साल का पहला सूर्यग्रहण 8 को – ऐ काम करें खुलेगा आपका किस्मत:- मैक्सिको, उत्तरी अमेरिका और कनाडा 8 अप्रैल को पूर्ण सूर्य ग्रहण के गवाह बनेंगे। ‘पाथ ऑफ टोटैलिटी’ (ग्रहण मार्ग) में पड़ने वाले अमेरिका के कम से कम 12 राज्यों में इस दौरान करीब 4 मिनट तक दिन में अंधेरा छा जाएगा। इस अद्भुत घटना को देखने के लिए आसपास के इलाकों से करीब 50 लाख लोगों के पहुंचने की संभावना है। इसे देखते हुए होटलों की मांग भी 12 गुना तक बढ़ गई है।
दीवानगीः 8 अप्रैल को पूर्ण सूर्य ग्रहण के लिए महीनों पहले से तैयारी, 50 लाख लोग सफर को तैयार
एम्स्टर्डम में आईटी सलाहकार डो ट्रिन इस अद्भुत घटना को 30 हजार फुट की ऊंचाई से देखेंगे। इसके लिए उन्होंने चार महीने पहले से रिसर्च करके उन विमानों के रूट पता किए, जो | ग्रहण मार्ग से होकर गुजरेंगे। तीन गुना अधिक कीमत देकर दाई ओर की विंडो सीट ली। ट्रिन ग्रहण देखने के लिए 8 अप्रैल को सेंट एंटोनियो से डेट्रॉयट तक 30 घंटे का सफर करेंगे। लोगों की बेताबी को देखते हुए डेल्टा एयरलाइंस ने दो विशेष उड़ान का ऐलान किया, तो 83 हजार रु. की टिकटें हाथोहाथ विक गईं। वहीं, कई विमानन कंपनियां सरकार से घुमावदार रूट की मंजूरी में जुटी हैं ताकि दाई और बाई दोनों ओर की विंडो सीट पर बैठे लोग इस मनोरम दृश्य को आराम से देख सकें। इन सबको मिलाकर अगले 4 दिन में अमेरिका में सूर्य ग्रहण के लिए 13 हजार करोड़ रु. का कारोबार होने की संभावना है।
ट्रैफिक जाम से निपटने की तैयारी, लोगों से अपील-एक साथ न निकलें
वर्जीनिया के स्ट्रैसबर्ग में रहने वालीं मेलिसा 2017 में पूर्ण सूर्य ग्रहण को देखने के लिए 643 किलोमीटर दूर पहाड़ियों में गई थीं। तब 2 घंटे की दूरी तय करने में 6 घंटे लग गए थे। प्रशासन की ओर से इंतजाम में जुटे रिचर्ड कहते हैं, यह 30 ‘सुपर बोल’ या पार्टी एक साथ होने जैसा है। हजारों की भीड़ जुटेगी। हम लोगों से अपील कर रहे हैं कि ग्रहण के बाद एक साथ न निकलें।
4.4 करोड़ लोग ग्रहण देखेंगे पिछली बार से तीन गुना ज्यादा
विशेषज्ञों के अनुसार, इस बार ज्यादा उत्साह है। दरअसल, 2017 में लगे ग्रहण से इस बार ‘पाथ ऑफ टोटैलिटी’ 60% अधिक चौड़ा और इतना ही अधिक लंबा है। अमेरिका में अगला सूर्य ग्रहण 2045 में लगेगा।
- सूर्य ग्रहण के रूट में पड़ने वाले विमानों में टिकट की मांग 1500% तक बढ़ गई है।
- आईएसओ प्रमाणित चश्मों की विक्री भी वढ़ गई है। ये आंखों को सुरक्षित रखते हैं।
- पाथ ऑफ टोटैलिटी में पड़ने वाले इलाकों में 4.4 करोड़ लोग घटना के साक्षी बनेंगे।
- 2017 में करीब 1.1 करोड़ लोगों ने इसे देखा था।
- भारत में यह सूर्य ग्रहण नहीं दिखेगा। यहां 31 मई 2031 को होने वाला सूर्य ग्रहण दिखेगा।
साल का पहला सूर्यग्रहण 8 को, भारत में नहीं दिखेगा, इसलिए पूजा-पाठ कर सकेंगे
इस साल का पहला सूर्यग्रहण 8 अप्रैल को लगेगा। लेकिन, यह भारत में दिखाई नहीं देगा। इसके कारण भारत में सूतक काल भी नहीं लगेगा। ज्योतिर्वेद विज्ञान संस्था के निदेशक डॉ. राजनाथ झा ने कहा कि ग्रहण नहीं दिखने से उस दिन अमावस्या के मौके पर होने वाले धार्मिक कार्य स्नान, दान, पूजा-पाठ, पितरों के तर्पण आदि किए जा सकेंगे। महिलाएं अखंड सौभाग्य की कामना के लिए व्रत रखकर 108 बार संकल्प लेकर वट वृक्ष की परिक्रमा करेंगी।
बाधा नहीं• अमावस्या पर स्नान-दान, पूजा-पाठ, पितरों के तर्पण होंगे
वहीं दान-पुण्य करने के बाद बड़े-बुजुगों से आशीर्वाद प्राप्त करेंगी। चैत अमावस्या के दिन वासंतिक नवरात्र का अधिवास होता है। जहां भी वासंतिक नवरात्र के लिए दुर्गा माता की मूर्ति बनाकर पूजा की जाती है, वहां इस दिन माता का अधिवास होगा। उन्होंने कहा कि यह पूर्ण सूर्यग्रहण है, जो 8 अप्रैल को दोपहर 2:12 बजे से रात 2:22 बजे तक रहेगा। यह पूरी तरह से अमेरिका, कनाडा, मैक्सिको सहित अन्य देशों में दिखाई देगा। पंडितों और ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक ऐसा सूर्यग्रहण अब करीब 20 साल के बाद दिखाई देगा। यह साल का सबसे लंबा सूर्यग्रहण होगा।
पितरों के लिए किए गए दान-पुण्य विशेष फलदायी
पंडितों के अनुसार भारत में सूर्यग्रहण नहीं दिखाई नहीं देने से इसका कोई भी प्रभाव धार्मिक अनुष्ठान, पूजा-पाठ आदि पर नहीं पड़ेगा। इसलिए इसी दिन पड़ रही सोमवती अमावस्या विशेष फलदायी है। खासकर इस दिन ऐंद्र योग और उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र का भी उतम संयोग भी बन रहा है। इसके कारण इस दिन पितरों के लिए किए गए दान-पुण्य विशेष फलदायी रहेगा।
ग्रह गोचरों की युति
सोमवती अमावस्या के दिन सूर्य, चंद्र, राहु और शुक्र का योग और युति मीन राशि में बन रहा है। यह राजनेताओं में आरोप-प्रत्यारोप, धार्मिक कलेश, सामाजिक वातावरण का कारण बनेगा। वहीं अन्य ग्रहों की युति से भूकंप, आंधी-तूफान आदि से जनमानस को हानि पहुंच सकता है। यह चतुर्ग्रही योग धम की राशि मीन में बन रहा है। इसके कारण धार्मिक क्षेत्रों में विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। इस योग का प्रभाव आने वाले महीनों में पड़ेगा।
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