉलो करता था.

बक्सर के पवन कुमार को चौया रैंक हासिल हुआ है. उन्होंने तीसरे अटेष्ट में यह सफलता हासिल की है. बीपीएससी द्वारा जारी रिजल्ट में मुझे डीएसपी का पद दिया गया है. मुझे इस बात वीि खुशी है कि मेरी मेहनत रंग लायी है. इस सफलता का श्रेय में अपने परिवार के सदस्यों और अपने ग्रुप में शामिल दोस्तों को देना चाहता हूं. तमन्ना है कि यूपीएससी कैक करू, मैं फिलहाल दिल्ली में ही रहकर ही यूपीएससी की तैयारी कर रहा हूं.

परीक्षा की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों को मैं यही कहना चाहता हूं कि अपने लक्ष्य को पाने के लिए हमेशा प्रथासरव रहे, मैंने परीक्षा की तैयारी के लिए प्रतिदिन छह से आठ घंटे पढ़ाई की थी. मेस परीक्षा के समय तो करीब करीब 10 से 11 घंटे प्रतिदिन पढ़ता था|

सारण के मशरख प्रखंड के रामपुर पकड़ी निवासी विनीत आनंद को पांचवां स्थान मिला है. इनका जीवन संघों से भरा रहा. छोटी उम्र में ही पिता का साथ छूट गया. पिता अवधेश तिवारी आर्मी में थे, उनका देहात 2004 में ही हो गया था. 10-12 साल तक जिंदगी काफी संघर्ष गुजरी, प्रारंभिक पढ़ाई मांग में हुई. इसके बाद ग्रेजुएशन दिल्ली यूनिवर्सिटी से हिस्ट्री ऑनर्स में 2017 में पूरी हुई, फिर रेलवे में टेक्निशयन का जॉब लगा,

तैयारी के लिए औसतन छह से सात घंटा जरूर निकाले, लक्ष्य ता है, तो उसी के अनुसार पढ़ाई करें, मैने रेलवे की जॉब छोड़ कर यूपीएससी की तैयारी की. इंटरव्यू तक पहुंचा, बड़ी बहन ट्यूशन पढ़ा कर भाई के सपनों को सकार करती रहीं. उसी ने मुझे पढ़ाया

औरंगाबाद जिले की रहने वाली क्रांति कुमारी ने 69वी बीपीएससी में व्या स्थान हासिल किया है. इन्होंने पहले ही प्रयास में सफलता हासिल की है. क्रांति ने अपना पूरा बचपन झारखंड के धनचाद जिले में बिताया है, वहीं से कांति कुमारी पढ़ाई भी की है. यह एसएसएलएनटी महिला कॉलेज धनबाद से रसायन विज्ञान में स्नातक है. उन्होंने घर में रहकर ही बीपीएससी की तैयारी की.

बीपीएससी में टीप 7 रहना मेरी तीन वर्षों की मेहनत का नतीजा है. तीसरे अटेष्ट मैं मुझे यह सफलता हासिल हुई है. मुझे डीएसपी पद पर योगदान देने का अवसर मिला है, मैं अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को देना चाहता हूं, मैंने पिछले दो सालों से दिल्ली में रहकर परीक्ष की तैयारी की श्री. कोशिश रहेगी जो भी जिम्मेदारी मुझे सौंपी गयी है, उस घर में खरा उतरू समाज के विकास में योगदान दे सकूं

सीवान जिले के मदेशिलापुर पश्चिम टोला गांव के राजन भारती ने श्वां स्थान हासिल किया है. यह सफलता दूसरे प्रयास में मिली है, राजन ने गांव में रहकर ही 12वीं तक की पढ़ाई की. इसके बाद पटना आ गये, यहां बोरिंग रोड विश्वविद्यालय में पढ़ते थे. राजन ने कहा कि काफी संघर्ष से पढ़ाई की है. मां में रहकर तैयारी कर रहे थे. वे घटना रीता देवी आंगनबाड़ी सेविका है, जबकि पिता सरपंच है.

बया के कोइरीवाड़ी के रहने वाले वदन कुमार को प्रथा रैक मिला है, वे 12 साल से नौकरी कर रहे हैं, शरीर के दाहिने हाथ-पांव से विकलांग होने के बाद भी उन्होंने यह सफलता हासिल की. 2012 में वे गया के पोरस्टल डिपार्टमेंट में पहली बार चयनित हुए में. इन्होंने बौधीएससी की तैयारी करनी नहीं छोडी, यह सफलता उन्हें तीसरी बार में मिली है. इससे पहले साल 2022 में इंटरव्यू में दो नंबर से पीछे रह गये,

वां स्थान हासिल करने वाले नीरज कुमार जमुई जिले के सिगारपुर खैरा प्रखंड का रखने वाले हैं. यह उनका चौथा प्रयास था. इससे पहले पीटी उत्तीर्ण रैंक हुआ, लेकिन मेन्स किलयर नहीं कर सके. हार नहीं मानी और तैयारी और दोगुनी मेहनत के साथ जारी रखी. बिहार बोर्ड से पढ़ाई की. एानास कॉलेज बाढ़ से अर्थशास्त्र में स्नातवा किया. इसके बाद से ही लक्ष्य निर्धारित कर तैयारी प्रारंभ कर दी.

6वें प्रयास में बीपीएससी में सफलता हासिल की है. उन्होंने इस 15वां स्थान हासिल किया है. विक्रमजीत अभी बीडब्ल्यूओं के पद पर मकदूमपुर में सेवा दे रहे हैं. उन्होंने साल 2024 में ही ज्वाइन की थी, वे सोनपुर के रहने वाले है. उन्होंने वहीं से 12वीं तक की पढ़ाई की है, इसके बाद दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की.

गया के आजमगढ़ गांव के रहने वाले उपेंद्र प्रसाद के पुत्र पुंकेश राज ने भी इस परीक्षा में सफलता हासिल की है. पुकेश 56या बैंक लाकर रेवेन्यू ऑफिसर बने है. प्रारंभिक शिक्षा गांव में ही सरकारी स्कूल से हुई, गया के दांडीबाग स्थित बाल विद्या मंदिर से आगे की पढ़ाई जारी रखी. उनकी मां प्रभा कुमारी उन्ा माध्यमिक विद्यालय परसावां खुर्द में नियोजित शिक्षक के रूप में कार्यरत है.

वैशाली के चेहराकला स्थित खौरम्पुर निवासी राजीव कुमार को 295वां रैक मिला है. मंगलवार की देर शाम रिजल्ट आते ही परिवार में खुशी की लहर र दौड़ गयी, राजीव ने गांव में ही रहकर बीपीएससी की तैयारी की पिता बैजनाथ सहनी मजदूरी करते हैं, वे कहते हैं कि चार भाइयों में सबसे बड़े होने के कारण घर की जिम्मेदारी भी थी, फिर भी पिता ने मजदूरी कर मुझे पढ़ाया, सभी भाइयों का सहयोग रहा. मैं बुआ के पारा दिल्ली में रहता था. वहीं से स्कूली शिक्षा और इंटर भी की, 2019 में मा की तबीयत खराब ही गयी इसके बाद में वैशाली आ गया और परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी.

कोरोना काल में गाव में रहकर पढ़ाई की, जिसमें पूरे परिवार ने सहयोग किया, माता-पिता का सपना था कि मैं अधिकारी बनूं, उनके सपनों को पूरा करना मेरा जुनून बन गया. राजीव कहते हैं जिंदगी में कई परेशानियां आयी, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. वे अपने लक्ष्य के लिए पढ़ते रहे.

126यां रैंक) दोनों बहनों ने दूसरे प्रवास में सफलता पायी है. देनों का चयन राजस्व पदाधिकारी के रूप में हुआ बेगी है. उनके मामा जदयू नेता व सामाजिक कार्यकर्ता डॉ जितेंद्र कुमार ने कहा कि दोनों पढ़ने में तेज हैं और दीनों ने नेट भी क्वालीफाई किया है. इनकी माता पुलिस पदाधिकारी रहते हुए बच्चों पर विशेष ध्यान देकर उनकी पढ़ाई करावी है.

श्रेणीलिखित परीक्षा का कट ऑफफाइनल कट ऑफ
अनारक्षित477574
अनारक्षित महिला454565
इडब्ल्यूएस466543
बीसी471566
श्रेणीलिखित परीक्षा का कट ऑफफाइनल कट ऑफ
अनारक्षित549589
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