बिहार के सरकारी स्कूल में अब ऑनलाइन हाज़िरी बनेगा:-पटना जिले के सरकारी स्कूलों में पहले चरण में 131 हाई स्कूलों में बायोमेट्रिक्स के जरिये शिक्षकों की हाजिरी दर्ज की जाएगी। जिले के 131 हाई स्कूलों में इंटरनेट सेवा बहाल करने के लिए बीएसएनएल के साथ एग्रीमेंट किया गया है। एग्रीमेंट के तहत जिले के विभिन्न प्रखंडों में चयनित 131 स्कूलों की सूची बीएसएनएल की टीम को दे दी गई है। इसके साथ ही जिले के स्कूलों में बायोमेट्रिक मशीन लगाने की जिम्मेदारी मेसर्स एडविटेस सेंसिया प्राइवेट लिमिटेड को दी गई है।
हाई स्कूलों में बायोमेट्रिक हाजिरी की शुरुआत होने के बाद
हाई स्कूलों में बायोमेट्रिक हाजिरी की शुरुआत होने के बाद जिले के प्राथमिक व माध्यमिक स्कूलों में भी शिक्षकों की ऑनलाइन हाजिरी की शुरुआत की जाएगी। स्कूलों में शिक्षकों की ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज कराने के लिए ई-शिक्षा पोर्टल को भी डेवलप किया जा रहा है। पोर्टल पर तैयार किये गये ई शिक्षाकोष एप में आने वाली टेक्निकल दिक्कतों को भी दूर करने की शुरूआत कर दी गयी है।
प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में भी शुरू होगी ऑनलाइन हाजिरी
सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति ऑनलाइन दर्ज कराने के लिए शिक्षा विभाग की ओर से स्कूलों में इंटरनेट कनेक्शन लगाने का निर्देश दिया है। हाई स्कूलों में इंटरनेट सेवा और बायोमेट्रिक मशीन की स्थिति को परखने के लिए 30 दिसंबर को स्कूलों के प्रधानाध्यापक, बीएसएनएल की टीम और बायोमेट्रिक मशीन लगाने वाली कंपनियों की समीक्षा बैठक आयोजित की जाएगी। जिला शिक्षा कार्यालय की ओर से सभी स्कूल प्रबंधकों को टीचर्स प्रोफाइल को अपग्रेड करने के लिए कहा गया है। जिले में अबतक 55.65 प्रतिशत शिक्षकों का प्रोफाइल ही अपडेट हुआ है।
स्कूलों में बायोमेट्रिक हाजिरी शुरू होगी
पटना सदर- 26, पालीगंज 11, दुल्हिन बाजार- 7, बिक्रम- 6, बिहटा – 8, नौबतपुर 5, मनेर- 5, दानापुर- 5, संपतचक- 4, पुनपुन- 4, मसौढ़ी 6, धनरुआ- 7, फतुहा – 5, दनियावां 3, खुसरुपुर 2, बख्तियारपुर- 6, बाढ़- 5, मोकामा- 3, अथमलगोला 3, बेलछी- 3, घोसवरी- 1, पंडारक- 5.
शिक्षा विभाग देगा 27 लाख बच्चियों को सेनेटरी नेपकीन
सूबे के सरकारी स्कूलों में निःशुल्क व अनिवार्य शिक्षा देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गये हैं। वर्ग सात से बारहवीं कक्षा के 75 प्रतिशत उपस्थिति वाली अनुमानित 26 लाख 81 हजार 692 बच्चियों को सेनेटरी नेपकिन उपलब्ध कराने की योजना है। साथ ही उन्हें स्वास्थ्य संबंधित सामान्य जानकारी दी जायेगी।
पच्चीस प्रतिशत की सीमा तक प्रवेश होगाः
पच्चीस प्रतिशत की सीमा तक प्रवेश होगाः निः शुल्क और अनिवार्य प्रारंभिक शिक्षा के तहत वर्ग एक में कमजोर वर्ग और अलाभकारी समूह के बच्चों को नामांकन में कम-से-कम पच्चीस प्रतिशत की सीमा तक प्रवेश होगा। राज्य सरकार की ओर से राज्य के 70858 प्रारंभिक स्कूलों में मध्याह्न भोजन का संचालन किया जा रहा है। 61616 स्कूलों में बिहार शिक्षा समिति और 9242 स्कूलों में एनजीओ के सहयोग से मध्याह्न भोजन वर्ग एक से पांच के बच्चों को उपलब्ध कराया जा रहा है। यही नहीं इन स्कूलों में शौचालय की व्यवस्था की जा रही हैं। 11717 स्कूलों में 30379 शौचालय को चिह्नित कर निविदा जारी की गई है।
सफाई की जिम्मेवारी निजी एजेंसियों कोः शौचालय को साफ सुथरा रखने की जिम्मेदारी निजी एजेंसियों को देने की कार्रवाई की गई हैं।
सोशल जूरिस्ट केस में दायर की गई:
इस आशय का एक हलफनामा पटना हाईकोर्ट में शिक्षा विभाग के उप निदेशक की ओर से सोशल जूरिस्ट केस में दायर की गई हैं। इस केस की अगली सुनवाई की तारीख 22 दिसंबर तय की गई हैं।
22 दिसंबर को अगली सुमेवार ने भारती
- विभाग ने हलफनामा दायर कर दी जानकारी
- स्वास्थ्य के बारे में भी जानकारी दी जायेगी
सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की लगानी होगी तस्वीर
सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों से सभी बच्चे व अभिभावक रु-ब-रू हो सकें और उन्हें चेहरे से पहचान सके, इसके लिए हर स्कूल में शिक्षकों की तस्वीर लगानी अनिवार्य है. बिहार शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से जारी आदेश के मुताबिक सभी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को स्कूल में पढ़ाने वाले सभी शिक्षकों की तस्वीर और विषय की जानकारी रंगीन फ्लैक्स बोर्ड पर लगानी होगी. जिलों के सभी प्रखंड पदाधिकारियों से शिक्षकों की तस्वीर लगाने वाले स्कूलों की रिपोर्ट 25 दिसंबर तक मांगी गयी है.
25 तक मांगी रिपोर्ट
प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों में प्रधानाध्यापक कक्ष के बाहर या फिर स्कूल परिसर ऐसी जगह शिक्षकों की तस्वीर लगानी है, जहां सभी बच्चे और अभिभावकों की नजर पड़ सके. एक बोर्ड पर अधिकतम 10 शिक्षकों की तस्वीर लगानी होगी. अगर किसी स्कूल में शिक्षकों की संख्या अधिक है, तो वहां पर तय मानक के अनुसार ही शिक्षक बोर्ड लगाना होगा. इसके साथ ही शिक्षकों के स्थानांतरण, पद्दोन्नति व सेवानिवृत्ति के बाद इस बोर्ड को अपडेट किया जायेगा|
इस पहल से रुटीन के अनुसार या फिर शिक्षकों की तैनाती होने
इस बारे में पटना जिला कार्यक्रम पदाधिकारी श्याम नंदन ने बताया कि इस पहल से रुटीन के अनुसार या फिर शिक्षकों की तैनाती होने के बावजूद स्कूल नहीं आने वाले शिक्षकों की पकड़ आसान होगी. इसके साथ ही शिक्षक बोइओ के माध्यम से निरीक्षण के समय एक ही नजर में शिक्षकों का पूरा ब्योरा दिख जायेगा.
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