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सोना चांदी का दाम छु रहा है आसमान | मंहगाई अपने चरम पर- देखें किमत

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By arcarrierpoint

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सोना चांदी का दाम छु रहा है आसमान | मंहगाई अपने चरम पर- देखें किमत

सोना चांदी का दाम छु रहा है आसमान | मंहगाई अपने चरम पर- देखें किमत:-गोल्ड और शेयर मार्केट के ट्रेंड में शुक्रवार को बदलाव दिखा। सेंसेक्स में जहां 793 अंकों की गिरावट आई, वहीं, 24-कैरेट सोने की कीमत 1,351 रु. बढ़कर पहली बार 73,000 से ऊपर पहुंच गई। इसके साथ ही सोना 73,174 रु. प्रति 10 ग्राम हो गया। 22 कैरेट यानी जेवराती सोना भी 1,237 रु. महंगा होकर 67,027 प रति ग्राम के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया।

इस महीने सिर्फ 9 दिन में 24 कैरेट सोना 5,922 रु. और 22-कैरेट सोना 5,424 रु. महंगा हो चुका है। एक साल में 24 कैरेट सोना 12,784 रु. (21.17%) और जेवराती सोना 11,710 रु. महंगा हुआ है। 11 अप्रैल 2023 को 24- कैरेट सोना 60,390 रु. और जेवराती सोना 55,317 रु. प्रति 10 ग्राम था। चांदी की कीमत भी पहली बार 84,000 के करीब पहुंच गई है। शुक्रवार को कीमत 1,476 रु. बढ़कर 81,819 रु. प्रति किलो के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। इससे पहले 10 अप्रैल को यह 82,343 रु. के रिकॉर्ड स्तर तक पहुंची थी। अप्रैल में अब तक चांदी 13.07% यानी 9,692 रुपए महंगी हो चुकी है।

सोने-चांदी के उलट शेयर बाजार में गिरावट देखी गई। सेंसेक्स 793.25 अंक यानी 1.06% गिरावट के साथ 74,245 पर बंद हुआ। निफ्टी भी 234.40 अंक गिरकर (-1.03%) 22,519.40 पर रहा। विश्लेषकों के मुताबिक, देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टीसीएस का मुनाफा उम्मीद से ज्यादा 9% बढ़ने से शेयर बाजार की गिरावट कुछ कम रही।

अमेरिका में मार्च में महंगाई दर 0.40% बढ़कर 3.80% तक पहुंच गई। ऐसा वहां के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के लिए बड़ी चुनौती है जो महंगाई दर 2% के आसपास लाना चाहता है। केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया ने कहा, अब इस बात की संभावना कम है कि फेड ब्याज दरों में कटौती करेगा। ईरान और इजराइल के बीच तनाव भी बढ़ा है। इन दो वजहों से दुनियाभर के शेयर बाजारों में गिरावट आई। इस रिस्की माहौल में सोने की डिमांड बढ़ गई, जो महंगाई समेत तमाम तरह के जोखिम से बचाव का सबसे उम्दा साधन है।

खाद्य उत्पादों की कीमतों में नरमी आने से मार्च में खुदरा मुद्रास्फीति घटकर पांच महीनों के निचले स्तर 4.85 प्रतिशत पर आ गई। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति फरवरी में 5.09 प्रतिशत थी जबकि मार्च, 2023 में यह 5.66 प्रतिशत पर रही थी। मार्च में खुदरा मुद्रास्फीति पांच महीनों के निचले स्तर पर रही है। इसके पहले अक्तूबर, 2023 में यह 4.87 प्रतिशत रही थी।

भारतीय रिजर्व बैंक के लक्ष्य दायरे में महंगाईः उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित महंगाई आरबीआई के लक्ष्य के दायरे में है। भारतीय रिजर्व बैंक को खुदरा महंगाई दो फीसदी घट-बढ़ के साथ चार फीसदी पर रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है। फरवरी में महंगाई दर लगातार सातवें महीने आरबीआई के दो से छह फीसदी के संतोषजनक दायरे में है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस वित्त वर्ष की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति समिति की बैठक के परिणामों की घोषणा करते हुए मुद्रास्फीति को प्रमुख चुनौती बताया था। उस दौरान आरबीआई गवर्नर ने सकेत दिए थे कि खुदरा मुद्रास्फीति धीरे-धीरे चार प्रतिशत की वांछनीय सीमा के भीतर लौट रही है।

महीनावास्तविक दरपूर्वानुमान
मार्च 20244.854.91
फरवरी 20245.095.02
जनवरी 20245.105.09
दिसंबर 20235.695.87

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, मार्च में फूड बॉस्केट में महंगाई 8.52 प्रतिशत थी, जो फरवरी में 8.66 प्रतिशत थी। फरवरी में खुदरा महंगाई 5.09 फीसदी और एक साल पहले की समान अवधि में यह 5.66 फीसदी पर थी।

मार्च में बिजली, ईधन महंगाई दर – 0.77 फीसदी से घटकर – 3.24 फीसदी हो गई है। कपड़े, जूते- चप्पल महंगाई दर 3.14 फीसदी से घटकर 2.97 फीसदी है। इसके अलावा हाउसिंग महंगाई दर 2.88 फीसदी से घटकर 2.77 फीसदी हो गई।

मार्च में शहरी महंगाई दर 4.78 फीसदी से घटकर 4.14 फीसदी हो गई है। हालांकि, इस दौरान ग्रामीण महंगाई में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। ग्रामीण महंगाई फरवरी के 5.34 फीसदी बढ़कर 5.45 फीसदी हो गई। मार्च के महीने में सब्जी और दाल की कीमतों में गिरावट दर्ज हुई है। सब्जी की महंगाई दर 28.34 फीसदी हो गई है, जो फरवरी के महीने में 30.25 फीसदी थी। इसके अलावा दाल की महंगाई दर 18.90 फीसदी से घटकर 17.1 फीसदी हो गई।

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक उपभोक्ता के दृष्टिकोण से वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में परिवर्तन को मापता है। केंद्रीय बैंक मूल्य स्थिरता बनाए रखने की अपनी भूमिका में इस आंकड़े का इस्तेमाल करता है। पूर्वानुमान से अधिक मजबूत आंकड़े आमतौर पर रुपये की मजबूती के लिए सहायक होते हैं, जबकि पूर्वानुमान से कमजोर आंकड़े आमतौर पर रुपये के लिहाज से नकारात्मक होते हैं।

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यह वेबसाइट Sumit Sir के निर्देशन में संचालित है। इस बेवसाइट पर सही और सटीक जानकारी सबसे पहले उपलब्ध कराया जाता है। सुमित सर के पास पिछले पांच साल से ऑनलाइन और ऑफलाइन पढाने का अनुभव है। धन्यवाद।

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